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क्या ह्रदय की सर्जरी से मस्तिष्क में क्षति हो सकती है?

क्या ह्रदय की सर्जरी से मस्तिष्क में क्षति हो सकती है?

ह्रदय की शल्य चिकित्सा से वाली क्षति के कारण कई प्रकार के मस्तिष्क डैमेज जैसे एन्सेफैलोपैथी या कोमा या फोकल न्यूरोलॉजिकल डेफिसिट हो सकते हैं। मस्तिष्क क्षति के जोखिम कई कारकों पर निर्भर करता है, जिनमें सर्जरी का प्रकार, सर्जरी के दौरान और बाद में हाइपो-परफ्यूजन की सीमा, और सेरेब्रल एम्बोलिज़ेशन की रेंज शामिल है। 

 

हृदय शल्य चिकित्सा प्रक्रियाओं में हाल ही में किए गए परिवर्तन, जिसमें ऑफ-पंप सर्जरी भी शामिल है, के बावजूद भी कार्डियक सर्जरी के कारण होने वाली मस्तिष्क की क्षति की दर कम नहीं हुई है। हृदय शल्य चिकित्सा के बाद मस्तिष्क क्षति वाले व्यक्तियों में रिकवरी के लिए सर्जरी के बाद की दवाइयों का सही समय पर लेना और डोसेज का ध्यान रखना और विभिन्न रेहबिलिटेशन सेवाओं का प्रारंभिक उपयोग करना मुख्य आवश्यक चरण होते हैं। 

 

क्या हार्ट सर्जरी से ब्रेन डैमेज हो सकता है?

 

ह्रदय की सर्जरी के बाद क्षति होने का जोखिम रहता है। दिल की सर्जरी से व्यक्ति के मस्तिष्क को खतरा हो सकता है। हार्ट सर्जरी मस्तिष्क में होने वाली क्षति के सबसे आम कारणों में से एक है। 

 

संयुक्त राज्य अमेरिका में हर साल 5 लाख से अधिक ह्रदय की सर्जरी होती हैं। कई रोगी विभिन्न प्रकार की हृदय शल्य चिकित्सा से होने वाली जटिलताओं से पीड़ित हो सकते हैं, जिनमें से, शल्य चिकित्सा के बाद छह महीने तक मस्तिष्क कार्य में हानि या विचार हानि सबसे आम है। विभिन्न शोधकर्ताओं ने हृदय शल्य चिकित्सा से पहले और बाद में रोगी के मस्तिष्क को स्कैन करके यह निष्कर्ष निकाला है कि छोटी और लंबी अवधि दोनों प्रकार की शल्य चिकित्सा प्रक्रिया व्यक्ति के मस्तिष्क को प्रभावित कर सकती है। ब्रेन स्कैन और कई परीक्षण द्वारा रोगियों के ध्यान, एकाग्रता, हाथ-आँख समन्वय और अल्पकालिक स्मृति पर नज़र रखी गई है। इन परीक्षणों के परिणामों से यह पता चला कि सर्जरी के बाद मस्तिष्क के नए क्षेत्रों में रक्त प्रवाह पहले से कम हो गया था। 

 

ब्रेन स्कैन से यह भी पता चला कि हृदय शल्य चिकित्सा वाले मरीजों के दिमाग ने विशिष्ट यौगिकों के प्रति कुछ प्रतिक्रिया की, जिससे की कोशिकाओं की क्षति हुई। इन मस्तिष्क परिवर्तनों वाले रोगियों ने उनके सोच परीक्षणों पर भी तुलनात्मक कम स्कोर किया। हालांकि, ह्रदय सर्जरी के 10 से 14 दिनों के भीतर उनका मस्तिष्क कार्य पहले जैसा हो गया। रोगियों के दिमाग पर हृदय शल्य चिकित्सा के नकारात्मक प्रभाव हार्ट सर्जरी के कई हफ्तों बाद तक महसूस हो सकते हैं। हार्ट सर्जरी से पहले और बाद में स्मृति और एटेंशन परीक्षणों पर रोगियों के प्रदर्शन अलग-अलग हो सकते हैं। कई बार सर्जरी से पहले, रोगियों ने अपने स्मृति परीक्षण में कम अंक प्राप्त किए। हालांकि, यह सर्जरी से पहले की चिंता और मौजूद अंतर्निहित हृदय की समस्याओं के कारण भी हो सकता है। मस्तिष्क का वह क्षेत्र जो ध्यान देने में मदद करता है, क्षति के प्रति सबसे अधिक संवेदनशील होता है क्योंकि वह संरचना में सबसे जटिल होता है। इस प्रकार, अन्य बड़ी सर्जरी के समान, हार्ट सर्जरी में मानव मस्तिष्क को ऑक्सीजन की कमी, सूजन और कम शरीर के तापमान जैसे असामान्य तनाव के संपर्क में ला सकती है। यहां तक ​​कि सर्जरी के दौरान दिया गया पावर एनेस्थीसिया भी रोगियों में मस्तिष्क के कार्यों को प्रभावित कर सकता है।

 

ह्रदय शल्य चिकित्सा के बाद ब्रेन डैमेज के क्या कारण हैं?

