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जानें किन 6 तरीकों से विटामिन B12 की कमी हमारे शरीर को प्रभावित कर सकती है.

जानें किन 6 तरीकों से विटामिन B12 की कमी हमारे शरीर को प्रभावित कर सकती है.

मानव शरीर में विटामिन्स और मिनरल्स को सोखने की अविश्वनीय क्षमता होती है। अपितु हमारी जीवनशैली और गैर-पौष्टिक आहार हमारी इस शक्ति को नुकसान पहुंचा सकते हैं।

 

यह एक वास्तविक तथ्य है की अधिकांश भारतीयों में विटामिन B12 की कमी होती है जिसके काफी अकल्पनीय दुष्परिणाम हो सकते हैं।

 

विटामिन B12, बी काम्प्लेक्स विटामिन्स में से एक विटामिन है। विटामिन बी काम्प्लेक्स में आठ विटामिन्स होते हैं। विटामिनों का ये समूह चूँकि पानी में घुल जाता है इसलिए ये हमारे शरीर से लगातार निकलता रहता है। यही कारण है की शरीर में विटामिन बी काम्प्लेक्स का उचित लेवल लगातार बनाये रखना अत्यंत आवश्यक है। एक रोचक तथ्य यह है की विटामिन बी समूह का हर एक विटामिन एक अलग कार्य करता है और खान पान के अलग-अलग स्रोतों से आता है।

 

 

विटामिन B12 से जुड़े कुछ रोचक तथ्य:

 

● विटामिन B12 लाल रक्त कोशिकाओं (RBCs) को बनाने में मुख्य भूमिका निभाते हैं। यह डीएनए को बनाने में और उनको नियंत्रित करने के लिए आवश्यक है। इसके अलावा मस्तिष्क कोशिकाओं के सुचारु रूप से कार्य करने के लिए भी विटामिन B12 जरूरी है।


● मानव शरीर खुद विटामिन B12 को बना नहीं सकता। इसके लिए हमें अन्य स्रोतों पर निर्भर रहना पड़ता है।


● विटामिन B12 सबसे बड़ा और सबसे काम्प्लेक्स विटामिन है।


● विटामिन B12 प्राकृतिक रूप से जानवरों में पाया जाता है। इसके अलावा इसको औद्योगिक रूप से बैक्टीरियल फेरमेंटशन से भी बनाया जा सकता है।


● जो लोग मांस नहीं खा सकते वह दूध और उससे बने उत्पाद, अंडे और अन्य फोर्टिफाइएड खाना से विटामिन B12 की आवश्यक मात्रा प्राप्त कर सकते हैं।

 

 

हमें रोज़ाना कितनी मात्रा में विटामिन B12 लेना चाहिए?

 

विटामिन B12 की जरूरी मात्रा आपकी उम्र, आपकी शारीरिक स्थिति और आपकी खान पान की आदतों पर निर्भर करती है।

 

आइए जानते हैं विभिन्न वर्ग समूह में विटामिन B12 की आवश्यक दैनिक मात्रा क्या है?
●    9 से 13 साल के बच्चों में: 1.8 mcg (मइक्रोग्राम्स)
●    14 से 18 साल के बच्चों में: 2.4 mcg
●    वयस्कों में : 2.4 mcg
●    गर्भवती महिलाओं में: 2.6 mcg

●    स्तनपान करवाने वाली महिलाओं में: 2.8 mcg

 

 

विटामिन B12 की कमी हमारे शरीर को कैसे प्रभावित करती है?

 

• शरीर में ताक़त की कमी और अत्यधिक थकावट

 

विटामिन B12 को एनर्जी विटामिन भी कहा जाता है क्यूंकि इसकी कमी से कमज़ोरी, भ्रम और थकावट हो सकती है। यह लक्षण इसलिए दिखाई देने लगते हैं क्यूंकि हमारा शरीर इस विटामिन की कमी के कारण जरूरी मात्रा में लाल रक्त कोशिकाओं का उत्पादन नहीं कर पाता जिससे ऑक्सीजन की सप्लाई प्रभावित हो जाती है।

 

ज़्यादातर समय हम इन लक्षणों को किसी और वजह से मान लेते हैं और विटामिन B12 की जाँच नहीं करवाते। लेकिन अगर हमें काफी समय से थकावट या कमज़ोरी महसूस हो रही है तो विटामिन B12 का टेस्ट अवश्य करवाएं।

 

• चक्कर आना और सांस फूलना

 

विटामिन B12 की कमी से शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं की संख्या कम हो जाती है जिससे एनीमिया हो सकता है। एनीमिया में चक्कर आना और सांस लेने में तकलीफ़ होना एक आम बात है। यह लक्षण तब और बढ़ जाते है जब आप थोड़ा सा भी अधिक परिश्रम कर लेते हैं।

 

लेकिन ये लक्षण किसी ओर बीमारियों की ओर भी संकेत कर सकते हैं। इसलिए किसी भी निष्कर्ष पर पहुँचने से पहले अपने डॉक्टर को अवश्य दिखाएं।

 

• जीभ में सूजन और मुँह में छाले

 

