फेफड़ों के कैंसर के इलाज में सर्जरी का महत्व: डॉ. अरविंद कुमार
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फेफड़ों का कैंसर एक गंभीर बीमारी है, जिसका इलाज समय पर और सही तरीके से होना बहुत जरूरी है। इस लेख में, हम डॉ. अरविंद कुमार के विचारों के आधार पर फेफड़ों के कैंसर के इलाज में सर्जरी की भूमिका और महत्व के बारे में जानेंगे। डॉ. कुमार के अनुसार, सर्जरी फेफड़ों के कैंसर के इलाज का एक अत्यंत महत्वपूर्ण हिस्सा है।
फेफड़ों के कैंसर के इलाज में सर्जरी क्यों महत्वपूर्ण है?
डॉ. कुमार बताते हैं कि सर्जरी फेफड़ों के कैंसर के इलाज का एक बहुत ही अहम तरीका है। वास्तव में, यह एकमात्र ऐसी पद्धति है जिसमें हम कैंसर के पूर्ण नियंत्रण की बात कर सकते हैं। सर्जरी के माध्यम से, चिकित्सक कैंसर के प्रभावित हिस्से को निकालने और रोग को नियंत्रित करने का प्रयास करते हैं।
फेफड़ों के कैंसर के लिए सर्जरी के प्रकार
डॉ. कुमार ने फेफड़ों के कैंसर के इलाज के लिए तीन प्रमुख सर्जिकल विधियों का उल्लेख किया है:
1. पारंपरिक खुली सर्जरी
इस सर्जरी में, सर्जन छाती में बड़ा चीरा लगाकर और खोलकर सीधे फेफड़ों तक पहुंचते हैं। डॉ. कुमार के अनुसार, “इसमें हम ओपन सर्जरी करते हैं, छाती को खोलकर एक हाथ अंदर डालते हैं।” यह विधि, जिसे “कन्वेंशनल ओपन सर्जरी” भी कहा जाता है, कैंसर के प्रभावित हिस्से को निकालने में प्रभावी है। हालांकि, इसमें बड़ा चीरा लगाना पड़ता है, जो रिकवरी के समय को बढ़ा सकता है।
2. वीडियो-सहायक सर्जरी
यह एक आधुनिक तकनीक है जिसमें कई छोटे-छोटे चीरे लगाएं जाते हैं। डॉ. कुमार बताते हैं, “इसमें हम छोटे-छोटे चीरे लगाते हैं, इन चीरों में दूरबीन डालकर टीवी पर उसकी तस्वीर देखकर बाहर से औजारों की मदद से ऑपरेशन करते हैं।” इस विधि को “वीडियो-असिस्टेड थोरैकोस्कोपिक सर्जरी” या VATS भी कहा जाता है। यह तकनीक कम आक्रामक है और रोगी की जल्दी रिकवरी में मदद करती है।
3. रोबोटिक सर्जरी
यह सर्जरी का सबसे उन्नत रूप है। डॉ. कुमार इसके बारे में बताते हैं, “इसमें जब हम रोबोट को जोड़ देते हैं, तो सर्जन एक मास्टर कंट्रोल पैनल से ऑपरेशन करता है।” उन्होंने स्पष्ट किया कि रोबोट स्वयं ऑपरेशन नहीं करता, बल्कि सर्जन के निर्देशों का पालन करता है। यह तकनीक अत्यधिक सटीक और कम आक्रामक है।
डॉ. कुमार ने बताया कि आधुनिक सर्जिकल तकनीकें, जैसे वीडियो-सहायक और रोबोटिक सर्जरी, कई लाभ प्रदान करती हैं:
जल्दी रिकवरी: छोटे चीरों के कारण रोगी जल्दी ठीक हो जाते हैं।
कम दर्द: ऑपरेशन के बाद रोगियों को कम दर्द होता है।
कम रक्त की आवश्यकता: इन तकनीकों में रक्त की कम आवश्यकता होती है।
कम दर्द निवारक दवाओं की जरूरत: रोगियों को कम दर्द निवारक दवाओं की आवश्यकता होती है।
बेहतर सौंदर्यात्मक परिणाम: छोटे चीरों के कारण त्वचा पर कम निशान रहते हैं।
डॉ. कुमार ने यह भी बताया कि इन आधुनिक तकनीकों का सबसे बड़ा लाभ यह है कि रोगी कुछ ही हफ्तों में अपनी सामान्य जीवनशैली में लौट सकते हैं।
निष्कर्ष
डॉ. अरविंद कुमार के अनुसार, फेफड़ों के कैंसर के इलाज में सर्जरी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। आधुनिक सर्जिकल तकनीकें जैसे वीडियो-सहायक और रोबोटिक सर्जरी, रोगियों को बेहतर परिणाम और जीवन की गुणवत्ता प्रदान कर रही हैं। ये तकनीकें न केवल कैंसर के प्रभावी इलाज में मदद करती हैं, बल्कि रोगियों की रिकवरी और सामान्य जीवन में वापसी को भी तेज करती हैं। फेफड़ों के कैंसर से पीड़ित रोगियों के लिए, ये आधुनिक सर्जिकल विकल्प आशा की एक नई किरण हैं।
याद रखें, यदि आप या आपका कोई प्रियजन फेफड़ों के कैंसर से पीड़ित है, तो एक योग्य चिकित्सक से परामर्श लेना अत्यंत महत्वपूर्ण है। वे आपकी विशिष्ट स्थिति के लिए सबसे उपयुक्त उपचार विकल्प का सुझाव दे सकते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
फेफड़ों के कैंसर के लक्षण क्या हैं?
फेफड़ों के कैंसर के मुख्य लक्षण निम्नलिखित हैं:
लंबे समय तक बनी रहने वाली या बिगड़ती हुई खाँसी
आवाज भारी या कर्कश हो जाना
बलगम में खून दिखना
गहरी सांस, खाँसने या हंसने पर सीने में दर्द होना
सांस लेने में कठिनाई
बिना कारण वजन कम होना
फेफड़ों के कैंसर का क्या कारण है?
धूम्रपान फेफड़ों के कैंसर का प्रमुख कारण है, लेकिन वायु प्रदूषण, एस्बेस्टस, रेडॉन गैस के संपर्क में आना और आनुवंशिक कारक भी योगदान दे सकते हैं।
क्या धूम्रपान न करने वालों को फेफड़ों का कैंसर हो सकता है?
हाँ, निष्क्रिय धूम्रपान, वायु प्रदूषण, आनुवंशिक म्यूटेशन और व्यावसायिक जोखिम धूम्रपान न करने वालों में फेफड़ों के कैंसर का कारण बन सकते हैं।
क्या फेफड़ों के कैंसर का इलाज संभव है?
यह कैंसर की स्टेज पर निर्भर करता है। प्रारंभिक चरण के फेफड़ों के कैंसर के उपचार के परिणाम बेहतर होते हैं, जबकि उन्नत चरणों में अधिक गहन उपचार की आवश्यकता होती है।
This blog has been converted from the Youtube video- Lung Cancer: लंग कैंसर के इलाज में दूरबीन एवं रोबोटिक सर्जरी का महत्त्व | Dr. Arvind Kumar | Medanta