अल्ज़ाइमर रोग: विश्व भर में अल्ज़ाइमर से जुड़े तथ्य और आंकड़े
आंकड़ों की माने तो अमेरिका में इस साल अल्ज़ाइमर के लगभग 500,000 नए मामले सामने आए हैं.पूरे विश्व में हर एक 3 सेकंड में किसी ना किसी में डिमेंशिया की बीमारी की पहचान की जाती है.आज हम अल्ज़ाइमर, जो डिमेंशिया का सबसे सामान्य रूप है, से जुड़े कुछ तथ्य जानेगें.
अल्ज़ाइमर से जुड़े कुछ तथ्य
अल्ज़ाइमर से जुड़े हुए कुछ तथ्य और आंकड़े इस प्रकार से हैं;
बढ़ती उम्र का अल्ज़ाइमर का सीधा संबंध नहीं है.
अल्ज़ाइमर एक ऐसे बीमारी है जिसमें आपके ब्रेन फंक्शन पर असर होता है. भूलने की आदत के साथ साथ आप रोजाना के काम करने में दिक्कत महसूस करने लगते हैं. हालांकि उम्र बढ़ने के साथ साथ हल्की भूलने की आदत हो सकती है लेकिन ज़रूरी नहीं के ये अल्ज़ाइमर ही हो. यह सामान्य डिमेंशिया भी हो सकता है.
अल्ज़ाइमर रोग के लिए आयु सबसे बड़ा जोखिम कारक है.
अल्ज़ाइमर से पीड़ित लोगों का प्रतिशत उम्र के साथ बढ़ता है: 5% लोगों की उम्र 65 से 74, 13% लोगों की उम्र 75-84, और 33% लोगों की उम्र 85 और उससे अधिक है.
अल्ज़ाइमर एक बढ़ती हुई महामारी है.
आंकड़ों की माने तो 65 वर्ष से अधिक उम्र के अनुमानित 6.5 मिलियन अमेरिकियों को अल्ज़ाइमर रोग है. 2050 तक आर इसे रोकने क कोई समाधान नहीं विकसित हुआ तो, अल्ज़ाइमर और डिमेंशिया से पीड़ित 65 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लोगों की संख्या 12.7 मिलियन तक पहुंचने का अनुमान है. अमेरिकी जनगणना का सुझाव है कि यह संख्या 16 मिलियन जितनी अधिक हो सकती है.
65 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लगभग 10% अमेरिकी वयस्कों में डिमेंशिया है, जबकि अन्य 22% में माइल्ड कोगनिटिव इम्पैर्मेंट है.अल्ज़ाइमर एक बढ़ती हुई महामारी है जो 23 मिलियन तक लोगों को प्रभावित कर सकती है.
अल्ज़ाइमर दुनिया भर में बढ़ रहा है.
माना जाता है कि दुनिया भर में, कम से कम 50 मिलियन लोग अल्ज़ाइमर रोग या अन्य डिमेंशिया के साथ जी रहे हैं. संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, यह कोलंबिया की जनसंख्या में अधिक है. यदि सफलताओं की खोज नहीं की जाती है, तो 2050 तक दर 152 मिलियन से अधिक हो सकती है.
जब आप इस सेंटेंस को पढ़ रहे हैं उसी दौरान दुनिया भर में किसी ना किसी में डिमेंशिया रोग का निदान हो रहा है.आंकड़ों की बात करें तो पूरी दुनिया में हर 3 सेकंड में एक डिमेंशिया का रोगी सामने आता है और हर 3 में से 1 वृद्ध की डिमेंशिया से मृत्यु हो रही है.
उच्च मनोभ्रंश जोखिम से जुड़ी पुरानी स्थितियां, जैसे कि हृदय रोग और मधुमेह, अश्वेत और हिस्पैनिक आबादी को असमान रूप से प्रभावित करती हैं, आंशिक रूप से काले और हिस्पैनिक आबादी के बीच डिमेंशिया ज्यादा देखने को मिलता है.
अल्ज़ाइमर पर होने वाला खर्च चौका देने वाला है.
