बच्चों में बहरेपन की रोकथाम
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क्या आपको कभी लगा है कि आपका बच्चा ठीक से सुन नहीं पा रहा है? क्या आप चिंतित हैं कि कहीं आपके बच्चे को सुनने में कोई परेशानी तो नहीं है? अगर हाँ, तो यह लेख आपके लिए बहुत महत्वपूर्ण है। मेदांता गुरुग्राम के प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ. के.के. हांडा ने बच्चों में बहरेपन की रोकथाम पर कुछ बेहद जरूरी सुझाव दिए हैं। आइए जानें उनकी राय।
समय पर निदान का महत्व
डॉ. हांडा का मानना है कि बच्चों की सुनने की क्षमता पर ध्यान देना बहुत जरूरी है। वे कहते हैं, "देखिए बहुत जरूरी है की अगर बच्चा ठीक से सुनता नहीं है तो अभिभावक जल्द से जल्द निदान करें।"
उनका कहना है कि एक साल की उम्र तक बच्चा कुछ शब्द बोलना शुरू कर देता है। इसलिए अगर कोई समस्या है, तो उसे जल्दी पहचानना बहुत महत्वपूर्ण है।
समय पर उपचार का प्रभाव
डॉ. हांडा चेतावनी देते हैं, "अगर हम इसे ठीक टाइम पर डायग्नोज नहीं करेंगे और उसके उचित उपचार करने में देर करेंगे चाहे वो मशीन हो चाहे कॉकलियर इंप्लांट हो तो वो ठीक से बोल नहीं पाएगा।"
वे समझाते हैं कि सुनने और बोलने में एक गहरा संबंध है। "जब तक बच्चा सुनेगा नहीं वह बोलेगा नहीं," डॉ. हांडा कहते हैं।
माता-पिता के लिए सलाह
अगर आपको अपने बच्चे की सुनने की क्षमता को लेकर कोई शंका है, तो डॉ. हांडा की सलाह है:
"अगर आपको लगता है आपका बच्चा ठीक से नहीं सन रहा है तो उसे किसी ईएनटी सर्जन को दिखाइए और उसके टेस्ट करवाइए।
उपचार की आवश्यकता
डॉ. हांडा का सुझाव है की अगर जांच में कोई समस्या पाई जाती है, तो तुरंत उचित उपचार शुरू करना चाहिए।
निष्कर्ष
बच्चों में सुनने की क्षमता का समय पर निदान और उपचार बहुत महत्वपूर्ण है। यह न केवल उनकी सुनने की क्षमता को बचाता है, बल्कि उनके बोलने और संवाद करने के कौशल के विकास में भी मदद करता है। अगर आपको अपने बच्चे की सुनने की क्षमता को लेकर कोई चिंता है, तो बिना देर किए किसी विशेषज्ञ से सलाह लें। याद रखें, समय पर की गई कार्रवाई आपके बच्चे के भविष्य को बेहतर बना सकती है।
अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न
मैं कैसे जान सकता हूँ कि मेरा बच्चा ठीक से सुन नहीं पा रहा है?
अगर बच्चा तेज़ आवाज़ पर प्रतिक्रिया नहीं देता, अपना नाम सुनकर नहीं मुड़ता, अस्पष्ट या देरी से बोलना शुरू करता है, बार-बार टीवी की आवाज़ बढ़ाता है या बातचीत को ठीक से समझ नहीं पाता, तो उसकी सुनने की क्षमता जाँचनी चाहिए।
अगर मेरे बच्चे को सुनने में समस्या है तो क्या ये उसके भविष्य पर असर डाल सकती है?
हाँ, अगर सुनने की समस्या का समय पर उपचार ना कराया जाये तो यह बच्चे के भाषा विकास, सामाजिक कौशल और शैक्षणिक प्रदर्शन को प्रभावित कर सकती है। समय पर इलाज और सुनने में सुधार के उपाय जैसे हियरिंग एड या थेरेपी अपनाने से उसके संचार और सीखने की क्षमता बेहतर हो सकती है।
बच्चों में सुनने में समस्या का उपचार क्या है?
उपचार मुख्यतः समस्या की गंभीरता और कारण पर निर्भर करता है:
संक्रमण के लिए दवाएँ
ईयरवैक्स की स्थिति में कान की सफ़ाई
हियरिंग एड
कोक्लियर इम्प्लांट
स्पीच थेरेपी
ऑडिटरीथेरेपी
This blog has been converted from the Youtube video- बच्चों को बहरापन से बचाने के कुछ सुझाव | डॉ. के. के. हांडा | मेदांता गुरुग्राम