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दिल का दौरा या हार्ट अटैक: महत्वपूर्ण तथ्य, जिसके बारे में आपको जानकारी होनी चाहिए

दिल का दौरा या हार्ट अटैक: महत्वपूर्ण तथ्य, जिसके बारे में आपको जानकारी होनी चाहिए

भारत में दिल का दौरा मौत के कारणों में से एक प्रमुख कारण है। अनुमान के अनुसार, भारत में हर साल होने वाली सभी मौतों में से लगभग 24.2% हृदय रोगों के कारण होती हैं। दिल का दौरा या मायोकार्डियल इन्फार्क्शन इसमें मुख्य योगदानकर्ता होता है। 2014 से 2019 तक हुए एक अनुसंधान में की गई जांच के अनुसार दिल का दौरा पड़ने की घटनाओं में 50% से अधिक बढ़त देखी गई है। टेलीविजन अभिनेता सिद्धार्थ शुक्ला और पार्श्व गायक केके के दिल का दौरा पड़ने से हुए आकस्मिक निधन ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। ऐसी ही भयानक घटना को होने से रोकने के लिए दिल के दौरे की मूल जानकारी और स्वस्थ जीवन शैली के परिवर्तन को समझने का समय गया है।

 

दिल का दौरा क्या है?


शरीर में सबसे महत्वपूर्ण मांसपेशियों में से एक है दिल। दिल परिसंचरण तंत्र के माध्यम से रक्त पंप करता है, जो जीवन के लिए आवश्यक ऑक्सीजन को पूरे शरीर में ले जाता है। दिल को सही ढंग से काम करने के लिए भी ऑक्सीजन-युक्त रक्त की एक सतत प्रवाह की आवश्यकता होती है। जब एक हृदय की रक्त प्रदान करने वाली रक्त वाहिकाओं में से किसी एक में रुकावट आने के कारण दिल को ऑक्सीजन की कमी होती है, तो यह हार्ट अटैक का कारण बनता है। मायोकार्डियल इन्फार्क्शन (एमआई) दिल के दौरे का एक ओर अन्य नाम होता है। जब दिल के दौरे के दौरान एक हृदयी धमनी ब्लॉक हो जाता है, जिसके परिणामस्वरूप दिल को पहुंचाई जाने वाली ऑक्सीजन की मात्रा सीमित हो जाती है। जितना अधिक समय इस ब्लॉकेज का इलाज नहीं किया जाता, यह दिल को उतना ही अधिक नुकसान पहुंचाता है। अंत में, दिल की मांसपेशियों को क्षति पहुंचती है, और अगर रक्त प्रवाह को पुनः बहाल करने के लिए इसका उपचार नहीं किया जाता है, तो दिल को स्थायी रूप से क्षति पहुंच सकती है।

 

दिल का दौरा: इसके क्या कारण होते हैं?


कोरोनरी हृदय रोग, जिसे कोरोनरी धमनी रोग भी कहा जाता है, तब होता है जब हृदय को रक्त पहुंचाने वाली रक्त धमनियाँ अवरुद्ध हो जाती हैं। एथेरोस्क्लेरोसिस, एक स्थिति है जिसमें वसा, कोलेस्ट्रॉल, और अन्य रासायनिक पदार्थ एकत्रित होने लग जाते हैं और धमनियों में प्लॉक का निर्माण करते हैं, इसके कारण धमनी अवरुद्ध हो सकती है। यह प्लॉक समय के साथ बड़ा हो सकता है, जो धमनी को संकुचित कर सकता है और इसे सख्त भी कर सकता है। इसके कारणवश दिल में रक्त का प्रवाह कम हो जाता है, जिससे दिल को सही रूप से काम करने के लिए आवश्यक ऑक्सीजन की आपूर्ति पूरी नहीं पाती है। दिल का दौरा पड़ने के अन्य कारण निम्नलिखित हो सकते हैं:

  • आपकी धमनियों में छोटे प्लॉक: ये आपकी रक्त वाहिकाओं को बंद नहीं कर सकते, लेकिन इन प्लॉक पर रक्त के थक्के बनने की संभावना अधिक होती है, जो रक्त प्रवाह में रुकावट उत्पन्न कर सकते हैं।
  • कोरोनरी धमनी में ऐंठन (Spasm) आना 
  • एम्बोलिज्म: जब एक खून का थक्का आपके रक्तप्रवाह में यात्रा करता है और आपकी कोरोनरी धमनी में फंस जाता है, तो यह कोरोनरी धमनी एम्बोलिज्म उत्पन्न करता है। यह आपकी धमनी में रक्त की धारा को बाधित कर सकता है।
  • आपके रक्त वाहिका में अपने आप से अचानक एक टीयर आना: अगर फटा हुआ ऊतक आपकी रक्त वाहिका को बंद कर देता है, तब रक्त के थक्के जमने या आपकी धमनी में रुकावट होने की संभावना बढ़ जाती है।

 

हार्ट अटैक के जोखिम कारक क्या हैं?


