हार्ट सर्जरी - प्रकार और जोखिम
भारत में कार्डियोवास्कुलर रोगों (सीवीडी) के नए मामलों की संख्या प्रति वर्ष तेजी से बढ़ रही है। इसके साथ एक और प्रमुख चिंता का विषय यह है कि सीवीडी से पीड़ित युवा भारतीयों की संख्या भी बढ़ रही है।इसके मुख्य कारणों में उच्च रक्तचाप, मधुमेह, धूम्रपान, शारीरिक निष्क्रियता, मोटापा शामिल हैं, जो भारतीयों में ह्रदय की बीमारियों के बढ़ते कारण में योगदान कर रहे हैं।
भारत में एक अग्रणी मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल के रूप में और दिल के ऑपरेशन के लिए सर्वश्रेष्ठ अस्पतालों में से एक मेदांता अस्पताल जागरूकता फैलाने और विभिन्न स्वास्थ्य सम्बंधित विषयों, विभिन्न रोगों के नियंत्रण और विशेषज्ञों द्वारा अनुभव साझा करने में मदद करता है।
हृदय सर्जरी क्या होती है?
व्यक्ति को किसी न किसी प्रकार की हृदय संबंधित स्थितियों का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन ऐसी सभी समस्याओं के लिए उन्हें सर्जरी करवाने की ज़रूरत नहीं होती है। स्वस्थ जीवनशैली बनाए रखना, स्थिति से संबंधित विशेषज्ञ डॉक्टर्स द्वारा निर्धारित दवाओं का सेवन करना, या कुछ गैर-सर्जिकल या मिनिमल-इनवेसिव प्रक्रियाओं को करवाने से हृदय स्थितियों को नियंत्रित किया जा सकता है।
हालांकि, कुछ मामलों में जैसे कोरोनरी धमनी की आंशिक या पूर्ण रुकावट के कारण हृदय के कार्यक्षमता में कमी, हृदय वाल्व में दिक़्क़त, असामान्य हृदय गति, या हार्ट फेलियर की स्थिति में मरीजों को हृदय की सर्जरी करवाने की सलाह दी जा सकती है। हृदय विशेषज्ञों द्वारा हृदय की स्थिति, मरीज की आयु और अन्य स्वास्थ्य कारकों को ध्यान में रखकर उनके लिए सही प्रकार की हृदय सर्जरी सुझाए जाती है।
ओपन हार्ट सर्जरी के प्रकार
ओपन हार्ट सर्जरी में, कार्डिओसर्जन छाती में एक चीरा लगा कर पसली को खोलते हैं, और आमतौर पर ह्रदय सर्जरी करते समय मरीज को एक कृत्रिम हृदय से जोड़ा जाता है।
सामान्य ओपन हार्ट सर्जरी प्रक्रियाएँ निम्न प्रकार की होती हैं:
हृदय बाईपास सर्जरी - हृदय बाईपास सर्जरी का उपयोग प्लॉक (वैक्सी पदार्थ) के जमा होने के कारण होने वाली हृदय धमनियों में रुकावट को ठीक करने के लिए किया जाता है। इस प्रक्रिया में, हृदय सर्जन आपके शरीर के दूसरे हिस्से से एक स्वस्थ नस या धमनी निकलता है और इसे रुकावट के ऊपर और नीचे से जोड़ता है, अर्थात इसे बंद होने वाली हृदय धमनी से जोड़ता है। इस तरह, नई ग्राफ्ट की गई धमनी कोरोनरी धमनी को बाईपास करती है और हृदय तक बिना रुकावट के रक्त पहुंचाने में मदद करती है। अधिकांश मामलों में, इस प्रक्रिया में एक या दो से अधिक हृदय धमनियों को ग्राफ्ट किया जाता है।
ऐन्यूरिज़्म रिपेयर के लिए सर्जरी - एक धमनी या हृदय मांसपेशी की दीवार एक गुब्बारे की तरह फूल सकती है या उभर सकती है। इस उभार को एन्यूरिज़्म कहा जाता है, जो समय के साथ बढ़ सकता है और फट भी सकता है, जिससे अंदरूनी रक्तस्राव हो सकता है जो जानलेवा हो सकता है। एन्यूरिज़्म के रिपेयर में सर्जरी की आवश्यकता होती है, जिसमें सर्जन द्वारा धमनी या हृदय मांसपेशी के क्षतिग्रस्त हिस्से को एक पैच या ग्राफ्ट से बदला जाता है।
हृदय वाल्व मरम्मत या प्रतिस्थापन सर्जरी - एक स्वस्थ हृदय के वाल्व "लीफलेट्स" नामक फ्लैप के माध्यम से अपने आप खुलते और बंद होते हैं जिससे रक्त एक हृदय कक्ष से दूसरे में और धमनियों में बिना किसी समस्या से बह सके। यदि फ्लैप सही ढंग से खुल या बंद नहीं होते हैं, तो पर्याप्त रक्त प्रवाहित नहीं हो सकता है या रक्त वापस वाल्व से लीक हो सकता है। इस तरह की समस्याओं को ठीक करने के लिए, हृदय सर्जन रोगियों को वाल्व मरम्मत या प्रतिस्थापन सर्जरी की सलाह दे सकते हैं।
