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Breast Cancer

ब्रेस्ट कैंसर की चपेट में कम उम्र की लड़कियां भी क्यों आ रही हैं?

स्तन कैंसर, जो कभी केवल बड़ी उम्र की महिलाओं को ही प्रभावित करता था, अब युवा लड़कियों में भी तेज़ी से बढ़ रहा है। यह चिंताजनक रुझान न केवल अनिवार्य जागरूकता का विषय है, बल्कि इसको समझने की भी आवश्यकता है। इस ब्लॉग में, हम युवा महिलाओं में स्तन कैंसर के बढ़ते मामलों, इसके कारणों, लक्षणों, और बचाव के उपायों पर गहनता से चर्चा करेंगे।


20-30 वर्ष की उम्र की लड़कियों में कैंसर

हाल के वर्षों में, 20 से 30 वर्ष की आयु वर्ग की लड़कियों में स्तन कैंसर के मामले तेज़ी से बढ़ रहे हैं। यह एक ऐसी उम्र है जब ज्यादातर महिलाएँ अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग नहीं होती हैं और उन्हें कैंसर जैसी गंभीर बीमारी होने की आशंका भी नहीं होती है।

युवा महिलाओं में, स्तन कैंसर अक्सर निम्नलिखित विशेषताओं को प्रदर्शित करता है:

  • आक्रामक: यह तेज़ी से बढ़ता है और आसपास के ऊतकों में फैल सकता है।
  • पहचान में मुश्किल: युवा महिलाओं में स्तन घने होते हैं, जिससे गांठ का पता लगाना मुश्किल हो जाता है।
  • ट्रिपल-नेगेटिव: यह एक प्रकार का स्तन कैंसर है जो हार्मोन एस्ट्रोजन, प्रोजेस्टेरोन और HER2 के प्रति ग्रहणशील नहीं होता है, जिसके कारण उपचार चुनौतीपूर्ण हो जाता है।


क्या कहते हैं आंकड़े?

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के आंकड़े बताते हैं कि हर साल दुनिया भर में लगभग 2 मिलियन महिलाएं स्तन कैंसर का शिकार होती हैं, जिनमें से एक बड़ा हिस्सा युवा महिलाओं का होता है। भारत में भी, यह प्रवृत्ति चिंताजनक है।


क्यों बढ़ रहे हैं मामले?

युवा महिलाओं में स्तन कैंसर के बढ़ते मामलों के पीछे कई कारण हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • जीवनशैली में बदलाव: अस्वास्थ्यकर आहार, धूम्रपान, शराब का सेवन, व्यायाम की कमी, और तनावपूर्ण जीवनशैली।
  • पर्यावरणीय कारक: हवा और पानी में प्रदूषण, और कुछ रसायनों का संपर्क।
  • जेनेटिक प्रवृत्तियां: स्तन कैंसर का पारिवारिक इतिहास।
  • हार्मोनल असंतुलन: युवा महिलाओं में हार्मोनल परिवर्तन, जैसे कि पीरियड्स के समय, गर्भावस्था, गर्भनिरोधक दवाओं, या हार्मोनल रिप्लेसमेंट थेरेपी का उपयोग, स्तन कैंसर के बढ़ते मामलों में एक कारक हो सकते हैं।


युवा महिलाओं के लिए जोखिम कारक

स्तन कैंसर के खतरे को बढ़ाने वाले कुछ प्रमुख कारक हैं:

  • आनुवंशिक इतिहास: यदि तत्काल परिवार (माँ, बहन, और दुर्लभ रूप से पिता) में स्तन कैंसर का इतिहास है, तो युवा महिलाओं में इसका जोखिम बढ़ जाता है।
  • अनियमित मासिक चक्र: देर से पहला मासिक धर्म, देर से रजोनिवृत्ति, और अनियमित मासिक चक्र इसके जोखिम को बढ़ाते हैं।
  • अस्वास्थ्यकर जीवनशैली: अस्वास्थ्यकर बाहर का खाना, धूम्रपान, शराब का सेवन, और निष्क्रिय जीवनशैली स्तन कैंसर के बढ़ते मामलों में एक कारक हो सकते हैं।
  • उच्च वसा वाले भोजन का सेवन: संतृप्त और ट्रांस वसा से भरपूर भोजन का सेवन अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के  साथ-साथ स्तन कैंसर के जोखिम को भी बढ़ाते हैं।
  • मोटापा: अधिक वजन या मोटापा एक अहम जोखिम कारक माना जाता है।
  • शराब का सेवन: अधिक मात्रा में शराब का सेवन अन्य अंगों के कैंसर के साथ  स्तन कैंसर के जोखिम को भी बढ़ाता है। 


