मिर्गी के दौरे/फिट्स से पीड़ित किसी व्यक्ति की मदद कैसे कर सकते हैं
क्या आपने कभी किसी व्यक्ति को मिर्गी का दौरा (epilapsy) या फिट्स आते हुए देखा है?
जब कोई व्यक्ति अचानक बेहोश हो जाता है, और इसके साथ तेज़, झटकेदार मूवमेंट हो रही हों तो इसे एपिलेप्टिक सीजर कहते हैं। किसी व्यक्ति को मिर्गी के दौरे देखने पर भयानक लग सकते हैं, लेकिन यह ज़रूरी नहीं होता कि वे हमेशा जीवन के लिए खतरा पैदा करने वाली स्थिति ही हो। ये दौरे अक्सर अकस्मात होते हैं अतः ये कोई नुक़सान या गिरने का कारण बन सकते हैं।
हालांकि, एपिलेप्टिक सीजर व्यक्ति के दैनिक जीवन को प्रभावित करते हैं, लेकिन दवाओं और एक स्वस्थ जीवनशैली को बना कर इनका उचित प्रबंधन किया जा सकता है।
इसलिए, मिर्गी के दौरों के लक्षणों और संकेतों के प्रति सजग रहना महत्वपूर्ण होता है और पैरामैडिक सहायता पहुंचने से पहले त्वरित प्राथमिक उपचार दे कर रोगी में मिर्गी के कारण होने वाली क्षति के जोखिम को कम किया जा सकता है।
एपिलेप्टिक सीजर के लिए प्राथमिक चिकित्सा का मुख्य उद्देश्य मरीज की सुरक्षा होता है। किसी को मिर्गी के दौरे के दौरान देखना डरावना हो सकता है, खासकर जब आपको यह नहीं पता हो कि आपको इस स्थिति में क्या करना चाहिए। अतः सीजर के दौरान क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए के बारे में जानकर, आप अपने जीवन में ऐसी किसी स्थिति में मिर्गी का दौरा आए हुए व्यक्ति को सबसे अधिक सहायता कर सकते हो।
मिर्गी (एपिलेप्सी) क्या होता है?
मिर्गी एक न्यूरोलॉजिकल स्थिति होती है जो मस्तिष्क की उसमें उपस्थित कोशिकाओं के साथ संचार करने की क्षमता को प्रभावित करती है। इस अचानक इलेक्ट्रिक गतिविधि के परिणामस्वरूप मिर्गी के दौरे आ सकते हैं। कोई व्यक्ति जब एक दौरे का सामना कर रहा होता है, वह शरीर के विभिन्न हिस्सों में हल्के, अनैच्छिक गतिविधियों का अनुभव कर सकता है, जैसे कि झटके से हिलना या कांपना।
मिर्गी के कारण और लक्षण
हालांकि मिर्गी के सटीक कारण अभी तक ज्ञात नहीं हुआ है, लेकिन कुछ कारक व्यक्तियों में दौरे के जोखिम को बढ़ा सकती हैं। इन ट्रिगर्स से बचकर आप मिर्गी के साथ अपनी ज़िंदगी अधिक सकारात्मक रूप से जी सकते हैं और दौरों को कम कर सकते हैं, इन ट्रिगर्स कारकों में मुख्य निम्नलिखित हैं:
- दवा की खुराक छूट जाना
- अत्याधिक शराब का सेवन
- नींद की कमी
- कोकेन या अन्य अवैध पदार्थों का उपयोग करना
- अन्य दवाओं जो एंटी-एपिलेप्टिक दवाओं के साथ विरोधी प्रतिक्रिया करती हैं
- लाइट के प्रति संवेदनशील मिर्गी वाले व्यक्तियों को चित्रों, चमकदार लाइट, या बार-बार रिपीट होने वाले पैटर्न से दौर ट्रिगर हो सकते हैं।
निम्नलिखित मिर्गी के लक्षण व्यक्ति में सीज़र होने का संकेत देते हैं:
- एक वस्तु या शून्यता में घूरना
- प्रतिक्रिया नहीं देना
- कांपना
- मरोड़े आना या हिलना
- गिर जाना
- भ्रम महसूस होना
- इधर-उधर भटकना
- अपने आप को रगड़ना
- होंठ चबाना
जब एक दौर पांच मिनट से ज्यादा समय तक उपस्थित रहता है, तो इसे आपातकालीन स्थिति माना जाता है। नीचे बताए गए कुछ उपाय दौर के दौरान होने वाले चोट के जोखिम को कम करने में मदद कर सकते हैं।
मिर्गी के दौरे के दौरान व्यक्ति की मदद करने के तरीके:
यदि आप किसी व्यक्ति को मिर्गी या फिट्स आते हुए देखते हैं, तो निम्नलिखित त्वरित कार्रवाई कर आप उस व्यक्ति को चोट से बचा सकते हैं:
- सबसे पहले, डरे नहीं, गहरी सांस लें और अपने आप को शांत करें।
- मिर्गी से ग्रसित व्यक्ति के पास मौजूद किसी भारी या नुकीली वस्तुओं को हटा दें। और यदि आप इसे सुरक्षित रूप से कर सकें, तो उनके चश्मे को भी उतार दें।
- यदि दौरे के दौरान व्यक्ति किसी कुर्सी पर बैठा हुआ है, तो उन्हें धीरे-धीरे ज़मीन पर बिठा या लिटा कर गिरने से रोकने का प्रयास करें। इस दौरान सिर को चोट से बचाने के लिए, उनके सिर के नीचे कुछ मुलायम, जैसे कि जैकेट या कंबल रखने का प्रयास करें।
