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फेफड़ों का कैंसर एवं रेडियोथेरेपी

फेफड़ों का कैंसर एक गंभीर बीमारी है जिसके इलाज में विभिन्न पद्धतियों का उपयोग किया जाता है। मेदांता के प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ. अरविंद कुमार ने फेफड़ों के कैंसर के उपचार में रेडियोथेरेपी की भूमिका के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी साझा की है। आइए जानते हैं कि फेफड़ों के कैंसर के इलाज में रेडियोथेरेपी कैसे मदद करती है।

फेफड़ों के कैंसर के उपचार में रेडियोथेरेपी का महत्व

डॉ. अरविंद कुमार के अनुसार, फेफड़ों के कैंसर के मरीजों के इलाज में रेडिएशन यानि रेडियोथेरेपी एक बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। जहां सर्जरी द्वारा स्थानीय (लोकलाइज्ड) ट्यूमर को निकाला जा सकता है, वहीं कई बार जब ट्यूमर अपनी सीमाओं से बाहर फैल जाता है या शरीर के अन्य हिस्सों में चला जाता है, तब अन्य उपचार पद्धतियों की आवश्यकता होती है।

ऐसी स्थिति में, डॉक्टर कीमोथेरेपी का उपयोग करते हैं, जो एक सिस्टमिक (पूरे शरीर पर प्रभाव डालने वाली) उपचार पद्धति है। साथ ही, इन ट्यूमर्स का इलाज किरणों के द्वारा भी किया जा सकता है। डॉ. कुमार बताते हैं कि सर्जरी के अतिरिक्त उपचार के रूप में रेडियोथेरेपी का बहुत महत्वपूर्ण स्थान है।

सर्जरी के लिए अनुपयुक्त मरीज

डॉ. कुमार यह भी बताते हैं कि कई मरीज विभिन्न कारणों से सर्जरी के लिए उपयुक्त नहीं होते हैं। इनमें शामिल हैं:

  • हृदय की बीमारी

  • फेफड़ों की बीमारी

  • यकृत (लिवर) की बीमारी

  • गुर्दे (किडनी) की बीमारी

इन स्वास्थ्य समस्याओं के कारण, ऐसे मरीज सर्जरी नहीं करवा सकते। कुछ मरीजों में प्राइमरी ट्यूमर ऐसी जगह पर होता है जहां सर्जरी द्वारा उपचार संभव नहीं होता।

रेडियोथेरेपी के प्रकार

डॉ. अरविंद कुमार बताते हैं कि छोटे आकार के ट्यूमर के लिए आजकल एसबीआरटी (SBRT - Stereotactic Body Radiation Therapy) नामक एक नई पद्धति का उपयोग किया जाता है। यह एक प्रकार की रेडियोथेरेपी है जिसे सीधे ट्यूमर पर लक्षित किया जाता है।

उनके अनुसार, चाहे वह एसबीआरटी हो या फिर पारंपरिक (कन्वेंशनल) रेडियोथेरेपी, फेफड़ों के कैंसर के मरीजों के इलाज में रेडियोथेरेपी आज एक बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

मल्टीडिसिप्लिनरी ट्यूमर बोर्ड का महत्व

डॉ. कुमार इस बात पर भी जोर देते हैं कि हर मरीज के लिए एक मल्टीडिसिप्लिनरी ट्यूमर बोर्ड का गठन किया जाता है। इस बोर्ड में:

  • सर्जन (शल्य चिकित्सक)

  • मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट (कैंसर विशेषज्ञ)

  • रेडिएशन ऑन्कोलॉजिस्ट (विकिरण चिकित्सक)

ये सभी विशेषज्ञ मिलकर मरीज की स्थिति पर चर्चा करते हैं और उसकी बीमारी की स्टेज के अनुसार सबसे उपयुक्त उपचार योजना तैयार करते हैं।

निष्कर्ष

फेफड़ों के कैंसर के उपचार में रेडियोथेरेपी एक महत्वपूर्ण विकल्प है, विशेष रूप से उन मरीजों के लिए जो सर्जरी के लिए उपयुक्त नहीं हैं। आधुनिक तकनीकों जैसे एसबीआरटी के विकास ने इस उपचार पद्धति को और अधिक प्रभावी बना दिया है। हर मरीज के लिए उपचार योजना विशेषज्ञों की एक टीम द्वारा तैयार की जाती है, जो मरीज की व्यक्तिगत स्थिति के अनुसार सबसे उपयुक्त इलाज सुनिश्चित करती है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

फेफड़ों के कैंसर के इलाज में रेडियोथेरेपी का क्या महत्व है?

रेडियोथेरेपी फेफड़ों के कैंसर के इलाज में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, विशेष रूप से जब सर्जरी संभव न हो या जब कैंसर फैल चुका हो।

कौन से मरीज सर्जरी के लिए उपयुक्त नहीं होते?

हृदय, फेफड़े, यकृत या गुर्दे की बीमारियों से ग्रस्त मरीज अक्सर सर्जरी के लिए उपयुक्त नहीं होते हैं।

एसबीआरटी क्या है?

एसबीआरटी (Stereotactic Body Radiation Therapy) एक आधुनिक रेडियोथेरेपी तकनीक है जिसका उपयोग विशेष रूप से छोटे आकार के ट्यूमर के इलाज के लिए किया जाता है।

मल्टीडिसिप्लिनरी ट्यूमर बोर्ड क्या है?

यह विभिन्न विशेषज्ञों का एक समूह है जिसमें सर्जन, मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट और रेडिएशन ऑन्कोलॉजिस्ट शामिल होते हैं। ये सभी मिलकर मरीज के लिए सबसे उपयुक्त उपचार योजना तैयार करते हैं।

क्या हर फेफड़ों के कैंसर के मरीज को रेडियोथेरेपी की आवश्यकता होती है?

नहीं, उपचार योजना मरीज की व्यक्तिगत स्थिति, कैंसर की स्टेज और अन्य स्वास्थ्य कारकों के आधार पर तय की जाती है।

This blog has been converted from the Youtube video- फेफड़ों का कैंसर एवं रेडियोथेरेपी

Dr. Arvind Kumar
Lung Transplant
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