अस्थि मज्जा (bone marrow) ट्रांसप्लांट के बारे में आपको जो कुछ पता होना चाहिए
अस्थि मज्जा क्या होता है?
अस्थि मज्जा एक नाजुक, मुलायम, और स्पंजी ऊतक है जो हड्डियों के मध्य भाग में मौजूद होता है और शरीर के रक्त कोशिकाओं के विकास और संग्रहण स्थल के रूप में कार्य करता है। अस्थि मज्जा कई रक्त कोशिकाओं का उत्पादन करती हैं, जिसमें सफेद रक्त कोशिकाएँ संक्रमण से लड़ने के लिए जिम्मेदार होती है, लाल रक्त कोशिकाएँ जो ऑक्सीजन के परिवहन में सहायक होती हैं और प्लेटलेट्स चोट लगने पर रक्तस्राव को रोकती हैं। कुछ बीमारियां और उपचार ऐसे हैं जो अस्थि मज्जा को क्षति पहुंचा सकते हैं, जिनके लिए अस्थि मज्जा प्रत्यारोपण (bone marrow transplant) की आवश्यकता होती है।
अस्थि मज्जा प्रत्यारोपण क्या है?
अस्थि मज्जा प्रत्यारोपण एक मेडिकल प्रक्रिया है और आमतौर पर इसमें किसी भी प्रकार के सर्जिकल प्रबंधन की आवश्यकता नहीं होती है। स्टेम सेल ट्रांसफ्यूजन में एक मरीज में असामान्य कोशिकाओं को स्वस्थ अस्थि मज्जा कोशिकाओं से बदला जाता है, यह प्रक्रिया 1968 से विभिन्न प्रकार की बीमारियों और कैंसर जैसे ल्यूकेमिया, लिम्फोमा, प्रतिरक्षा कमी विकार आदि के इलाज के लिए सफलतापूर्वक की जा रही है। रक्त कोशिकाओं के उत्पादन और विकास के लिए उत्तरदायी स्टेम कोशिकाएँ, जो दाता या रोगी के अस्थि मज्जा में पाई जाती हैं, वहाँ से निकाली जाती हैं, फ़िल्टर की जाती हैं और कंडीशनिंग करने के बाद रोगी या उसी व्यक्ति में वापस प्रत्यारोपित की जाती हैं। अस्थि मज्जा प्रत्यारोपण एक लंबी रिकवरी वाली एक गहन प्रक्रिया है, और कुछ मामलों में इसकी लागत भी एक विचारणीय मुद्दा होता है।
अस्थि मज्जा प्रत्यारोपण द्वारा किन बीमारियों का इलाज किया जाता है?
अस्थि मज्जा प्रत्यारोपण कुछ बीमारियों और कई कैंसर प्रकार के खिलाफ प्रभावी या एकमात्र उपचार हो सकता है। पिछले दशक में हुई विज्ञान में अत्यधिक प्रगति से अधिक बीमारियों की खोज हुई है जिनमें अस्थि मज्जा प्रत्यारोपण से फ़ायदा प्राप्त हो सकता है। इस थेरेपी का उपयोग निम्नलिखित कुछ बीमारियों का इलाज में किया जा रहा है:
- एक्यूट माइलॉयड ल्यूकेमिया, एक्यूट लिम्फोब्लास्टिक ल्यूकेमिया
- लिंफोमा के विभिन्न प्रकार
- मल्टीपल मायलोमा
- अप्लास्टिक एनीमिया
- कुछ ठोस कैंसर
- इम्यून डेफिशियेंसी विकार
- सिकल सेल एनीमिया और थैलेसीमिया
- वंशानुगत मेटाबोलिक विकार
अस्थि मज्जा प्रत्यारोपण का क्या उपयोग है?