दुनिया भर में डिमेंशिया देखभाल की लागत US$1 ट्रिलियन से अधिक होने का अनुमान है. विश्व बैंक के अनुसार, यह लगभग 2017 में पाकिस्तान के सकल घरेलू उत्पाद के बराबर है. पब्लिक फाइनेंशियल स्टेटमेंट की माने तो अल्ज़ाइमर पर होने वाला खर्च साल 2017 में एप्पल, जेपी मॉर्गन और बर्कशायर हैथवे जैसी 3 बहुत बड़ी कंपनियों के संयुक्त बेनिफिट से भी ज्यादा है.
अल्ज़ाइमर अमेरिका के हेल्थ केयर सिस्टम को कमजोर बना रहा है.
अल्ज़ाइमर रोग और अन्य डिमेंशिया वाले लोगों के लिए स्वास्थ्य देखभाल, दीर्घकालिक देखभाल और केयर के लिए कुल भुगतान 2018 में $290 बिलियन से बढ़कर 2050 में $1.1 ट्रिलियन (2019 डॉलर में) से अधिक होने का अनुमान है. सालाना स्वास्थ्य देखभाल का खर्च औसतन $4,500 अधिक है.
अल्ज़ाइमर रोग वाले लोगों को उनकी देखभाल के लिए दूसरों की आवश्यकता होती है, और बहुत बार ऐसा होता है की देखभाल करने वाले लोगों को उनकी समय और सेवाओं के अनुसार भुगतान नहीं किया जाता है.
हर साल, 16 मिलियन से अधिक अमेरिकी, आमतौर पर परिवार और दोस्त, अल्ज़ाइमर रोग और डिमेंशिया वाले किसी व्यक्ति के लिए बिना किसी वेतन के देखभाल करते हैं. यूएस ब्यूरो ऑफ लेबर स्टैटिस्टिक्स11 के अनुसार, यह पूरे अमेरिकी कर्मचारियों के दसवें हिस्से के बराबर होगा. 2017 में सामने आए आंकड़ों की बात की जाए तो लगभग इन लोगों ने 16 बिलीयन घंटे बिना किसी वेतन के अल्ज़ाइमर के मरीजों को देखभाल प्रदान की है.
बिना किसी वेतन के काम कर रहे केयर रिवर को भी है मदद की जरूरत..
अल्ज़ाइमर या फिर डिमेंशिया से जूझ रहे लोगों की देखभाल करना बहुत ही मुश्किल है. अगर परिवार या फिर रिश्तेदार भी ऐसा करते हैं तो यह ना सिर्फ उनका समय लेता है बल्कि उनके लिए बहुत ज्यादा इमोशनल स्ट्रेस भी लेकर आता है. ऐसे में अल्ज़ाइमर के मरीजों की देखभाल करने वाले लोगों में डिप्रेशन भी बहुत ज्यादा देखा गया है.
अगर कोई भी रिश्तेदार या फिर परिवार का सदस्य अल्ज़ाइमर से जूझ रहे व्यक्ति की मदद करता है तो यह ना सिर्फ उनकी हेल्थ पर असर करता है बल्कि उनके फाइनेंशियल सिक्योरिटी के आगे भी आता है.
अल्ज़ाइमर से मरने वालों की संख्या किसी भी अन्य बीमारी के मुकाबले ज्यादा है
COVID महामारी के कारण, 2019 से 2020 तक अल्ज़ाइमर से होने वाली मौतों की संख्या में 10.5% की वृद्धि के बावजूद, संयुक्त राज्य अमेरिका में अल्ज़ाइमर रोग छठे से सातवें स्थान पर मृत्यु का प्रमुख कारण बन गया है. 65 और उससे अधिक उम्र के लोगों के लिए, यह मौत का सातवां प्रमुख कारण है.
2020 में, COVID-19 ने अल्ज़ाइमर और डिमेंशिया से होने वाली मौतों में 17% की वृद्धि हुई है. को व्हाट्सएप मरने वाले वृद्ध लोगों में से लगभग 24% को डिमेंशिया पाया गया था.
2000 और 2016 के बीच, अल्ज़ाइमर रोग से होने वाली मौतों में 139% की वृद्धि हुई
इसके अलावा बहुत से अल्ज़ाइमर के रोगी अंडर रिपोर्टेड रहते हैं जिसके कारण इसकी जानकारी आंकड़ों में दर्ज नहीं हो पाती है. इस तरह से यह रोग विश्व भर में एक चिंता का विषय बना हुआ है.