हृदय प्रत्यारोपण - हार्ट ट्रांस्प्लांट आमतौर पर एक ह्रदय के कार्य करने की क्षमता खोने के इलाज के अंतिम विकल्प के रूप में माना जाता है जो उस व्यक्ति के लिए आवश्यक हो जाता है जिसका हृदय अपरिवर्तनीय रूप से क्षतिग्रस्त हो जाता है और जीवित रहने का एकमात्र मौका स्वस्थ हृदय के प्रत्यारोपण के माध्यम से होता है। यह एक लंबी सर्जरी होती है जो कुछ घंटों तक चलती है, और सर्जरी के बाद भी, मरीज को आईसीयू में निगरानी में रखा जाता है, जहाँ अतिरिक्त तरल को छाती से निकालने के लिए ट्यूब लगाये जाते हैं।
वीएडी या टीएएच को लगाने के लिए सर्जरी - एक कमजोर हृदय वाले मरीज के मामले में, सर्जन हृदय कार्य और उचित रक्त प्रवाह को बनाये रखने के लिए एक यांत्रिक पंप, वेंट्रिक्युलर असिस्ट डिवाइस (वीएडी), लगाने की सलाह दे सकता है। वहीं, टोटल आर्टिफिशियल हार्ट (टीएएच) यंत्र का उपयोग हृदय की निचली दो वेंट्रिकल्स की जगह लेने के लिए किया जाता है, जो हार्ट फेलियर के कारण कमजोर हो जाते हैं। इन उपकरणों को लगाने के लिए मरीज को ओपन हार्ट सर्जरी से गुजरना होता है।
अन्य हृदय प्रक्रियाएँ - ओपन हार्ट सर्जरी, जिसमें छाती की हड्डियों को काटा जाता है, की तुलना में मिनिमल इंवेजिव हृदय सर्जरी में सर्जन हृदय तक पहुंचने के लिए दाहिने भाग में छोटा चीरा लगता है। इससे निम्नलिखित प्रक्रियाओं को किया जा सकता है:
स्टंट लगाना - ऐंजियोप्लास्टी प्रक्रिया के दौरान, धमनियों में ब्लॉकेज को खोलने और रक्त प्रवाह में सुधार करने के लिए एक तार-जाल जैसी नलिका जिसे स्टंट कहा जाता है को धमनी में स्थापित किया जाता है।
ट्रांसमायोकार्डियल लेजर रिवेस्कुलराइजेशन (टीएमआर) - हृदय बाईपास सर्जरी या ऐंजियोप्लास्टी के लिए योग्य नहीं माने जाने वाले मरीजों में, सर्जनों सीने में गंभीर दर्द से राहत के लिए टीएमआर प्रक्रिया की सलाह देते है। इस प्रक्रिया में, लेजर तकनीक का उपयोग करके दिल के पंपिंग चैंबर में छेद किया जाता है।
कार्डियक कैथीटेराइजेशन - इस प्रक्रिया में, एक बहुत पतली, खोखली और लचीली नलिका जिसे कैथेटर कहा जाता है, को एक रक्त वाहिका के माध्यम से हृदय में डाला जाता है। इस डाली गई ट्यूब का उपयोग कर सर्जन हृदय की कार्यप्रणाली की जाँच करने, किसी भी अंतर्निहित हृदय स्थिति की जाँच करने और यथासंभव कुछ स्थितियों का इलाज करने के लिए उपयोग किया जाता है जैसे अनियमित हृदय गति और बंद धमनियाँ।
हृदय सर्जरी के साथ जुड़े जोखिम
किसी भी प्रकार की ओपन हार्ट सर्जरी महत्वपूर्ण और बड़ी सर्जरी होने के कारण इसमें कुछ खतरे होते हैं जिनमें से कुछ मुख्य निम्नलिखित हो सकते हैं:
a) रक्तस्राव
b) अर्रीथमिया या अनियमित हृदय गति
c) स्मृति का नुकसान या कोई अन्य प्रकार का कॉग्निटिव इम्पेयरमेंट
d) सर्जरी के स्थान पर संक्रमण
e) स्ट्रोक की संभावना
f) एनेस्थेसिया के प्रभाव
g) हृदय/किडनी/यकृत/फेफड़ों के ऊतकों में क्षति
जिन मरीज़ों में अन्य बीमारियाँ जैसे मधुमेह होती हैं, उनमें हृदय सर्जरी के दौरान या बाद में संक्रमण के अधिक जोखिम में हो सकते हैं।
निष्कर्ष
मेदांता में, देश के शीर्ष हृदय विशेषज्ञ और कार्डिओसर्जनों की एक व्यापक टीम मौजूद है, हमारे पास सबसे अग्रणी और आधुनिक तकनीक है, जो हृदय सर्जरी में सफलता दर को बढ़ाने में योगदान देती है।