युवा महिलाओं में स्तन कैंसर का पता लगाना और निदान करना

युवा महिलाओं में स्तन कैंसर का पता लगाना आमतौर पर निम्नलिखित तरीकों से होता है:

  • आत्म-परीक्षण: स्तनों में गांठ या बदलाव के लिए नियमित रूप से स्वयं परीक्षा करना, इसके लिए आपको एक शीशे के सामने खड़े होकर अपने हाथ से अपने बग़ल और वक्षस्थल की अच्छे से छू कर जाँच करनी चाहिए। और इसके साथ-साथ किसी भी गांठ, छाला, या अन्य असामान्य संकेतों को ध्यान से नोट करना चाहिए।
  • नियमित चिकित्सकीय परीक्षण: डॉक्टर द्वारा स्तनों की शारीरिक जांच करवाना और यदि परिवार में स्तन कैंसर का इतिहास है, तो चिकित्सक से सलाह लेना चाहिए।
  • मैमोग्राफी: हालांकि यह जांच युवा महिलाओं के लिए हमेशा पहली पसंद नहीं होती क्योंकि उनके स्तन घने होते हैं, लेकिन कुछ मामलों में डॉक्टर इसकी सलाह दे सकते हैं।
  • अल्ट्रासाउंड: स्तन के ऊतकों की बेहतर तस्वीरें लेने के लिए अल्ट्रासाउंड का इस्तेमाल किया जा सकता है।
  • एमआरआई (MRI): कुछ मामलों में, खासकर यदि पारिवारिक इतिहास है या अन्य जांचों में संदेह होता है, तो एमआरआई की मदद ली जा सकती है।


युवा महिलाओं में स्तन कैंसर के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

युवा महिलाओं को अक्सर स्तन कैंसर से जुड़े कई सवाल होते हैं, जिनमें से कुछ निम्नलिखित हैं:

  • युवा उम्र में स्तन कैंसर के लक्षण क्या हैं?

युवा महिलाओं में स्तन कैंसर के लक्षण वयस्कों जैसे ही हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैं: स्तन में गांठ, स्तन के आकार या आकृति में बदलाव, निप्पल से तरल पदार्थ का निकलना, निप्पल का अंदर की ओर खिंचाव, और त्वचा में लालिमा या डिंपल्स होना। हालांकि, युवा महिलाओं में गांठ का पता लगाना मुश्किल हो सकता है।


  • युवा महिलाओं में स्तन कैंसर का उपचार कैसे होता है?

उपचार का तरीका कैंसर के चरण और प्रकार पर निर्भर करता है। इसमें सर्जरी, कीमोथेरेपी, रेडिएशन थेरेपी, हार्मोनल थेरेपी या इनमें से कुछ संयोजन शामिल हो सकते हैं।


  • युवा महिलाएँ स्तन कैंसर के जोखिम को कैसे कम कर सकती हैं?

नीचे कुछ तरीके बताएं जिनसे युवा महिलाएँ स्तन कैंसर के जोखिम को कम कर सकती हैं:

  1. स्वस्थ वजन बनाए रखें।
  2. संतुलित आहार लें जिसमें फल, सब्जियां और साबुत अनाज शामिल हों। 
  3. नियमित व्यायाम करें।
  4. शराब का सेवन सीमित करें या बिल्कुल न करें।
  5. धूम्रपान न करें।
  6. स्तनपान कराएं (यदि संभव हो)।
  7. हार्मोनल गर्भनिरोधक गोलियों के इस्तेमाल के बारे में डॉक्टर से सलाह लें।
  8. अपने स्तनों की नियमित रूप से स्वयं जांच करें और किसी भी बदलाव के बारे में डॉक्टर को बताएं।
  9. नियमित रूप से डॉक्टर से जांच करवाएं।

निष्कर्ष

युवा महिलाओं में स्तन कैंसर के बढ़ते मामले चिंता का विषय हैं। लेकिन जागरूकता बढ़ाकर, नियमित रूप से स्वयं की जांच करके और जल्दी निदान करवाकर इससे बचा जा सकता है। सक्रिय रूप से अपने स्वास्थ्य पर ध्यान देना और स्वस्थ जीवनशैली अपनाना युवा महिलाओं के लिए स्तन कैंसर के जोखिम को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

Dr. Rajeev Agarwal
Cancer Care
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