 

हार्ट सर्जरी के कारण व्यक्ति के मस्तिष्क में सूजन आ सकती है, जिससे रोगियों के मस्तिष्क की कार्यक्षमता में अस्थायी गिरावट भी आ सकती है। इसके अलावा, हृदय शल्य चिकित्सा के दौरान रुधिर को रोगी के शरीर में सर्कुलेट करने के लिये फेफड़े या हृदय मशीन का उपयोग करने से भी छोटे हवा के बुलबुले बन सकते हैं, जिसके कारण अल्पकालिक मस्तिष्क क्षति हो सकती है। 

 

ह्रदय शल्य चिकित्सा के बाद ब्रेन डैमेज के क्या लक्षण होते हैं?

 

मानव मस्तिष्क एक जटिल अंग होता है, और इसका प्रत्येक क्षेत्र एक अलग कार्य करता है। हृदय की सर्जरी के बाद ब्रेन डैमेज के लक्षण क्षति के स्थान के आधार पर अलग-अलग हो सकते हैं। ब्रेन डैमेज के कुछ आम लक्षण निम्न हो सकते हैं:

  • कन्फ़्यूशन 
  • संतुलन प्रभावित होना 
  • दौरे आना (seizures)
  • सिर दर्द 
  • धुंधला दिखना 
  • याददाश्त की समस्या
  • स्पष्ट रूप से बोलने में कठिनाई आना 

 

मस्तिष्क के विशेष क्षेत्र में हुई क्षति के संकेत 

  • टेम्पोरल लोब: मस्तिष्क के साइड वाले भाग बोले गए शब्दों, स्मृति और सुनने को समझने के लिए जिम्मेदार होते हैं। टेम्पोरल लोब की क्षति इन सभी कार्यों पर असर डाल सकती है। 
  • फ्रंटल लोब: मस्तिष्क का अगला या सामने वाला भाग व्यक्तित्व, बोलने, निर्णय और भावनाओं के लिए जिम्मेदार होता है। इसमें क्षति के कारण व्यक्ति को व्यक्तित्व परिवर्तन, आवेगशीलता और ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई महसूस हो सकती है। 
  • ओसीपिटल लोब: मस्तिष्क का पिछला हिस्सा किसी व्यक्ति की दृष्टि को नियमित करता है, और इस हिस्से में क्षति से दृश्य में गड़बड़ी और दृष्टि की हानि भी हो सकती है। 
  • पैरिटल लोब: यह मस्तिष्क का मध्य भाग होता है जो आपकी सभी इंद्रियों पर नियंत्रण रखता है, और इस हिस्से में क्षति से व्यक्ति के स्वाद और सुनने की क्षमता प्रभावित हो सकती है।

 

ह्रदय शल्य चिकित्सा के बाद ब्रेन डैमेज का उपचार 

 

आमतौर पर ह्रदय शल्य चिकित्सा के कारण होने वाली कोग्नीटिव अक्षमता सर्जरी के कुछ हफ्तों के बाद अपने आप ठीक होने लग जाती है। लेकिन कई बार, जब यह लक्षण लगातार बने रहते हैं, और मस्तिष्क संबंधी जटिलताएँ समय के साथ अपने आप ठीक नहीं होती हैं, तो उपचार ज़रूरी होता है। डॉक्टर निम्न उपचार विकल्पों का उपयोग कर सकते हैं:

  • फिजिकल थेरेपी 
  • व्यावसायिक थेरेपी
  • हार्ट सर्जरी के बाद रोगियों की मदद के लिए लैंग्वेज, स्पीच, और साइकोलॉजिकल थेरेपी 

 

निष्कर्ष 

 

हार्ट सर्जरी के कारण मस्तिष्क की क्षति एक चिकित्सा आपातकालीन स्थिति नहीं होती है, लेकिन यदि सही समय पर पर्याप्त रूप से उपचार नहीं किया जाये तो यह जल्द ही एक आपातकालीन स्थिति बन सकती है। इसलिए अगर आप ऐसी किसी समस्या का सामना कर रहे हैं तो तुरंत अपने किसी नज़दीकी हॉस्पिटल से संपर्क करें।

Dr. Amit Chandra
Cardiac Care
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