अस्थि मज्जा प्रत्यारोपण प्रक्रिया के कई फ़ायदे और उपयोग होते हैं, जिनके साथ-साथ कई जोखिम भी होते हैं, जिन्हें एक विशेषज्ञ डॉक्टर द्वारा मूल्यांकन करना आवश्यक होता है। अस्थि मज्जा प्रत्यारोपण प्रक्रिया में शामिल विभिन्न सिद्धांत नीचे बताए हैं:
- डोनर की स्वस्थ और कार्यात्मक अस्थि मज्जा की कोशिकाएँ बीमार और असामान्य अस्थि मज्जा से बदल देती हैं।
- स्टेम कोशिकाएँ एक नई प्रतिरक्षा प्रणाली का पुनः उत्पादन करती हैं, जिससे यह बाक़ी बची ल्यूकेमिया कोशिकाओं से लड़ने में सक्षम हो जाती है जो विकिरण या कीमोथेरेपी द्वारा नष्ट नहीं हुई हैं।
- अस्थि मज्जा प्रत्यारोपण बीमारियों और विभिन्न कैंसर के इलाज के लिए गंभीर और उच्च खुराक कीमोथेरेपी और विकिरण के बाद सामान्य अस्थि मज्जा के कार्य को पुनर्स्थापित और पुनर्निर्मित करती है।
- अस्थि मज्जा प्रत्यारोपण आनुवंशिक रूप से क्षतिग्रस्त अस्थि मज्जा को स्वस्थ अस्थि मज्जा से बदल सकता है।
अस्थि मज्जा प्रत्यारोपण के प्रकार
अस्थि मज्जा प्रत्यारोपण कई तरीकों से किया जा सकता है और यह दानकर्ता की प्रकृति पर निर्भर होता है। अस्थि मज्जा प्रत्यारोपण प्रक्रिया के विभिन्न प्रकार में शामिल हैं:
- स्वजात (Autologous) अस्थि मज्जा प्रत्यारोपण: इस प्रक्रिया में रोगी स्वयं अस्थि मज्जा दानकर्ता की भूमिका निभाता है। एफेरेसिस विधि का उपयोग करके रोगी के अस्थि मज्जा की परिधि से निकली स्टेम कोशिकाओं को फिल्टर करके स्टेम कोशिकाएँ प्राप्त की जाती हैं। फिर इन स्टेम कोशिकाओं को या तो संग्रहीत किया जाता है या जमाया जाता है, और उच्च खुराक कीमोथेरेपी सहित प्रत्यारोपण कंडीशनिंग देने के बाद रोगी में वापस स्थापित कर दिया जाता है।
- एलोजेनिक अस्थि मज्जा प्रत्यारोपण: जब रोगी और दानकर्ता समान आनुवांशिक प्रकार के होते हैं, तब इस प्रक्रिया का उपयोग किया जाता है। स्टेम कोशिकाएँ आनुवंशिक रूप से मेल खाने वाले दाता, जैसे कि भाई या बहन जैसे रिश्तेदार या असंबंधित या अजनबी हों या एक-दूसरे से संबंधित न हों, से प्राप्त की जा सकती हैं।
- गर्भनाल (Umbilical cord) रक्त प्रत्यारोपण: इस प्रत्यारोपण में एक ऐसी प्रक्रिया शामिल होती है जिसमें डिलीवरी के तुरंत बाद माँ के गर्भनाल से अपरिपक्व स्टेम कोशिकाओं को संग्रहित किया जाता है, परीक्षण किया जाता है, टाइप किया जाता है और तब तक जमाया या फ्रीज किया जाता है जब वे आवश्यक होते हैं। ऐसे स्टेम कोशिकाएँ जो गर्भनाल से प्राप्त होती हैं, उनका आनुवंशिक मिलान होना आवश्यक नहीं होता है।
अस्थि मज्जा प्रत्यारोपण की प्रक्रिया
अस्थि मज्जा प्रत्यारोपण प्रक्रिया एक रक्त परिवर्तन प्रक्रिया के समान होती है और कई दिनों की अवधि में पूरी की जाती है। स्टेम कोशिकाओं को उपचार वाले दिन से पहले ही एकत्रित कर लिया जाता है, चाहे किसी दाता का उपयोग किया गया हो या रोगी की खुद की स्टेम कोशिकाएँ। रोगी को पहले उच्च डोज कैमोथेरेपी और/या रेडियोथेरेपी दी जाती है, जिसे प्रत्यारोपण प्रक्रिया के एक चरण के रूप में "कंडीशनिंग" कहा जाता है, ताकि रोगी की रोगग्रस्त या क्षतिग्रस्त अस्थि मज्जा को नष्ट किया जा सके, जिससे नई स्टेम कोशिकाओं के लिए जगह बन सके। यह प्रक्रिया रोगी के प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर कर देती है, इसलिए रोगी को HEPA फिल्टर सहित विशेष सुविधाओं वाले एक अलग स्थान में अस्पताल में भर्ती होना होता है, जिसमें जीवन को खतरे में डालने वाले संक्रमण के खतरे को कम करने के लिए विशेष सुविधाएँ शामिल होती हैं।
