रूमेटाइड आर्थराइटिस (Rheumatoid arthritis) के 10 ऐसे अदृश्य लक्षण जिनके बारे में किसी को पता नहीं होता
रूमेटाइड आर्थराइटिस एक ऐसा ऑटोइम्यून विकार है जो तब होता है जब हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली गलती से बाहरी हानिकारक पदार्थो की बजाय शरीर की ही कोशिकाओं पर हमला करना शुरू कर देती है। ऑस्टियोआर्थराइटिस के विपरीत, जो जोड़ों के टूट-फूट के कारण शुरू होता है, रूमेटाइड आर्थराइटिस जोड़ों की बाहरी परत को प्रभावित करता है, जिससे जोड़ों में दर्द और सूजन हो जाती है। जो अंततः हड्डी और जोड़ों को नुकसान पहुंचा सकती है। लोगों को गठिया (arthritis) से उत्पन्न होने वाली हड्डियों और जोड़ों के स्वास्थ्य में गिरावट के बारे में पता होता है, लेकिन वे यह नहीं जानते कि रूमेटाइड आर्थराइटिस शरीर के अन्य भागों को भी हानि पहुंचा सकता है।
आइए रुमेटीइड आर्थराइटिस के 10 छिपे हुए लक्षण जिन्हें अक्सर अनदेखा कर दिया जाता है, के बारे में जानकारी प्राप्त करते हैं:
फेफड़ों का स्वास्थ्य
रूमेटाइड आर्थराइटिस की जोड़ों के लक्षण के अलावा लक्षणों में से सबसे आम फेफड़ों का खराब स्वास्थ्य है। जो लोग अधिक धूम्रपान करते हैं या जिनमे रूमेटाइड कारक अधिक मात्रा में उपस्थित होते हैं, उन लोगों में रूमेटाइड आर्थराइटिस के कारण फेफड़ों की कई बीमारी होने की संभावना अधिक होती हैं।
रूमेटाइड आर्थराइटिस के कारण होने वाली फेफड़ों की बीमारियाँ निम्न हैं:
● इंटरस्टिशियल लंग डिजीस (ILD): रूमेटाइड आर्थराइटिस के कारण फेफड़ों में सूजन हो जाती है, जिसके कारण अतिरिक्त ऊतक का निर्माण होता है जो सांस लेने में दिक़्क़त पैदा करता है।
● फाइब्रोसिस: पल्मोनरी फाइब्रोसिस आपके फेफड़ों के ऊतकों को नुकसान पहुंचाता है जिससे ऊतक कठोर हो जाते हैं। ये कठोर ऊतक आपके फेफड़ों के कार्य में हस्तक्षेप करते हैं, जिससे आपको सांस की कमी महसूस होती है।
● रूमेटाइड नोड्यूल: रूमेटाइड नोड्यूल छोटी-छोटी गांठें होती हैं जो फेफड़ों के साथ-साथ शरीर के अन्य अंगों में भी बन सकती हैं। यदि फेफड़े में ये नोड्यूल फट जाते है, तो यह फेफड़े के गंभीर रोग (lung collapse) का कारण बन सकते है।
मानसिक स्वास्थ्य
रूमेटाइड आर्थराइटिस व्यक्ति के दैनिक जीवन और कामकाज पर गहरा प्रभाव डाल सकता है। यह आपके कार्य करने की गति को धीमा कर सकता है और आपको वह काम करने से रोक सकता है जो आप पहले फुर्ती से करते थे या जिसे करने में आपको आनंद आता था। इससे आपमें आत्मविश्वास की कमी, निराशा और क्रोध की भावना पैदा हो सकती है। इसके कारण व्यक्ति अवसाद, तनाव, और चिंता से भी ग्रसित हो सकता है।
पाचन संबंधित समस्याएँ
रूमेटाइड आर्थराइटिस से आपके पाचन तंत्र में सूजन आ सकती है। कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली और विभिन्न दवाओं के मिले जुले प्रभाव के कारण आपको अल्सर, दस्त, कब्ज, इरिटेबल बोवेल सिंड्रोम (IBS), और रक्तस्राव जैसे पेट से संबंधित लक्षण महसूस हो सकते हैं। कुछ खाद्य पदार्थों के प्रति संवेदनशीलता भी उत्पन्न हो सकती है।
थकान
