पेट खराब होने पर ख़ानपान में क्या ध्यान रखना चाहिए
पेट खराब होने पर व्यक्ति को मिचली, दस्त, अपच, गैस, पेट में सूजन, उल्टी, और कमजोरी जैसे लक्षण महसूस हो सकते हैं। लेकिन अपने ख़ान-पान पर ध्यान दे कर के पेट खराब के लक्षणों को नियंत्रित किया जा सकता है। आइए पता करते है कि आप कौनसे खाद्य पदार्थ खा सकते हैं और कौनसे नहीं।
अगर आपको भी पेट खराब होने का सामना करना पड़ा है तो इससे जुड़ी समस्याओं से आप अनजान नहीं हैं। कमजोरी और मिचली के अलावा आपको दस्त, अपच, गैस, पेट में सूजन, और उल्टी जैसे लक्षण महसूस हो सकते हैं।
अच्छी बात तो यह है कि आप अपने ख़ान-पान को नियंत्रित कर के पेट खराब के लक्षणों को क़ाबू कर सकते हो। नीचे कुछ खाद्य पदार्थों की सूची है जो आप पेट खराब में खा सकते हैं और कुछ खाद्य पदार्थ आप पेट खराब होने या फूड पॉइज़निंग में नहीं खा सकते।
खाद्य पदार्थ जो आप खा सकते हैं:
अर्द्ध ठोस (semi solid) खाद्य पदार्थ
यदि आपका पेट ठोस खाने को पचा नहीं पा रहा तो ज़बरदस्ती न खाएं। इसकी बजाय अर्ध-ठोस भोजन जैसे सूप या नारियल पानी का सेवन करें। आपका शरीर ना केवल इन्हें आराम से ग्रहण कर पाएगा, बल्कि ये अनियमित दस्त से होने वाले पोटेशियम, कैल्शियम, और सोडियम जैसे आवश्यक खनिजों की कमी को भी पूरा करता है।
चावल
नरम और आसानी से पचने वाला भोजन खराब पेट के समय ख़ाना अच्छा होता है, और सादा सफेद चावल एक उत्तम चुनाव है। इस समय ब्राउन राइस न खाएं क्योंकि इसे पचाना आपके पेट के लिए मुश्किल हो सकता है। वही दूसरी तरफ़ सफेद चावल, एक कम फाइबर वाला और रेफाइंड कार्बोहाइड्रेट होने के कारण दस्त के सामान्य लक्षणों को रोकने में मदद करता है।
टोस्ट
टोस्ट एक सफेद आटे या मैदा से बना नरम, कम फाइबर वाला भोजन है जो पेट के अतिरिक्त एसिड को बेअसर करने और दस्त को रोकने में मदद करता है। लेकिन फाइबर युक्त साबुत अनाज जैसे गेहूं से बने टोस्ट खाने से बचें क्योंकि ये दस्त से संबंधित लक्षणों को और भी बढ़ा सकते हैं।
केला
केले पचाने में आसान होते हैं और पेट दर्द को भी कम करते हैं। ये प्राकृतिक एंटासिड होते है जो अपच जैसे लक्षणों से आराम देते है। केला एक उच्च पोटेशियम फल है जो पेट में श्लेष्मा (mucous) उत्पादन को भी बढ़ाता है जो पेट की जलन को कम करता है।
खाद्य पदार्थ जिनका सेवन नहीं करना चाहिए:
डेयरी उत्पाद
दुग्ध उत्पाद जैसे दूध, पनीर, या आइसक्रीम अधिक वसा वाले खाद्य पदार्थ होते है जो हमारे पेट के लिए पचाने में दिक़्क़त करते है। इसीलिए इन्हें पेट खराब होने के दौरान खाने से बचना चाहिए। हालांकि, सादा कम वसा वाला दही पेट के लिए अच्छा होता है। दही अच्छे बैक्टीरिया (प्रोबायोटिक्स) और यीस्ट से भरपूर होता है जो आंत के स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है। दही खाने से दस्त से भी राहत मिलती है।
तला-भुना ख़ाना
तला-भुना भोजन तेल और वसा से भरपूर होता है और मुश्किल से पचता है। इसीलिए पेट दर्द के दौरान ऐसे तले हुए खाद्य पदार्थों से दूर रहें।
कच्चे फल और सब्जियां
हालाँकि कच्चे फल और सब्जियां स्वास्थ्य के लिए फ़ायदेमंद होते हैं, लेकिन जब पेट खराब होता है तो ये दस्त को और बदतर कर सकते हैं, क्योंकि ये उच्च फाइबर वाले खाद्य पदार्थ हैं। इसीलिए डॉक्टर्स पेट खराब होने तक अस्थायी रूप से इन्हें ना खाने की सलाह देते है।
कैफीन या शराब का अत्यधिक सेवन
कैफीन और शराब दोनों ही पेट में ऐसिडिटी को बढ़ाते हैं, जिससे आपको उल्टी जैसा महसूस हो सकता है।कैफीन दस्त के लक्षणों को भी बढ़ाता है। इसीलिए अपने लक्षणों को बदतर न करने के लिए कैफीन और शराब से दूर रहें।
साइट्रस फल और उच्च एसिड वाला भोजन
खट्टे फल और टमाटर जैसे उच्च अम्लीय खाद्य पदार्थ पेट में दर्द और ऐसिडिटी बढ़ाते है, खासकर जब आप इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम से पीड़ित हैं। उच्च अम्लीय खाद्य पदार्थ मतली और हार्टबर्न को बढ़ाकर पहले से मौजूद लक्षणों को और अधिक बदतर कर सकता है। नीबू, अंगूर, अनानास, चीनी, और प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थ उच्च अम्लीय खाद्य पदार्थों के उदाहरण हैं।