मेडिकल भाषा में जीभ की सूजन को ग्लोसाइटिस कहते हैं। ग्लोसाइटिस में जीभ का रंग और आकार बदल जाता है। जीभ लाल हो जाती है और कही बार इसमें सूजन और दर्द हो जाता है। स्वाद ग्रंथियाँ (taste buds) गायब हो जाती हैं जिससे जीभ की सतह चिकनी दिखाई देने लगती है। इन सभी लक्षणों के कारण आपका बोलने और खाने का तरीका प्रभावित हो जाता है। ग्लोसाइटिस अक्सर विटामिन B12 की कमी का प्रारंभिक संकेत होता है।

 

मुँह में छाले, जीभ में सुईओं जैसी चुभन और मुख में खुजली जैसी अनुभूति भी विटामिन B12 की कमी को दर्शाती है।

 

• देखने में धुंदलापन

 

विटामिन B12 की कमी के कारण देखने में परेशानी और धुंधलापन आ सकता है। कई बार देखा गया है की विटामिन B12 की कमी से ऑप्टिक तंत्रिका को नुकसान पहुँचता है। ऑप्टिक तंत्रिका दृष्टि संकेतों को आपके मस्तिष्क तक पहुंचाती है जिससे मनुष्य वस्तु को देखता है। जब ऑप्टिक तंत्रिका को नुकसान पहुँचता है तो दृष्टि संकेतों में विघ्न पड़ता है जिससे देखने में परेशानी हो सकती है। इस रोग को ऑप्टिक न्यूरोपैथी कहते हैं। ऑप्टिक न्यूरोपैथी को विटामिन B12 की कमी को पूरा करके पलटा जा सकता है।

 

• डिप्रेशन या अवसाद

 

विटामिन B12 की कमी से मूड में अप्रत्याशित बदलाव ( इनमें से ज्यादातर अवसाद से जुड़े होते हैं) दिखाई देने लगते हैं। एक हाइपोथिसिस के अनुसार विटामिन B12 की कमी के कारण होमोसिस्टीन का स्तर बढ़ सकता हैं जिससे मस्तिष्क के ऊतकों को नुकसान हो सकता है। इससे मस्तिष्क के संकेतों में रुकावट हो सकती है और न्यूरोट्रांसमीटर की कमी भी हो सकती है। न्यूरोट्रांसमीटर हमारे मस्तिष्क में वह रासायनिक पदार्थ हैं जो भावनाओं को नियंत्रित करते है। न्यूरोट्रांसमीटर की कमी के कारण अवसाद हो सकता है। बी12 से भरपूर खाद्य पदार्थ या सप्लीमेंट लेने से इस अवसाद को कम किया जा सकता है। लेकिन इस बात का ध्यान अवश्य रखना चाहिए कि अवसाद का एकमात्र कारण इस विटामिन की कमी नहीं है। इसलिए हमेशा अपने डॉक्टर की सलाह लें फिर किसी निष्कर्ष पर पहुंचे।

 

• तंत्रिका क्षति या झुनझुनी वाली संवेदना

 

यदि कोई व्यक्ति लम्बे समय से विटामिन B12 की कमी के शिकार है, तो उसे पेरेस्टेसिया नामक रोग हो सकता है। पेरेस्टेसिया में हमें हाथ और पैरों में चुभन होती है। इस चुभन के मुख्य कारण विटामिन B12 की कमी के कारण माइलिन नामक वसायुक्त पदार्थ का उत्पादन कम होना। माइलिन हमारी नसों को इन्सुलेट करके उनकी रक्षा करता है। B12 की कमी से माइलिन कम बनता है जिससे नसों में झुनझुनी पैदा होती है। यह झुनझुनी अन्य बिमारियों में भी हो सकती है इसलिए अपने डॉक्टर को दिखाकर ही किसी नतीजे पर पहुंचे।

 

 

किन व्यक्तियों में विटामिन B12 की कमी होने की सम्भावना अधिक रहती है ?

 

शुद्ध शाहकारी: शाहकारी लोगों में विटामिन B12 की कमी होने का अधिक जोखिम होता है क्योंकि यह लोग पूर्णतया अपने आहार के लिए पौधों पर ही निर्भर रहते हैं जैसे अनाज, सब्जियां या फल।


पर्निशिसीयस एनीमिया से पीड़ित व्यक्ति: पर्निशिसीयस एनीमिया एक ऑटोइम्यून बीमारी है जो की व्यक्ति में विटामिन B12 की कमी की सम्भावना को बढ़ाती है।


क्रोहन रोग, गैस्ट्रिटिस या इंफ्लेमेटरी बोवेल डिजीज से पीड़ित व्यक्ति: यह रोग हमारे शरीर की विटामिन B12 को सोखने की क्षमता को कम कर देते हैं।

 

दवाएं: विटामिन को सोखने के लिए एसिडिक पर्यावरण की आवश्यकता होती है। ऐसी दवाएं जो पेट में एसिड को कम करती हैं, विटामिन B12 की कमी का कारण बन सकती हैं।


वृद्धावस्था: वृद्ध लोगों में पेट में एसिड बनना कम हो जाता हैं जिसके कारण विटामिन B12 की कमी होने की संभावना अधिक होती है।

 

ज्यादातर मामलों में विटामिन B12 की कमी को आपके डॉक्टर द्वारा दिए गए सप्लीमेंट्स और उचित खाद्य पदार्थों के माध्यम से ठीक किया जा सकता है।

 

This blog is a Hindi version of English written Blog - 6 Ways a Vitamin B12 Deficiency Can Affect the Body

Dr. Prabhat Kumar Jha
Internal Medicine
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