रूमेटाइड आर्थराइटिस वाले व्यक्तियों को साधारण से ज़्यादा थकान महसूस होती है। आपको ऐसा महसूस हो सकता है कि आपको फ्लू या बुख़ार है, और रात की अच्छी नींद भी आपको तरोताजा महसूस कराने के लिए पर्याप्त नहीं होती है। रूमेटाइड आर्थराइटिस के साथ तनाव और चिंता भी लगातार अत्यधिक थकान के कारण हो सकते हैं। यह दवाओं के दुष्प्रभाव की वजह से भी हो सकती है।
अत्यधिक पसीना आना
रूमेटाइड आर्थराइटिस अधिकतर फ्लू जैसे लक्षण पैदा कर सकता है, जिसके कारण आपको अत्यधिक पसीना आ सकता है। रूमेटाइड आर्थराइटिस में आपके शरीर की प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया हल्का बुखार और पसीने के लक्षण पैदा कर सकती है, जैसे कि फ्लू वायरस से लड़ने में होता है।
रिकवरी धीरे होना
रूमेटाइड आर्थराइटिस से होने वाली सूजन इम्युनिटी को कमजोर कर देती है, जिसके परिणामस्वरूप अन्य संक्रमणों और बीमारियों से लड़ने के लिए शरीर को दोगुनी मेहनत करनी पड़ सकती है । इस वजह से आपको सामान्य बीमारियों जैसे सर्दी खांसी से भी उबरने में सामान्य से अधिक समय लग सकता है।
आपकी पकड़ कमजोर होना
रूमेटाइड आर्थराइटिस से आपकी हड्डियाँ और जोड़ कमजोर हो जाते हैं जिससे आपकी कलाई और उंगलियों के जोड़ प्रभावित होते हैं। कलाई और उंगलियों की हड्डियों और जोड़ों में सूजन आपके लिए छोटी वस्तुओं को पकड़ना, जार खोलना, या लिखने या टाइप करने जैसी गतिविधियों में समस्या पैदा करती हैं।
मुँह सूखना और मसूड़ों की बीमारी
जब रूमेटाइड आर्थराइटिस लार ग्रंथियों को प्रभावित करती है तो व्यक्ति को शुष्क मुँह या ज़ेरोस्टोमिया नामक बीमारी हो सकती है। इस बीमारी में आपकी लार ग्रंथियां आपके मुँह को नम रखने के लिए पर्याप्त लार का उत्पादन नहीं कर पाती। और यदि इसका समय पर इलाज ना किया जाए तो इससे मसूड़ों की बीमारी या दाँत खराब हो सकते हैं।
दर्द और जकड़न का एहसास होना
रूमेटाइड आर्थराइटिस आपके जोड़ों में दर्द और अकड़न कर सकता है, चाहे आपने उन्हें थोड़ी देर के लिए ही नहीं हिलाया हो। इसे गेलिंग घटना (gelling phenomenon) कहते है, यह परिस्थिति तब होती है जब आपके जोड़ बहुत लंबे समय तक हिलते नहीं हैं, जिससे श्लेष द्रव या synovial fluid (आपके जोड़ की गुहाओं में पाया जाने वाला द्रव जो घर्षण को रोकता है) गाढ़ा हो जाता है। इसके कारण ही लंबे समय तक आराम करने के बाद जोड़ों को हिलाने में अकड़न महसूस होती है।
इसीलिए रूमेटाइड आर्थराइटिस होने पर व्यक्ति को रोज़ाना हल्के व्यायाम की सलाह दी जाती है ताकि रूमेटाइड आर्थराइटिस के लक्षण नियंत्रित रहें।
जल्दी-जल्दी बीमार होना
कई बार आपने यह महसूस किया होगा कि आप आसानी से बीमार पड़ जाते हैं, चाहे वह साधारण सर्दी जुकाम या फ्लू ही हो। ऐसा इसलिए होता है कि रूमेटाइड आर्थराइटिस के कारण आपका इम्यून सिस्टम कमजोर हो गया है। इसी वजह से आपको किसी बीमारी से ठीक होने में समय लगता हैं | रूमेटाइड आर्थराइटिस के इलाज के दौरान आप बार-बार संक्रमण और अन्य बीमारियों के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाते है। रूमेटाइड आर्थराइटिस आपके जीवन के हर एक पहलू चाहे वो शारीरिक हो या मानसिक को प्रभावित करता है। हालांकि, अगर शुरुआती अवस्था में ही इसका पता चल जाये तो रूमेटाइड आर्थराइटिस के लक्षणों को नियंत्रित किया जा सकता है।
This blog is a Hindi version of an English-written blog - 7 Need To Know Abo Things Youut Rheumatoid Arthritis (RA)