Facebook Twitter instagram Youtube

किडनी स्वास्थ्य पर डाइटरी सप्लीमेंट का असर

हाल के वर्षों में डाइटरी सप्लीमेंट तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं क्योंकि लोग अपनी स्वास्थ्य में सुधार करने के लिए कदम उठा रहे हैं। हालांकि कई सप्लीमेंट लाभकारी हो सकते हैं, लेकिन कुछ सप्लीमेंट आपके शरीर पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं, खासकर जब उन्हें अधिक मात्रा में लिया जाता है। इसीलिए, डाइटरी सप्लीमेंट लेने से पहले इनके किडनी के स्वास्थ्य पर होने वाले प्रभाव पर ध्यान देने की आवश्यकता है, क्योंकि किडनी आपके शरीर से टॉक्सिन और वेस्ट को छानने के लिए महत्वपूर्ण अंग होती हैं।

 

इस ब्लॉग में, किडनी स्वास्थ्य पर डाइटरी सप्लीमेंट के प्रभाव, किडनी रोग, किडनी हेल्थ सप्लीमेंट, और किडनी के लिए आवश्यक विटामिनों जैसे विषयों पर चर्चा की जाएगी।

डाइटरी सप्लीमेंट के किडनी पर प्रभाव

 

कुछ किडनी सप्लीमेंट के किडनी के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव हो सकते हैं, जो रक्त से टॉक्सिन और वेस्ट को छानने और शरीर में तरल और इलेक्ट्रोलाइट संतुलन को नियंत्रित रखने के लिए महत्वपूर्ण अंग होते हैं। नीचे किडनी पर डाइटरी सप्लीमेंट के कुछ प्रभाव बताए हैं:

  • ज्यादा मात्रा में विटामिन सी: हालांकि विटामिन सी शरीर के लिए एक आवश्यक पोषक तत्व होता है, लेकिन अत्यधिक मात्रा में विटामिन सी के सप्लीमेंट का उपयोग किडनी स्टोन के जोखिम को बढ़ा सकता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि विटामिन सी ऑक्सलेट में बदल सकता है, जो कैल्शियम के साथ मिलकर किडनी स्टोन का निर्माण कर सकता है।
  • क्रिएटिन सप्लीमेंट: क्रिएटिन एक प्रसिद्ध डाइटरी सप्लीमेंट होता है जिसका उपयोग खिलाड़ियों द्वारा मांसपेशियों की ताकत और प्रदर्शन सुधारने में किया जाता है। हालांकि, क्रिएटिन सप्लीमेंट की अधिक मात्रा के सेवन से किडनी में क्षति हो सकती है और किडनी स्टोन के जोखिम बढ़ा सकती है। इसका कारण यह है कि क्रिएटिन शरीर में वेस्ट की उत्पत्ति को बढ़ा सकता है, जो किडनी के कार्य में अतिरिक्त बोझ डाल सकती है।
  • हर्बल सप्लीमेंट: कुछ हर्बल सप्लीमेंट, जैसे एफेड्रा और सेंट जॉन्स वर्ट, किडनी में क्षति और किडनी फेलियर का कारण हो सकते हैं। इसका कारण यह है कि इन सप्लीमेंट में ऐसे पदार्थ उपस्थित होते है जो किडनी के लिए विषैले होते हैं या किडनी के कार्य में हस्तक्षेप कर सकते हैं।
  • आयरन सप्लीमेंट: आयरन शरीर के लिए एक आवश्यक मिनरल होते है, लेकिन अधिक मात्रा में आयरन सप्लीमेंट लेना शरीर में लोह तत्व की अतिरिक्तता का कारण बन सकते हैं, जो किडनी को क्षति पहुंचा सकती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि किडनी रक्त में आयरन को छानने और स्तर को नियंत्रित करने के लिए जिम्मेदार होती हैं।
  • प्रोटीन सप्लीमेंट: आमतौर पर खिलाड़ियों और बॉडीबिल्डर्स प्रोटीन सप्लीमेंट उपयोग करते हैं, ताकि मांसपेशियों की मात्रा बढ़ाई जा सके और प्रदर्शन में सुधार किया जा सके। हालांकि, प्रोटीन सप्लीमेंट की अधिक मात्रा किडनी पर अतिरिक्त बोझ बढ़ा सकती है, जो समय के साथ किडनी में क्षति का कारण बन सकता है।

