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रात्रि (Nocturnal) एपिलेप्सी

रात्रि (Nocturnal) एपिलेप्सी

आपके मस्तिष्क की कोशिकाएँ शरीर के अन्य अंगों, जैसे कि मांसपेशियों, तंत्रिकाओं, और आपके दिमाग़ के अन्य क्षेत्रों को में विद्युत तरंगों को भेज कर आपस में संचार करती हैं। कभी-कभी, जब इनमें ख़राबी जाती हैं, तो सिग्नल्स बहुत अधिक या फिर कम हो सकते हैं, जिसके कारण दौरा (seizure) पड़ सकता है।

 

दौरे एपिलेप्सी के किसी भी प्रकार से जुड़े हो सकते हैं, जो नींद के दौरान भी हो सकते हैं। एपिलेप्सी दौरे का सबसे आम कारण है। एपिलेप्सी की पुष्टि तब होती है जब आपको कम से कम 24 घंटे के अंतराल में दो या दो से अधिक अकारण दौरे आते हैं जिनका कारण कोई अन्य चिकित्सा स्थिति नहीं होती हैं। एपिलेप्सी का निदान आमतौर पर 10 वर्ष की आयु से नीचे के बच्चों और 55 वर्ष की आयु के ऊपर के वयस्कों में किया जाता है।

 

एपिलेप्सी में कई विभिन्न प्रकार के दौरे आते हैं, जिन्हें व्यापक रूप से जनरलाइज्ड सीज़र्स और फोकल, या आंशिक (partial) सीज़र्स के रूप में वर्गीकृत किया गया है। सोते समय होने वाले दौरे रात्रि के समय सीज़र्स से जुड़े होते हैं, जो सामान्यत: बचपन में शुरू हो जाते हैं। लगभग 70 से 80 प्रतिशत बेनाइन रोलैंडिक एपिलेप्सी से ग्रस्त बच्चों में दौरे उनके सोते समय होते हैं। 

 

प्रकार: 

 

रात्रिकालीन दौरे निम्न प्रकार की मिर्गी से जुड़े हैं:

  • जुवेनाइल मायोक्लोनिक एपिलेप्सी
  • जागने पर टॉनिक-क्लॉनिक सीज़र्स
  • बिनाइन रोलैंडिक को केंद्रीय टेम्पोरल स्पाइक्स के साथ बचपन की बिनाइन एपिलेप्सी कहते है।
  • इलेक्ट्रिकल स्टेटस एपिलेप्टिकस ऑफ स्लीप 
  • लैंडौ-क्लेफ़नर सिंड्रोम
  • फ्रंटल लोब ऑनसेट सीज़र्स 

 

शोधकर्ताओं के अनुसार, दो-तिहाई दौरे रात 8 बजे से सुबह 8 बजे के बीच आते हैं।

 

लक्षण 

 

माता-पिता या देखभाल करने वालों के लिए रात में दौरे को पहचानना कठिन हो सकता है, खासकर बच्चों में, लेकिन लक्षणों में निम्नलिखित शामिल हो सकते हैं:

  • जोर से रोना
  • सोते वक्त असामान्य आवाज़ें
  • अनैच्छिक मांसपेशी संकुचन (Convulsions)
  • शौचालय-प्रशिक्षित बच्चों का नींद में बिस्तर गीला करना
  • अचानक मांसपेशियों में ऐंठन या हाथ-पैरों में झटके आना
  • सोते समय जीभ काटना
  • बिस्तर से गिरना
  • अचानक जागना
  • सोते समय अजीब हरकतें या मुद्राएँ बनाना 

 

निदान 

 

नींद के दौरान आने वाले दौरे को आसानी से पैरासोमनिया के साथ भ्रमित किया जा सकता है, जो कि नींद संबंधी विकारों के एक समूह के लिए एक व्यापक शब्द होता है, और इसलिए इसका निदान करना कठिन हो सकता है। नींद संबंधी विकारों में शामिल हैं:

  • नींद में चलना 
  • दांत पीसना
  • रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम

 

एपिलेप्सी और नींद विकारों के बीच अंतर को निर्धारित करने और नींद विकारों के निदान की पुष्टि करने के लिए, डॉक्टर को पूरा इतिहास लेने और दौरे के रूप और प्रकार का चयन करने की आवश्यकता होती है। पूछे जाने वाले प्रश्नों शामिल हो सकते हैं:

  • दौरों के प्रकार
  • दौरे कब शुरू हुए थे
  • एपिलेप्सी का पारिवारिक इतिहास
  • अन्य मौजूदा चिकित्सा स्थितियाँ

 