- यदि आप सकते हैं, उन्हें करवट दिला दें। फ़िट्स के दौरान व्यक्ति अधिक लार उत्पन्न कर सकता है, जिसे वह जिसे वह निगल सकता है और उनका इससे दम घुट सकता है। इसके अलावा, करवट दिलाने से उनके वायुमार्ग को खुला रखने में भी मदद मिलती है।
- दौरे से पीड़ित व्यक्ति के चारों ओर भीड़ इकट्ठा ना करें।
- कभी भी दौर के दौरान किसी को कस कर ना पकड़ें। हालांकि, उनके कपड़े और बेल्ट को धीरे से ढीला करने से उन्हें सांस लेने में मदद मिल सकती है।
- दौर के दौरान व्यक्ति के मुँह को हाथों से ना छुएँ। उनके मुँह में कुछ भी वस्तु या कपड़ा ना डालें। व्यक्ति वस्तु के एक हिस्से को काट सकता है, जिसे वह निगल भी सकता है, और जिसके कारण उसका दम घुट सकता है। यदि आप दौरे से ग्रसित व्यक्ति के मुँह में हाथ ना डालें, क्योंकि वह आपके हाथ को भी काट सकता है।
- यदि पानी में किसी व्यक्ति को दौरा पड़ता है, जैसे कि नहाते या तैरते समय, तो व्यक्ति को घातक स्थिति से बचाने के लिये तुरंत बचाव कार्रवाई करें। अगर कोई व्यक्ति को पूल में दौरे आ गये हो तो उसके सिर को पानी के ऊपर रखें। दौरा समाप्त होने के बाद ही व्यक्ति को स्विमिंग पूल से बाहर निकालें। उनकी पल्स और सांस की जाँच करें।
- एक बार सीज़र के समाप्त हो जाये, तो समझदार और सहानुभूतिपूर्वक बनकर उनके पास तब तक रहें जब तक वे ठीक महसूस ना करने लग जाए।
- इसके अलावा, यदि आवश्यक हो तो तुरंत डॉक्टर को कॉल करें और उन्हें ट्रिगर और स्थिति के बारे में बतायें।
दौरे के बाद: क्या करना चाहिए?
दौरा समाप्त होने के बाद, व्यक्ति होश में आ सकता है, भ्रमित हो सकता है और अनिश्चित हो सकता है कि क्या हुआ था (जिसे पोस्टिकटल स्थिति कहते हैं)। अतः इस समय उन्हें दिलासा दें कि सब ठीक है, और शांत रहकर बताएं कि उन्हें क्या हुआ था। इस दौरान आयी हुई किसी भी चोट का उपचार करना महत्वपूर्ण होता है।
यदि आपने आपातकालीन सहायता को बुलाया है, तो आपातकालीन चिकित्सक मरीज़ से पूछताछ कर सकते हैं कि दौर से पहले वे क्या कर रहे थे। यह जानकारी कभी-कभी दौर के ट्रिगर्स कारक को पहचानने में मदद कर सकती है। आपको उन्हें उन चिकित्सीय स्थितियों के बारे में भी सूचित करना चाहिए, जो मिर्गी के दौरे का कारण बन सकती है।
ध्यान दें कि अधिकांश सीज़र तुरंत चिकित्सीय सहायता के बिना 2 मिनट तक चलते हैं। यदि किसी के एक दौरा दो मिनट से ज्यादा समय तक चलता है या वो बेहोश हो जाते हैं, और दौरा समाप्त होने के तुरंत बाद जल्दी से होश में वापस नहीं आते हैं, तो तुरंत डॉक्टर को बुलाएं।
डॉक्टर को कब बुलाना चाहिए?
एपिलेप्टिक सीज़र में व्यक्ति को मामूली से लेकर गंभीर लक्षण महसूस हो सकते हैं। सामान्यतः एक दौरा कुछ मिनट में ठीक हो जाता है, परंतु यदि ये लक्षण पांच मिनट से ज्यादा समय तक बने रहते हैं, तो तुरंत चिकित्सीय सहायता की ज़रूरत होती है।
डॉक्टर को निम्नलिखित परिस्थितियों में बुलाएं:
- दूसरा दौरा तुरंत शुरू हो जाए।
- दौरों के साथ उच्च बुखार और गर्मी की थकावट (heat exhaustion) हो।
- दौरे की समाप्ति के बाद भी रोगी होश में न आएं।
- गर्भवती महिलाएँ और मधुमेह के रोगी विशेष रूप से अधिक संवेदनशील होते हैं, अतः उन्हें इस स्थिति में तुरंत अस्पताल ले जाएं।
निष्कर्ष
यदि आप मिर्गी के लक्षणों और इसके दौरान दी जाने वाली प्राथमिक चिकित्सा प्रक्रिया के बारे में जानकारी रखते हैं, तो आप किसी व्यक्ति के जीवन को बचा सकते हैं।
इसके अलावा, आपने प्रियजनों को मिर्गी के दौरान सुरक्षित करने के लिए सुरक्षा उपायों का पालन करें। सीज़र के दौरान खुद को चोट नहीं पहुंचाने के लिए उन्हें प्रोत्साहित करें और उपयुक्त सूचना प्रदान करें। हमेशा तुरंत आपातकालीन चिकित्सीय सहायता की तलाश करें और अपने डॉक्टर को सभी दौरों की गतिविधियों के बारे में पूरी जानकारी दें।
मिर्गी के दौरों का सामना करना डरावना हो सकता है, लेकिन ध्यान दें कि उपर बताई गई आपको पीड़ित को सबसे अच्छा उपचार देने में सक्षम बना सकती है। और यदि आपको फिर भी इस स्थिति को नियंत्रित करने में दिक़्क़त हो रही हो, तो जितनी जल्दी हो सके अपने डॉक्टर से संपर्क करें।