डायबिटीज़ फुट और डायबिटिक न्यूरोपैथी: विस्तृत समझ
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डायबिटीज़ या मधुमेह एक ऐसी बीमारी है जो शरीर के कई अंगों को प्रभावित कर सकती है। इसकी दो गंभीर जटिलताएँ हैं - डायबिटीज़ फुट और डायबिटिक न्यूरोपैथी। आज हम डॉ. राजीव पारख, जो मेदांता अस्पताल में वरिष्ठ सर्जन हैं, के साथ इन विषयों पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
डायबिटीज़ फुट: एक गंभीर जटिलता
डायबिटीज़ फुट क्या है?
डॉ. पारख के अनुसार, “डायबिटिक फुट एक ऐसी बीमारी है जो डायबिटिक मरीजों में होती है, जिनकी बहुत लंबे समय से डायबिटीज़ है और जिसका कोई नियंत्रण नहीं है।” यह स्थिति निम्नलिखित कारणों से उत्पन्न होती है:
पैरों में जख्म हो जाना
पैरों में सुन्नता आ जाना
पैरों की नसों में समस्या होना
डायबिटीज़ फुट के परिणाम
डायबिटीज़ फुट के गंभीर परिणाम हो सकते हैं:
डायबिटिक फुट इन्फेक्शन
नासूर का बनना
गंभीर मामलों में, पैर का एम्प्यूटेशन (काटना) भी हो सकता है
डायबिटीज़ फुट के कारण
डॉ. पारख बताते हैं कि डायबिटीज़ फुट के मुख्य कारण निम्नलिखित हैं:
पैर की रक्त वाहिकाओं में थक्का जमना, जिससे वे बंद हो जाती हैं
तंत्रिकाओं का खराब होना, जिससे पैरों में संवेदना कम हो जाती है
डायबिटिक न्यूरोपैथी: तंत्रिका तंत्र पर प्रभाव
डायबिटिक न्यूरोपैथी क्या है?
डॉ. पारख समझाते हैं, “डायबिटिक न्यूरोपैथी यानी डायबिटीज़ की वजह से जो तार की नसें जो दिमाग से चलकर सारे शरीर में फैलती हैं, उनका खराब हो जाना।”
डायबिटिक न्यूरोपैथी के लक्षण
पैरों में सुन्नता
संवेदना का कम होना या गायब होना
ठंडे-गरम का अहसास न होना
दर्द का अहसास न होना
डायबिटिक न्यूरोपैथी के प्रभाव
चोट लगने पर पता न चलना
जख्म का बड़ा होना और न भरना
गंभीर मामलों में नासूर बनना
डायबिटिक न्यूरोपैथी का शरीर के अन्य अंगों पर प्रभाव
डायबिटिक न्यूरोपैथी केवल पैरों तक ही सीमित नहीं है। डॉ. पारख बताते हैं कि यह शरीर के अन्य अंगों को भी प्रभावित कर सकती है:
पेट पर प्रभाव (गैस्ट्रोपैरेसिस)
पेट की नसों का खराब होना
भोजन के बाद रक्त का सही तरीके से न बहना
पेट में गैस बनना और अफारा आना
पेट में तकलीफ और दिक्कत होना
डॉ. पारख इस स्थिति को “डायबिटिक गैस्ट्रोपैरेसिस” कहते हैं।
डायबिटिक न्यूरोपैथी के शुरुआती संकेत
डॉ. पारख एक महत्वपूर्ण संकेत बताते हैं:
“जब आप चप्पल या जूते पहने हुए बिस्तर में चले जाएं और आपको लगे कि आपने जूते उतार दिए हैं, लेकिन वास्तव में आपने पहने हुए हों, तो यह डायबिटिक न्यूरोपैथी का एक शुरुआती लक्षण हो सकता है।”
डायबिटिक न्यूरोपैथी की रोकथाम और नियंत्रण
डॉ. पारख बताते हैं कि डायबिटिक न्यूरोपैथी का कोई सीधा इलाज नहीं है, लेकिन इसे नियंत्रित किया जा सकता है:
डायबिटीज़ को नियंत्रण में रखना
सही खान-पान
नियमित व्यायाम
पैरों की उचित देखभाल
चोट से बचाव
डायबिटिक फुट के मरीजों के लिए सावधानियाँ
डॉ. पारख डायबिटिक फुट के मरीजों के लिए निम्नलिखित सुझाव देते हैं:
करें:
पैरों की नियमित देखभाल
पैरों की नियमित जाँच
जख्म, चोट, या सूजन के लिए पैरों की जाँच
डायबिटीज़ को नियंत्रण में रखें
नियमित व्यायाम
न करें:
वजन न बढ़ने दें
बहुत टाइट जूते न पहनें
नुकीले जूते न पहनें
जूतों के बारे में सुझाव:
अच्छी फिटिंग वाले जूते पहनें
नरम जूते पहनें
कपड़े के जूते पहनना बेहतर है
चमड़े के टाइट जूतों से बचें
निष्कर्ष
डायबिटीज़ फुट और डायबिटिक न्यूरोपैथी गंभीर स्थितियाँ हैं, लेकिन सही देखभाल और प्रबंधन से इनसे बचा जा सकता है। डॉ. राजीव पारख की सलाह है, “अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें, लक्षणों पर ध्यान दें, और समय पर चिकित्सा सलाह लें।” याद रखें, जागरूकता और सावधानी आपके स्वास्थ्य की कुंजी हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
डायबिटिक फुट के क्या कारण हैं?
डायबिटिक फुट के निम्नलिखित मुख्य कारण होते हैं:
पैरों में जख्म हो जाना
पैरों में सुन्नता आ जाना
पैरों की नसों में समस्या होना
मैं डायबिटिक फुट को होने से कैसे रोक सकता हूँ?
डायबिटिक फुट को रोकने के लिए अपनी शर्करा के स्तर को नियंत्रित रखें, रोज़ाना अपने पैरों की जांच करें, आरामदायक जूते पहनें, नमी बनाए रखें, पैरों की चोटों से बचें और नियमित रूप से डॉक्टर से जांच करवाएं।
डायबिटिक न्यूरोपैथी के लक्षण क्या हैं?
पैरों में सुन्नता
संवेदना का कम होना या गायब होना
ठंडे-गरम का अहसास न होना
दर्द का अहसास न होना
पेट संबंधी समस्याएं
This blog has been converted from the Youtube video- What are Diabetic Foot & Diabetic Neuropathy? Why? How? Learn All | Dr. Rajiv Parakh | Medanta