किडनी के विभिन्न रोग

किडनी रोग वे स्थितियाँ हैं जो किडनी की संरचना और कार्य पर प्रभाव डालती हैं, जिसके कारण शरीर में अपशिष्ट पदार्थ इकट्ठा होने लग जाते है। ये रोग साधारण से गंभीर तक हो सकते हैं, और यदि इनका समय पर इलाज नहीं किया जाए तो कुछ जानलेवा भी हो सकते हैं।

किडनी रोगों के प्रकार

किडनी रोग कई प्रकार के होते हैं, जिनमें क्रॉनिक किडनी रोग (CKD), एक्यूट किडनी इंजरी (AKI), और किडनी स्टोन शामिल हैं।

  • क्रॉनिक किडनी रोग (CKD): क्रॉनिक किडनी डिजीस एक लंबे समय तक चलने वाली स्थिति है जिसमें किडनी धीरे-धीरे कार्य क्षमता खो देती है। आमतौर पर यह कई स्वास्थ्य स्थितियों जैसे उच्च रक्तचाप या मधुमेह के कारण होता है। CKD को पांच स्टेज में वर्गीकृत किया जाता है, जिसमें 5th स्टेज सबसे गंभीर होता है, जिसे किडनी फेलियर भी कहते हैं।
  • एक्यूट किडनी इंजरी (AKI): एक्यूट किडनी इंजरी में अकस्मात् रूप से किडनी कार्य में गंभीर कमी हो जाती है। विभिन्न कारक जैसे संक्रमण, मदिरा या दवा की अधिक मात्रा इसका मुख्य कारण होते हैं।
  • किडनी स्टोन: किडनी स्टोन खनिजों और लवणों के कठोर ठोस जमाव को कहते हैं जो किडनी में बनते हैं। छोटे स्टोन प्राकृतिक रूप से शरीर से निकल जाते हैं, और जब वे आकार में बड़े होते हैं तो चिकित्सा उपचार की आवश्यकता हो सकती है।

किडनी रोगों के कारण

 

कई कारणों से किडनी रोग हो सकते हैं, जैसे:

  • उच्च रक्तचाप: उच्च रक्तचाप के कारण किडनी की छोटी रक्त वाहिकाओं को क्षति पहुँच सकती है, जिससे किडनी की कार्य क्षमता कम हो सकती है।
  • मधुमेह: रक्त में ग्लूकोज का लगातार उच्च स्तर समय के साथ किडनी को क्षति पहुंचा सकते हैं, जिससे क्रॉनिक किडनी रोग हो सकता है।
  • संक्रमण: कुछ संक्रमण जैसे यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (UTIs) किडनी में सूजन का कारण बन सकते हैं, जिससे एक्यूट किडनी इंजरी हो सकती है।
  • दवाएँ: कुछ दवाओं के उच्च स्तर या लंबे समय तक सेवन से किडनी में क्षति हो सकती है।
  • आनुवंशिकता: कुछ किडनी रोग आनुवंशिक होते हैं, जैसे पॉलीसिस्टिक किडनी रोग (PKD)

किडनी रोग के लक्षण

 

किडनी रोग के लक्षण रोग के प्रकार और गंभीरता पर निर्भर करते हैं। कुछ सामान्य लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं:

  • थकान
  • टखनों या पैरों में सूजन
  • सांस लेने में तकलीफ
  • उल्टी और मितली
  • बार-बार पेशाब करना या पेशाब करने में समस्या आना
  • पेशाब में रक्त आना
  • पीठ या साइड में दर्द महसूस होना

किडनी रोगों का निदान

 

किडनी रोग का निदान में डॉक्टर आमतौर पर शारीरिक परीक्षण, रक्त और मूत्र परीक्षण, और इमेजिंग अध्ययन टेस्ट की सलाह देते हैं।किडनी रोग के आधार पर विशेष परीक्षण और प्रक्रियाएँ अलग-अलग हो सकती हैं।

  • शारीरिक परीक्षण: डॉक्टर रोगी के लगातार सूजन या तरल के इकट्ठा होने के किसी भी संकेत के लिए जांच करेंगे, खासकर पैरों और टखनों में।
  • रक्त और मूत्र परीक्षण: ये परीक्षण रक्त और मूत्र में अपशिष्ट पदार्थों के स्तर का पता करने और संक्रमण या सूजन की उपस्थिति की जाँच करने के लिए किए जाते हैं।
  • इमेजिंग टेस्ट: डॉक्टर किडनी की जाँच करने और किसी भी असामान्यता का पता करने के लिए एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड, और सीटी स्कैन कर सकते हैं।

किडनी रोगों का उपचार

 

किडनी रोगों के उपचार किडनी रोग के प्रकार और लक्षणों की गंभीरता पर निर्भर करते हैं। कुछ सामान्य उपचार विकल्प निम्नलिखित हैं:

  • दवाएँ: डॉक्टर कुछ दवाएँ जैसे रक्तचाप को कम करने वाली दवाओं या एंटीबायोटिक दे सकते हैं, जो किडनी की स्थितियों को नियंत्रित करने और आगे की क्षति से बचाने में मदद कर सकती हैं।
  • डायलिसिस: डायलिसिस एक चिकित्सा उपचार है जो तब की जाती है जब किडनी की कार्य क्षमता कम या न्यूनतम हो जाती है, इस प्रक्रिया में रक्त से अपशिष्ट पदार्थों को हटाने का काम किया जाता है। यह एक अस्थायी या दीर्घकालिक उपचार विकल्प हो सकता है।
  • किडनी प्रत्यारोपण: कुछ मामलों में, जब किडनी पूरी तरह से काम करना बंद कर जाती हो तो किडनी ट्रांस्प्लांट की आवश्यकता हो सकती है।

किडनी हेल्थ सप्लीमेंट्स

 

किडनी हेल्थ सप्लीमेंट्स वे सप्लीमेंट्स होते हैं जो किडनी कार्य को सपोर्ट और किडनी के स्वास्थ्य में सुधार करने का दावा करते हैं। किडनी सप्लीमेंट्स कई प्रकार के होते हैं, जिनमें हर्बल सप्लीमेंट्स और खनिज सप्लीमेंट्स शामिल होते हैं। किडनी के अच्छे स्वास्थ्य के लिए कुछ लोकप्रिय हर्बल सप्लीमेंट्स में डैंडेलियन जड़, मार्शमैलो जड़, और नेटल पत्ती शामिल होते हैं।

 

हालांकि, किडनी हेल्थ सप्लीमेंट्स स्वास्थ्य के लिए अच्छे होते हैं, परंतु इन्हें लेते समय सतर्क रहना आवश्यक होता है। कुछ सप्लीमेंट्स प्रेस्क्रिप्शन दवाओं के साथ प्रतिक्रिया कर सकते हैं, और कुछ सप्लीमेंट्स के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव हो सकते हैं। उदाहरण के लिए, किडनी रोग वाले लोगों के लिए पोटैशियम सप्लीमेंट्स की अधिक मात्रा हानिकारक हो सकती है, क्योंकि किडनी शरीर में उपस्थित अतिरिक्त पोटैशियम निकालने में समर्थ नहीं हो सकती है।

किडनी के लिए विटामिन

 

शरीर के सुचारू रूप से कार्य करने के लिए विटामिन आवश्यक महत्वपूर्ण पोषक तत्व होते हैं। कुछ विटामिन्स जैसे विटामिन डी, विटामिन बी12, और विटामिन सी किडनी के स्वास्थ्य के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण होते हैं। विटामिन डी शरीर में कैल्शियम और फॉस्फेट के स्तर को नियंत्रित करने में अहम भूमिका निभाता है, जबकि विटामिन बी12 शरीर में लाल रक्त कोशिका के उत्पादन में मदद करता है। विटामिन सी एक एंटीऑक्सीडेंट होता है जो शरीर में सूजन को नियंत्रित करने में मदद करता है।

 

हालांकि, विटामिन्स आमतौर पर किडनी स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित और लाभदायक होते हैं, लेकिन विटामिन सप्लीमेंट्स लेते समय सतर्क रहना महत्वपूर्ण है। कुछ विटामिनों की अतिरिक्त मात्रा स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकती है, विशेष रूप से किडनी रोग वाले व्यक्तियों के लिए। उदाहरण के लिए, विटामिन डी सप्लीमेंट्स के अतिरिक्त सेवन से रक्त में कैल्शियम के स्तर बढ़ सकता है, जो किडनी के कार्य करने की क्षमता को क्षति पहुंचा सकता है।

निष्कर्ष

 

सामान्यतः डाइटरी सप्लीमेंट स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होते हैं, लेकिन उनका उपयोग करते समय सतर्क रहना ज़रूरी है, खासकर किडनी रोग से ग्रसित व्यक्तियों में। कुछ सप्लीमेंट्स किडनी कार्यों पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं और कुछ मामलों में किडनी को क्षति भी पहुंचा सकते हैं।

 

इसलिए, किसी भी का डाइटरी सप्लीमेंट सेवन करने से पहले डॉक्टर से परामर्श करना और सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि लिया गया सप्लीमेंट सुरक्षित और व्यापक स्वास्थ्य, विशेषतः किडनी स्थिति के लिए उपयुक्त हो।

Medanta Medical Team
Back to top