इस स्थिति का निदान के लिए ज़रूरी परीक्षणों में शामिल हो सकते हैं:

 

  • ईईजी द्वारा मस्तिष्क की विद्युत गतिविधियों की छवियाँ दर्ज करना 
  • सीटी स्कैन या एमआरआई में ब्रेन की संरचना
  • दौरे की गतिविधि का एक रिकॉर्ड

 

यदि आपको लगता है कि रात में आपके बच्चे या नवजात को दौरे पड़ रहे है, तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श करें। आप अपने बच्चे का मूल्यांकन कर सकते हैं:

 

  • उनके कमरे में एक बेबी मॉनिटर का उपयोग करें ताकि आप सुन सकें और देख सकें कि उन्हें रात में दौरा पड़ता है या नहीं।
  • असामान्य थकान, सिरदर्द, लार गिरना, उल्टियाँ, या सुबह में बिस्तर गीला मिलना जैसे लक्षणों पर ध्यान रखें।
  • एक सीजर मॉनिटर का उपयोग करें, जिसमें गति, शोर, और गीलापन के लिए सेंसर्स लगे होते हैं। 

 

उपचार एवं रोकथाम:

 

रात में मिर्गी का दौरा हानिकारक और कभी-कभी जानलेवा हो सकता है। सोते समय दौरे पड़ने के दौरान किसी व्यक्ति को अपने आप चोट पहुंचने की संभावना ज्यादा होती है। जो लोग रात्रि के समय दौरों का सामना करते हैं, उन्हें दौरे के दौरान और तत्काल बाद ही कम रक्त ऑक्सीजन स्तर का अनुभव हो सकता है। इसके अलावा, दौरे के बाद भी उनमें असामान्य मस्तिष्क गतिविधि जारी रखने की अधिक संभावना है।

 

सही प्रकार का उपचार इस बात पर निर्भर करता है कि व्यक्ति को किस प्रकार की मिर्गी है, दौरे का प्रकार, कारण, और किसी भी अन्य सह-मौजूदा चिकित्सा स्थिति या ऐसी कोई स्थिति है जो दौरों को ट्रिगर कर सकती है। उपचारों में निम्नलिखित शामिल हैं:

 

  • दवाएँ: एंटी-सीजर दवा, जैसे कि फेनिटॉइन, दौरे के ट्रिगर्स से बचाने में मदद करती हैं, जैसे कि नींद की कमी
  • आहार: अनुसंधानकर्ताओं ने सुझाव दिया है कि जिन लोगों को एपिलेप्सी का निदान हुआ है, उन्हें उच्च वसा, कम कार्बोहाइड्रेट वाला आहार या किटोजेनिक भोजन को प्राथमिकता देनी चाहिए।
  • सर्जरी: एक वेगस नर्व स्टिम्युलेटर या मस्तिष्क को विद्युत आवेग भेजने वाला सर्जिकल इम्प्लांट, जो दौरे का कारण बनाने वाले सिग्नल्स को रोकता है।
  • सुरक्षात्मक उपाय जैसे कि कम ऊँचा बिस्तर फ्रेम चुनना या गद्दों को ज़मीन पर रखना, बिस्तर के पास सुरक्षा चटाई जैसे कि जिमनास्टिक के लिए, टेबल लैंप की जगह दीवार पर लगे लैंप का उपयोग करना, बिस्तर से फर्नीचर को दूर रखना और एक रात्रि सीजर मॉनिटर का उपयोग करना जो जब व्यक्ति को दौरा पड़ने पर किसी प्रियजन को सूचित कर सकता है।

 

निष्कर्ष:

 

रात्रि के दौरे, या नॉक्टर्नल सीजर, सामान्यत: विशेष प्रकार की एपिलेप्सी होती हैं। यह बच्चों में सबसे सामान्य है, और लक्षणों को नोटिस करना और निश्चितता की कमी इस प्रकार की मिर्गी के दोष है, क्योंकि इसे नींद संबंधी विकारों के साथ भ्रमित किया जा सकता है। माता-पिता या देखभालकर्ता द्वारा सही रूप से निगरानी और मूल्यांकन महत्वपूर्ण होता है, और यदि एपिलेप्सी का संदेह है, तो आपको डॉक्टर से तत्काल परामर्श करना चाहिए। अधिकांश प्रकार की एपिलेप्सी सामान्यत: इलाज द्वारा ठीक हो सकती हैं। सही प्रकार की दवाओं और उपचार पद्धतियों के साथ, नॉक्टर्नल दौरों से बचा जा सकता है।

 

This blog is a Hindi version of an English-written Blog - Nocturnal Epilepsy

 

Dr. Atma Ram Bansal
Neurosciences
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