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अपनी ह्रदय गति को नियंत्रित रखने के लिए मुख्य टिप्स

अपनी ह्रदय गति को नियंत्रित रखने के लिए मुख्य टिप्स

मनुष्य का ह्रदय एक मिनट में जितनी बार धड़कता है उसे व्यक्ति की हृदय गति कहा जाता है। इसे कभी-कभी पल्स रेट भी कहते है। सामान्य हृदय गति की गणना तब की जाती है जब कोई व्यक्ति आराम से बैठा या लेटा होता है और यह 60 से 100 बीपीएम (बीट्स प्रति मिनट) के बीच मापी गई है। सामान्य हृदय गति हृदय और शरीर के स्वास्थ्य का संकेत देती है। बढ़ती उम्र के साथ, आपको अपने संपूर्ण स्वास्थ्य की निगरानी रखने के लिए नियमित रूप से अपनी हृदय गति की जांच करना एक आवश्यक चरण होता है। हालाँकि, आपकी हृदय गति को कई कारक प्रभावित कर सकते हैं, जैसे मापने से ठीक पहले आप जो कर रहे थे उसके आधार पर आपकी हृदय गति भिन्न हो सकती है। ध्यान रखें कि हृदय गति को प्रभावित करने वाले कारकों में कुछ निम्नलिखित हैं: 

  • फिटनेस और आपका गतिविधि स्तर
  • उम्र का बढ़ना
  • धूम्रपान 
  • हृदय रोग का चिकित्सीय इतिहास
  • कोलेस्ट्रॉल का उच्च स्तर 
  • मधुमेह
  • हवा का तापमान
  • शरीर की स्थिति (चाहे आप खड़े हों या लेटे हों)
  • भावनाएँ
  • दवाएँ
  • शरीर का आकार (मोटा या पतला)

 

सामान्य हृदय गति: इसे कैसे मापा जाता है?

 

आप अपनी हृदय गति या पल्स रेट को मैन्युअल रूप से या हृदय गति मॉनिटर द्वारा माप सकते हैं। मैन्युअल रूप से अपनी नाड़ी की जांच कर आप अपनी हृदय गति को माप सकते हैं। आप अपनी तर्जनी और तीसरी उँगली को अपनी गर्दन पर अपनी श्वास नली के किनारे पर रख अपनी नाड़ी की जांच कर सकते हैं या अपनी बांह के अंगूठे की तरफ कलाई पर हड्डी और टेंडन के बीच दो उंगलियां रख कर माप सकते हैं। इसे मापने का दूसरा आसान तरीका यह है कि आप किसी भी दवा की दुकान से हृदय गति मॉनिटर खरीद लें जो स्वचालित रूप से आपकी हृदय गति माप सकता है। 

 

अपनी ह्रदय गति को मापने का आदर्श समय सुबह बिस्तर से उठने के बाद और कॉफी या चाय पीने से पहले होता है।

 

उच्च हृदय गति बनाम निम्न हृदय गति

 

विभिन्न कारणों के परिणामस्वरूप आपकी ह्रदय गति कम या अधिक हो सकती है। 60 स्पंदन (बीट) प्रति मिनट से कम हृदय गति को निम्न हृदय गति कहते हैं। इसे चिकित्सकीय भाषा में ब्रैडीकार्डिया कहा जाता है। वही दूसरी तरफ़, जब हृदय गति 100 बीट प्रति मिनट से अधिक हो जाती है, तो इसे उच्च हृदय गति या टैकीकार्डिया कहा जाता है। 

  • कम हृदय गति (ब्रैडीकार्डिया): यह स्थिति कुछ लोगों जैसे खेलते समय, में गंभीर नहीं होती है।  हालाँकि, यदि आपकी हृदय गति कम है और आप बेहोशी, थकावट या चक्कर आने जैसे लक्षण महसूस कर रहे हैं, तो आपको तुरंत अपने डॉक्टर को दिखाना चाहिए। अपनी पल्स की जाँच करके आप यह पता लगा सकते है कि आपकी हृदय गति कम है या नहीं।
  • उच्च ह्रदय गति (टैकीकार्डिया): इस स्थिति से ग्रसित कुछ व्यक्तियों को कभी कोई लक्षण या समस्या अनुभव नहीं होती है। हालाँकि, इससे स्ट्रोक, हृदय विफलता, अचानक हृदय गति रुकना या मृत्यु का ख़तरा बढ़ सकता है। टैकीकार्डिया के लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं, और यह मुख्यतः इस बात पर निर्भर करता है कि हृदय का कौन सा हिस्सा प्रभावित हुआ है। 

 