दिल के दौरे के मुख्य जोखिम कारक निम्नलिखित हैं:

  • मधुमेह
  • उच्च रक्तचाप
  • धूम्रपान 
  • रक्त कॉलेस्ट्रोल का उच्च स्तर 
  • अधिक वजन होना 
  • शारीरिक निष्क्रियता
  • आयु हार्ट अटैक के जोखिम को बढ़ाती है
  • अतीत में हार्ट अटैक या कोरोनरी धमनी खोलने की प्रक्रिया का इतिहास होना 
  • परिवार में प्रारंभिक दिल की बीमारी का इतिहास
  • हानिकारक, उच्च वसा और सोडियम युक्त आहार का सेवन

 

हार्ट अटैक: सामान्य लक्षण और संकेत


दिल के दौरे के सबसे सामान्य लक्षणों के बारे में जानकारी होना अत्यधिक महत्वपूर्ण होता है और यदि आप या आपको जानने वाले इस स्थिति का अनुभव कर रहे हैं, तो जल्दी मेडिकल सहायता प्राप्त करना भी अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। प्रारंभिक उपचार के महत्व को कम नहीं समझना चाहिए, यह जीवन और मौत के बीच का अंतर हो सकता है। लोग हार्ट अटैक के एक ही लक्षण या कई लक्षणों का मिश्रण अनुभव कर सकते हैं। दिल के दौरे के प्रमुख लक्षण निम्नलिखित हैं:

  • हार्ट अटैक के समय छाती के बीच में दर्द होता है, जो कुछ मिनटों तक बना रहता है या थोड़ी देर के बाद लौट आता है।
  • बांहों या छाती से शुरू होने वाला एक दर्द जो जबड़े, गर्दन, या शरीर की पीठ तक फैल सकता है।
  • सांस लेने में दिक़्क़त होना 
  • उल्टियाँ या मतली होना 
  • गैस बनना और पेट में असहजता महसूस होना 
  • बेहोशी या अचानक चक्कर आना
  • कमजोरी या चिंता
  • ठंडा पसीना
  • थकान

 

हार्ट अटैक से बचाव कैसे करें?


हार्ट अटैक से बचाव का सबसे महत्वपूर्ण पहलू है कि आप अपने जीवनशैली में परिवर्तन लाए, जो आपके हृदय, रक्त वाहिकाओं और शरीर को स्वस्थ और कुशल रूप से बनाए रखने में मदद करते हैं। दिल के दौरे को सफलतापूर्वक रोकने की कुंजी में हृदय-स्वस्थ आहार का सेवन, किसी भी प्रकार के तंबाकू का इस्तेमाल करना, और रक्तचाप को सामान्य बनाए रखना शामिल होता है। नीचे कुछ हार्ट अटैक को रोकने और अपने ह्रदय को स्वस्थ रखने के लिए महत्वपूर्ण सुझाव साझा किए गये हैं:

  • कुछ शारीरिक व्यायाम जैसे 30 मिनट की तेज़ चलने वाली गतिविधि को अपनी दैनिक जीवन का हिस्सा बनाएँ 
  • कम सोडियम और कम फैट वाले भोजन का सेवन करें।
  • अपने दवाओं को निर्देशानुसार लें और अपने डॉक्टर द्वारा निश्चित करी सभी अपॉइंटमेंट में जाएं।
  • हर रात कम-से-कम 7-8 घंटे की नींद लें।
  • ध्यान, योग, गरम स्नान करना, या अच्छी पुस्तक या मजाकिया फिल्म के साथ अकेले वक्त बिताकर ख़ुद को तनाव-रहित करें।
  • स्वस्थ वजन प्राप्त करने या बनाए रखने के लिए अपनी शारीरिक गतिविधि बढ़ाएं और आपके पास फल और सब्जियों जैसे पौष्टिक खाद्य पदार्थों का सेवन करें।

 

This blog is a Hindi version of an English-written Blog -  Heart Attack: Important Facts You Should Know

Dr Pramod Kumar
Cardiac Care
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