बहरापन: एक व्यापक समझ और इसका प्रबंधन
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किसी भी व्यक्ति के लिए ठीक से सुनना बहुत महत्वपूर्ण है। आज हम बात करेंगे बहरेपन के बारे में, या कान से ठीक न सुनाई देने की समस्या के विषय में। इस विषय पर हमारे साथ हैं डॉ. के.के. हांडा, जो मेदांता मेडिसिटी गुड़गांव में ईएनटी और हेड नेक सर्जरी विभाग के चेयरमैन हैं।
बहरेपन के प्रकार
बहरापन किसी भी उम्र में हो सकता है, चाहे वह बच्चा हो या बुजुर्ग। डॉ. हांडा बताते हैं कि बहरेपन के मुख्यतः दो प्रकार होते हैं:
कंडक्टिव हियरिंग लॉस: इस प्रकार के बहरेपन में या तो कान का पर्दा गायब होता है, या सुनने की हड्डियों में कोई खराबी होती है, या फिर कान की कोई बीमारी होती है जिसके कारण सुनने की क्षमता प्रभावित होती है।
सेंसरी न्यूरल हियरिंग लॉस: इस प्रकार के बहरेपन में सुनने की नस कमजोर हो जाती है।
बहरेपन के कारण: जन्मजात और अर्जित
बहरेपन के कई कारण हो सकते हैं। कुछ लोग जन्म से ही इस समस्या के साथ पैदा होते हैं, जिसे जन्मजात बहरापन (कंजेनिटल हियरिंग लॉस) कहा जाता है। वहीं, कुछ लोगों में यह समस्या जीवन के दौरान विभिन्न कारणों से विकसित हो सकती है।
डॉ. हांडा ने कान की समस्याओं के कुछ प्रमुख कारणों का उल्लेख किया है:
क्रॉनिक सप्युरेटिव ओटाइटिस मीडिया (CSOM): यह कान की सबसे आम बीमारी है, जिसमें कान के पर्दे या हड्डी में संक्रमण हो जाता है।
ओटोस्क्लेरोसिस: इस स्थिति में कान की अंदरूनी हड्डी, जिसे स्टेप्स कहा जाता है, अकड़ जाती है, जिससे सुनने में कठिनाई होती है।
जन्म के समय की समस्याएं: गर्भावस्था के दौरान संक्रमण या जन्म के समय पीलिया भी बच्चे की सुनने की क्षमता को प्रभावित कर सकता है।
दवाओं का प्रभाव: कुछ दवाएं, जैसे एमिनोग्लाइकोसाइड्स, स्ट्रेप्टोमाइसिन और जेंटामाइसिन, सुनने की क्षमता को नुकसान पहुंचा सकती हैं।
बहरेपन के लक्षण और संबंधित समस्याएं
बहरेपन का मुख्य लक्षण है कम सुनाई देना। लेकिन इसके साथ कुछ अन्य समस्याएं भी हो सकती हैं:
टिनिटस: कान में लगातार आवाज या बजने की अनुभूति होना।
वर्टिगो: चक्कर आना या संतुलन की समस्या होना।
ये लक्षण अक्सर बहरेपन के साथ-साथ पाए जाते हैं और जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित कर सकते हैं।
कान का परीक्षण और निदान प्रक्रिया
अगर आपको कम सुनाई देता है, तो आपको एक ईएनटी विशेषज्ञ से मिलना चाहिए। डॉ. हांडा बताते हैं कि निदान प्रक्रिया में निम्नलिखित चरण शामिल हो सकते हैं:
ऑटोस्कोप परीक्षण: डॉक्टर एक विशेष उपकरण (ऑटोस्कोप) से आपके कान के अंदरूनी हिस्से, कान के पर्दे और हड्डियों की जांच करेंगे।
श्रवण परीक्षण: यह परीक्षण यह निर्धारित करने में मदद करता है कि आपको कितना बहरापन है।
बच्चों के लिए विशेष परीक्षण: छोटे बच्चों के लिए, जो प्रतिक्रिया नहीं दे सकते, एक विशेष परीक्षण किया जाता है जिसे BERA (ब्रेनस्टेम इवोक्ड रेस्पांस ऑडियोमेट्री) कहा जाता है।
सीटी स्कैन: कान के अंदरूनी भाग की विस्तृत जांच के लिए कभी-कभी सीटी स्कैन की आवश्यकता हो सकती है।