फिर दाता से प्राप्त स्टेम कोशिकाओं को सेंट्रल वेनस कैथेटर का उपयोग करके रक्त प्रवाह में प्रवेश कराया जाता है, जिससे ये कोशिकाएँ रक्त प्रवाह से अस्थि मज्जा तक पहुंचती हैं। एक बार प्रत्यारोपण सफलतापूर्वक हो जाने के बाद, संक्रमणों और जटिलताओं को रोकने के लिए बड़ी सावधानी बरतनी पड़ती है।
जोखिम और जटिलताएँ
अस्थि मज्जा प्रत्यारोपण एक महत्वपूर्ण चिकित्सा प्रक्रिया होती है जिसके दौरान या प्रक्रिया के बाद कुछ समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं। अस्थि मज्जा प्रत्यारोपण प्रक्रिया के दौरान रोगी को कई हफ़्ते अस्पताल में बिताने की आवश्यकता होती है क्योंकि रोगी जीवन के लिए खतरनाक संक्रमणों के प्रति संवेदनशील होते हैं और उन्हें निकट निगरानी की आवश्यकता होती है। विभिन्न कारक जटिलताएँ उत्पन्न करने की संभावना को प्रभावित करते हैं, जिनमें रोगी की आयु, रोग की स्थिति, समग्र स्वास्थ्य स्थिति, प्रत्यारोपण के प्रकार शामिल हैं। प्रत्येक व्यक्ति प्रत्यारोपण प्रक्रिया के प्रति विभिन्न प्रतिक्रिया दिखाता है और वो अलग-अलग लक्षण और समस्याओं का सामना कर सकता है।
स्टेम कोशिकाओं के संग्रहण के लिए तैयारी की जरूरत होती है, जिसमें स्टेम कोशिकाओं को अस्थि मज्जा से परिधीय रक्त में ले जाने के लिए इंजेक्शन देने शामिल होते हैं। इस दौरान रोगी को दर्द, ठंड, बुखार, या फ्लू-जैसे लक्षण अनुभव हो सकते हैं। स्टेम कोशिकाओं को सामान्य रूप से सेंट्रल वेनस कैथेटर का उपयोग करके संग्रहित किया जाता है जिसमें रक्तस्राव और दर्द का जोखिम होता है। कंडीशनिंग से संबंधित समस्याएँ उच्च मात्रा की कैमोथेरेपी के समान ही होती हैं और इसमें उल्टी, मतली, दस्त, मुख में अल्सर, संक्रमण और रक्तस्राव का जोखिम, या बालों का गिरना शामिल है। स्टेम सेल्स इंफ्यूजन के दौरान इंफ्यूजन प्रतिक्रिया, उल्टी, ठंड, या ठंड के साथ कंपन, खुजलीदार चकत्ते, या सीने में दर्द का जोखिम शामिल है। इस दौरान उल्टी, मतली, दस्त, मुख में अल्सर, कमजोरी, या मानसिक स्थितियाँ जैसे भावनात्मक परेशानी और अस्थायी मानसिक भ्रम, भी प्रकट हो सकते हैं। अस्थि मज्जा प्रत्यारोपण प्रक्रिया में जीवन को खतरे के जोखिम के साथ-साथ सेप्सिस, महत्वपूर्ण अंगों में रक्तस्राव के कारण आईसीयू देखभाल की आवश्यकता हो सकती है और मृत्यु का खतरा भी हो सकता है। कुछ समस्याएँ जो अकेली या संयुक्त रूप से होने की संभावना हैं, वे निम्नलिखित हैं:
- संक्रमण: अस्थि मज्जा में गंभीर दबाव कई प्रकार के संक्रमणों का कारण हो सकता है। ये संक्रमण ट्रांसप्लांट प्रक्रिया को रोक सकते हैं या विलंबित कर सकते हैं और अंगों को स्थायी नुकसान पहुंचा सकते हैं। एक कमजोर प्रतिरक्षा वाले रोगी के लिए बैक्टीरियल, वायरल या फंगल संक्रमण प्राणघातक हो सकते हैं।