सामान्य ह्रदय गति में परिवर्तन के कारण 

 

हृदय गति में परिवर्तन करने वाले कुछ सबसे सामान्य कारण निम्नलिखित हैं:

  • मौसम में परिवर्तन: आर्द्रता या उच्च तापमान के मौसम के दौरान हृदय गति शरीर की ठंडक बढ़ाने के लिए बढ़ सकती है।
  • व्यायाम: शारीरिक परिश्रम के दौरान हृदय गति में वृद्धि होती है क्योंकि हृदय को सभी मांसपेशियों की कोशिकाओं तक तेजी से ऑक्सीजन पहुंचाना होता है।
  • भावनात्मक तनाव: अधिक भावनात्मक या दुखी महसूस करने से व्यक्ति को तनाव हो सकता है, जिससे हृदय गति बढ़ जाती है। 
  • हार्मोनल परिवर्तन: हार्मोन संतुलन में परिवर्तन या भिन्नता के कारण व्यक्ति की हृदय गति में उतार-चढ़ाव हो सकता है, जिसके परिणामस्वरूप पल्स रेट भी उच्च हो सकती है। 
  • दवाएँ: कुछ दवाएँ हृदय गति में अस्थायी तेज़ी का एक कारण बन सकती हैं। 
  • डर: डर (एक प्रकार का तनाव, जिसमें तीव्र भावना महसूस होती है) लगने के कारण भी हृदय गति बढ़ जाती है।

 

ह्रदय गति की नियंत्रित रखने के लिये आवश्यक टिप्स 

 

अपनी हृदय गति को नियंत्रण में रखने के लिए आप अपने दैनिक जीवन में कई उपाय अपना सकते हैं, जिनमें से कुछ लाभदायक उपाय निम्नलिखित हैं:

  • व्यायाम और अन्य शारीरिक गतिविधियाँ: नियमित व्यायाम और शारीरिक गतिविधियाँ आपके दिल को मजबूत रखने और इसकी कार्यक्षमता में सुधार लाने में मदद करती हैं। कुछ एक्टिविटी जैसे टहलना, बाइक चलाना, या योग भी आपके दिल के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हो सकते हैं।
  • धूम्रपान छोड़ना: धूम्रपान आपके शरीर की रक्त वाहिकाओं को संकीर्ण कर सकता है, जिसके परिणामस्वरूप हृदय गति बढ़ जाती है।
  • तनाव कम करना: लगातार तनाव से आपके शरीर में एड्रीनलिन और कोर्टिसोल नामक स्ट्रेस हॉर्मोन स्रावित होते हैं, जो रक्त में प्रवाहित होते हैं, जिसके कारण हृदय गति बढ़ जाती है। आपके शरीर को आराम देने से और तनाव कम करने से इस बढ़ी हृदय गति को कम करने में मदद मिलती है।
  • कैफीन और शराब का सेवन सीमित करना: शराब और कैफीन-युक्त पेय का अत्यधिक सेवन सामान्य हृदय गति को प्रभावित कर सकता है। अतः इनके सेवन से बचें और यदि इनका सेवन करना हो तो कम मात्रा में पीना चाहिए।
  • उचित नमक का स्तर बनाए रखें: अधिक नमक का उपयोग आपकी हृदय गति को प्रभावित कर सकता है। इसीलिए हमेशा कम नमक का सेवन करने का प्रयास करें। 
  • भोजन में मछली शामिल करें: अधिक मछली का सेवन हृदय गति को कम कर सकता है।
  • अपने भोजन में साबुत अनाज को शामिल करें: साबुत अनाज कोलेस्ट्रॉल, रक्त शर्करा के स्तर और रक्तचाप के स्तर को कम करने में मदद करता है, जिसके परिणामस्वरूप हृदय स्वस्थ होता है और हृदय गति सामान्य हो जाती है। 
  • हरी पत्तेदार सब्ज़ियों का सेवन करें: ये सब्ज़ियाँ विटामिन K1 का एक समृद्ध स्रोत होती हैं, जो हृदय स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है। पत्तेदार सब्जियाँ और ताजे फल जैसे खट्टे फल, हरे सेब, बीन्स, मिर्च आदि को अपने दैनिक आहार में शामिल करने से हृदय गति को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है।
  • ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करें: ओमेगा-3 फैटी एसिड उच्च हृदय गति को कम करने में मदद करता है। इनमें चिया बीज, अलसी के बीज, टोफू, बादाम, जैतून, जैतून का तेल और एवोकैडो शामिल हैं।

This blog is a Hindi version of an English-written Blog - Tips to Keep Your Heart Rate Under Check

Dr Ajay Kumar Sinha
Cardiac Care
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