बहरेपन का इलाज
बहरेपन का इलाज इसके प्रकार और गंभीरता पर निर्भर करता है। डॉ. हांडा ने कुछ प्रमुख उपचार विकल्पों का उल्लेख किया है:
कंडक्टिव हियरिंग लॉस के लिए:
यदि कान में संक्रमण या स्राव है, तो पहले दवाओं से इसका इलाज किया जाता है।
कान के पर्दे में छेद होने पर टिम्पैनोप्लास्टी नामक सर्जरी की जा सकती है।
यदि हड्डी खराब हो गई है, तो उसे साफ किया जाता है और पर्दा बनाया जाता है।
सेंसरी न्यूरल हियरिंग लॉस के लिए:
हल्के से मध्यम बहरेपन के लिए सुनने की मशीन (हियरिंग एड) का उपयोग किया जा सकता है।
गंभीर बहरेपन (80-90% तक) के लिए कॉक्लियर इम्प्लांट एक विकल्प हो सकता है।
डॉ. हांडा का मानना है कि आधुनिक चिकित्सा प्रगति ने बहरेपन के इलाज में क्रांतिकारी बदलाव लाए हैं। कॉक्लियर इम्प्लांट जैसी तकनीकें लगभग पूरी तरह से बहरे लोगों को भी सुनने और बोलने की क्षमता प्रदान कर सकती हैं।
बहरेपन की रोकथाम
बहरेपन की रोकथाम के लिए डॉ. हांडा कुछ महत्वपूर्ण सुझाव देते हैं:
शोर से बचें: 70 डेसिबल से अधिक के किसी भी तेज शोर से बचें। यह शोर पटाखों, डीजे संगीत, या शादी में बजने वाले तेज संगीत से हो सकता है।
दवाओं का सावधानीपूर्वक उपयोग: कुछ दवाएँ सुनने की क्षमता को प्रभावित कर सकती हैं। इनका उपयोग डॉक्टर की सलाह पर ही करें।
नियमित जांच: अपने कानों की नियमित जांच करवाएं, खासकर अगर आप किसी जोखिम वाले व्यवसाय में हैं या आपके परिवार में बहरेपन का इतिहास है।
निष्कर्ष
बहरापन एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, लेकिन इसका प्रबंधन और कई मामलों में इलाज संभव है। डॉ. हांडा का मानना है कि अपनी सुनने की क्षमता के प्रति जागरूक रहना और समय पर उचित चिकित्सा सहायता लेना बहुत महत्वपूर्ण है। नियमित जांच और सावधानियों के साथ, हम अपनी श्रवण क्षमता को लंबे समय तक स्वस्थ रख सकते हैं।
याद रखें, जब तक आप सुनेंगे नहीं, तब तक आप बोल नहीं सकते। इसलिए, अपने कानों की देखभाल करें और स्वस्थ रहें।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
बहरेपन के सामान्य लक्षण क्या हैं?
बहरेपन के सामान्य लक्षणों में सुनने में कठिनाई, बातचीत के दौरान शब्दों को ठीक से न समझ पाना, तेज आवाज में टीवी या रेडियो सुनना, कानों में बजना (टिनिटस) और सामाजिक बातचीत से बचना शामिल हैं।
बहरेपन का क्या कारण है?
बहरेपन के कारणों में बढ़ती उम्र, लंबे समय तक तेज़ आवाज़ के संपर्क में रहना, कान में संक्रमण, जन्मजात दोष, ईयरवैक्स जमा होना, चोट लगना, दवाओं के दुष्प्रभाव, न्यूरोलॉजिकल विकार और कुछ बीमारियां जैसे मेनियर डिजीज या ओटोस्क्लेरोसिस शामिल हैं।
क्या बहरेपन को रोका जा सकता है?
हाँ, बहरेपन को काफी हद तक रोका जा सकता है। तेज़ आवाज़ से बचाव, कानों की नियमित सफाई, संक्रमण का समय पर इलाज, स्वस्थ जीवनशैली, कान में ईयरफोन का सीमित उपयोग और हानिकारक दवाओं से परहेज सुनने की क्षमता बनाए रखने में मदद करता है।
This blog has been converted from the Youtube video- बहरापन के प्रकार, कारण, लक्षण, निदान और इलाज | डॉ. के. के. हांडा | मेदांता गुरुग्राम