- प्लेटलेट्स और लाल रक्त कोशिकाओं में कमी होना: ये स्थितियाँ अस्थि मज्जा की कमी या कार्यशील न होने का परिणाम होती हैं। इन्हें रक्त तत्वों के ट्रांस्फ्यूजन के साथ प्रबंधित किया जा सकता है और आमतौर पर ये उपचार-योग्य होते हैं। हालांकि वे हृदय की विफलता या फेफड़ों, मस्तिष्क या पाचन तंत्र सहित महत्वपूर्ण अंगों में रक्तस्राव के कारण जीवन के लिए खतरा सिद्ध हो सकते हैं।
- दर्द: कीमोथेरेपी और रेडियोथेरेपी की उच्च खुराक मुँह में छाले और पाचन तंत्र में जलन दर्द और असहजता का कारण हो सकते हैं।
- साँस-संबंधी समस्याएँ: संक्रमण, शरीर में सूजन, और रक्तस्राव जैसे कारक शरीर की फेफड़ों और फुफ्फुसीय प्रणाली को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकते हैं और यह प्राणघातक भी सिद्ध हो सकते हैं।
- एक साथ अनेक अंगों में क्षति: प्रत्यारोपण प्रक्रिया के कारण शरीर के विभिन्न अंगों जैसे कि लिवर, किडनी और हृदय को अस्थायी या स्थायी क्षति पहुंच सकती है। संक्रमण, फ्लूड ग्राफ्ट-वर्सस-होस्ट बीमारी, कीमोथेरेपी और विकिरण की उच्च खुराक इस प्रकार की अंग क्षति के पीछे के मुख्य कारण हो सकते हैं।
- ग्राफ्ट असफलता: यह एक गंभीर जटिलता होती है जो जीवन के लिए खतरनाक हो सकती है। यह तब होती है जब रोगी की प्रतिरक्षा प्रणाली या संक्रमण के कारण प्रत्यारोपित दाता की स्टेम कोशिकाएँ नष्ट हो जाती हैं और प्रत्यारोपण विफल हो जाता है।
- ग्राफ्ट-बनाम-होस्ट रोग (जीवीएचडी): यह अस्थि मज्जा प्रत्यारोपण की एक गंभीर जटिलता है और कुछ मामलों में प्राणघातक सिद्ध हो सकती है। ऐसा तब होता है जब दाता की प्रत्यारोपित प्रतिरक्षा प्रणाली रोगी की प्रणाली के खिलाफ प्रतिक्रिया करती है और रोगी के शरीर और उसके सभी अंगों पर हमला करती है। जीवीएचडी का सबसे आम स्थान पाचन तंत्र, यकृत, त्वचा और फेफड़े हैं।
एक अस्थि मज्जा प्रत्यारोपण एक बड़ी चिकित्सा प्रक्रिया होती है जिसमें निदान और दीर्घकालिक जीवन की संभावना विभिन्न कारकों पर निर्भर करती है।
मेदांता मेडसिटी में, हमारे पास विशेषज्ञों की एक टीम है जो प्रक्रिया की तैयारी में मदद करती है और अस्थि मज्जा प्रत्यारोपण की आवश्यकता और विशेष रोगी और बीमारी के लिए ट्रांसप्लांट के उपयुक्त प्रकार के बारे में भी मार्गदर्शन प्रदान करते हैं। मेदांता के कैंसर उपचार केंद्र में रोगियों को अत्याधुनिक बुनियादी ढांचे, शीर्ष हेमेटो-ऑन्कोलॉजिस्ट की अत्यधिक विशिष्ट टीम का लाभ मिलता है, जो सभी प्रकार के अस्थि मज्जा प्रत्यारोपण और इसके दुष्प्रभावों को सँभालने में विशेषता रखते हैं। यह सुनिश्चित करने के लिए कि देखभाल योजना हमारे रोगियों के लिए सर्वोत्तम संभव परिणाम दे रही है, हमारे पास मानक और नवीन उपचारों में व्यापक अनुभव है। मेदांता मेडसिटी में हम अपने रोगियों की विशेष आवश्यकताओं का ध्यान रखते हैं ताकि उन्हें सर्वोत्तम सुखद अस्थि मज्जा प्रत्यारोपण उपचार प्रदान हो, और यदि आवश्यक हो, तो अपने रोगियों को उचित लागत पर दानकर्ता ढूंढने में भी मदद करते हैं।
This blog is a Hindi version of an English-written Blog - All you need to know about Bone Marrow Transplant