डेंगू के बारे में पांच चीजें जो आपको जानना जरूरी हैं।
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विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार हर साल दुनिया भर में 3.9 करोड़ से अधिक लोग डेंगू से प्रभावित होते हैं। खराब शहरी स्वच्छता, बढ़ती जनसंख्या, और वर्षा और आर्द्रता या तापमान में उतार-चढ़ाव जैसे कारकों के कारण भारत में डेंगू के मामलों में वर्ष दर वर्ष 30% से अधिक की वृद्धि हो रही है। आइए इस बीमारी के बारे में और विस्तार से जानें।
डेंगू क्यों होता है और कैसे फैलता है?
डेंगू एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में सीधे संपर्क से नहीं फैलता, इसके बजाय जीनस एडीज (एडीज एजिप्टी) के मच्छरों के काटने से फैलता है। आमतौर पर डेंगू के मच्छरों के काटने का चरम समय जल्दी सुबह या शाम होता है। एडीज मच्छर डेंगू वायरस से संक्रमित लोगों का खून पी कर डेंगू को एक व्यक्ति से दूसरे में फैला सकता है। ये वायरस ले जाने वाले मच्छर अपने आस-पास 400 मीटर के क्षेत्र तक वायरस फैला सकते हैं जब वे अपने अंडे देने के लिए पानी से भरे स्थान या कंटेनर की तलाश करते हैं।
डेंगू के लक्षण क्या हैं?
सामान्यत लोग डेंगू के लक्षण को अनदेखा कर देते हैं क्योंकि वे फ्लू के लक्षणों से काफ़ी मिलते हैं। डेंगू के हल्के लक्षणों को लोग इसे बुखार और जोड़ों के दर्द करने वाली अन्य बीमारियाँ समझ लेते हैं। यही कारण है कि यदि आपको डेंगू का संदेह है तो नीचे दी गई बातों पर ध्यान देना अति आवश्यक है:
निम्न लक्षणों में से कम से कम दो लक्षणों के साथ तेज़ बुख़ार (40°C/ 104°F ):
सिर दर्द
आँखों के पीछे दर्द
मतली और उल्टी आना
ग्रंथियों में सूजन
जोड़ों, हड्डी या मांसपेशियों में दर्द
त्वचा पर चकत्ते (rashes)
डेंगू बुखार के कारण आपके सफेद रक्त कोशिका (WBCs) और प्लेटलेट की संख्या कम हो सकती है। शरीर में सामान्य स्थिति में प्लेटलेट काउंट 1.5 से 4 लाख के बीच होता है, डेंगू के मरीज़ों में यह संख्या 20,000 से 40,000 तक पहुँच सकती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि:
डेंगू आपके अस्थि मज्जा (bone marrow), शरीर के प्लेटलेट-उत्पादक केंद्र, को नुकसान पहुंचा सकता है।
डेंगू वायरस आपके रक्त कोशिकाओं पर असर कर सकता है और आपके प्लेटलेट्स को क्षति पहुंचा सकता है।
डेंगू एंटीबॉडीज़ बनाता है जो प्लेटलेट्स को नष्ट कर सकती हैं।
डेंगू रोग का चक्र क्या है?
कम गंभीर डेंगू सामान्यत एक हफ़्ते में ठीक हो जाता है। जबकि कुछ मामलों में, यह रोग अधिक गंभीर रूप ले लेता है और बीमारी के पहले लक्षणों के 3-7 दिनों के बाद गंभीर लक्षण विकसित होने लगते हैं। हालाँकि पीड़ित में भले ही बुखार कम हो जाए, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि व्यक्ति ठीक हो रहा है। बल्कि इसके बजाय, नीचे दिए गए कुछ चेतावनी संकेतों पर ध्यान देना अति आवश्यक है:
तेज़ पेट में दर्द
लगातार उल्टी होना
मसूड़ों से खून आना
खून की उल्टी होना
तेजी से साँस लेना
थकान या बेचैनी महसूस होना
अगर कोई व्यक्ति गंभीर डेंगू के लक्षण महसूस कर रहा है तो उसे तुरंत आपातकालीन विभाग में उपयुक्त इलाज के लिए ले जाना चाहिए।
डेंगू की जाँच कैसे की जाती है?
डेंगू के लक्षण अक्सर मलेरिया, टाइफाइड या लेप्टोस्पायरोसिस जैसी बीमारियों के लक्षणों से बहुत मिलते हैं, इसीलिए इसकी उपयुक्त जाँच आवश्यक है। डेंगू बुखार के लिए कोई टीका या विशिष्ट दवा अभी तक बनी नहीं है, डॉक्टर जटिल मामलों में नियमित रक्त परीक्षण और अन्य प्रयोगशाला परीक्षणों से डेंगू की जाँच करते हैं। डॉक्टर आपके उन जगहों की यात्राओं के बारे में विस्तार से पूछेगा जहां डेंगू बहुत फैला हुआ है, ताकि उसी अनुरूप जाँच की जा सकें।
डेंगू के नियंत्रण के कुछ टिप्स
अपने डेंगू बुखार के पहले सप्ताह के दौरान खुद को मच्छरों के काटने से बचाएं ताकि आपके परिवार और दोस्तों को डेंगू होने का ख़तरा कम हो सकें। हाइड्रेटेड रहें और जब आप डेंगू से ठीक हो रहे हों तो अनार जैसे फलों का खूब सेवन करें क्योंकि यह आपके हीमोग्लोबिन को बढ़ाने में मदद करता है और विटामिन सी से भरपूर होता है जो प्रतिरक्षा में सुधार करता है।
This blog is a Hindi version of English written blog - Dengue: Five Things You Need To Know