होंठों का कैंसर
मुँह के कैंसर के सबसे आम प्रकारों में से एक होंठों का कैंसर है। होंठों का कैंसर, होंठों की कोशिकाओं की असामान्य विकास है जो होंठों पर ट्यूमर और घाव बनाते हैं। अधिकांश ओरल कैंसर (होंठ के कैंसर सहित) का मुख्य कारण तम्बाकू और शराब का सेवन होता है। कैंसर के अन्य कारणों में धूप का दुष्प्रभाव और टैनिंग शामिल हो सकते हैं। होंठों का कैंसर मुख्यतः स्क्वैमस कोशिकाओं में शुरू होता है, ये पतली और सपाट कोशिकाएँ होंठों और मुँह की परत बनाती हैं। अगर लिप्स कैंसर का पता शुरूआती स्टेज में चल जाए तो इसका इलाज आसान और सफल होता है। पुरुषों में इस प्रकार के कैंसर का जोखिम अधिक होता है। कुछ व्यवहार और जीवन शैली विकल्प होंठ के कैंसर के जोखिम को बढ़ाते हैं।
आमतौर पर एक दंत चिकित्सक पहला व्यक्ति होता है जिसे होंठ के कैंसर के बारे में पता चलता है। इसका तुरंत उपचार करना आवश्यक होता है, वरना यह मुँह, जीभ, और शरीर के अन्य अंगों में फैल सकता है। जितनी जल्दी कैंसर का निदान और उपचार किया जाता है, उसे जड़ से हटाना उतना ही आसान होता है। होंठ कैंसर इलाज अत्यधिक सफल होता है क्योंकि होंठों पर उपस्थित घाव या अतिवृद्धि की उच्च दृश्यता के परिणामस्वरूप इसका पता शुरुआती चरण में ही चल जाता है।
होंठों के कैंसर के लक्षण
होंठों के कैंसर के कुछ मुख्य लक्षण और संकेत निम्न हैं:
- होंठ में दर्द या खून बहना
- जबड़े में सूजन
- मुँह में घाव, अल्सर, गांठ, फफोले या छाले होना
- होंठ, जीभ, मसूड़ों पर या मुँह की परत में सफेद या लाल धब्बे होना
- मुँह में लगातार दर्द महसूस होना
- लगातार गले में खराश रहना
होंठों के कैंसर के कारण
बहुत सारे कारक होंठों के कैंसर की वजह बनते हैं, जिसमें से कुछ निम्न हैं:
- तम्बाकू का सेवन
- अत्यधिक शराब पीना
- सूरज के संपर्क में ज़्यादा आना
होंठों के कैंसर के जोखिम कारक
कुछ प्रमुख जोखिम कारक निम्नलिखित हैं:
- पुरुष महिलाओं की तुलना में इस बीमारी के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं।
- 40 वर्ष से अधिक आयु के लोगों में होंठों के कैंसर विकसित होने की संभावना अधिक होती है।
- ह्यूमन पेपिलोमावायरस (एचपीवी) का संक्रमण
- धूम्रपान और अन्य तंबाकू पदार्थों का सेवन
- शराब का सेवन
- हल्के रंग की त्वचा
- सूर्य की सीधी किरणों के संपर्क में ज़्यादा समय तक रहना
होंठ के कैंसर की रोकथाम
होंठ के कैंसर की वृद्धि की रोकथाम के लिए निम्न स्टेप सहायक होते हैं:
- सूर्य की किरणों के ज़्यादा देर संपर्क में आने से बचें।
- हानिकारक यूवी विकिरणों को रोकने के लिए सनस्क्रीन का प्रयोग करें।
- धूम्रपान न करें
- शराब का सेवन कम या पूर्णतय बंद करें।
- अपने डेंटिस्ट को नियमित रूप से दिखाएँ।
- नियमित ब्रशिंग और फ्लॉसिंग करें।