हृदय रोग: महत्वपूर्ण संकेत, लक्षण और हृदय की समस्याओं के प्रकार

हृदयरोग एक बड़ा अध्ययन क्षेत्र है और इसके विभिन्न रूपों को समझना कठिन हो सकता है। आइए विभिन्न ह्रदय रोगों के लक्षणों के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करें।
8 आम हृदयरोग के लक्षण और संकेत
विभिन्न हृदयरोग के सबसे सामान्य संकेत नीचे बताये गये हैं, जिन पर आपको ध्यान देने की आवश्यकता है।
जन्मजात हृदयरोग
इसमें हृदय के विभिन्न जन्मजात दोष आते हैं। सामान्य कंजेनाइटल हृदय दोषों में ह्रदय के वाल्व, दीवारें, धमनियों और नसों के निर्माण सम्बंधी स्थिति शामिल होती हैं।
वयस्कों में इसके लक्षण निम्न हैं:
- सांसों में परेशानी
- शारीरिक गतिविधि के लिए सीमित क्षमता होना
बच्चों में इनके अलावा और भी लक्षण शामिल होते हैं:
- साइनोसिस- त्वचा, होंठ और नाखूनों का नीले रंग का दिखाई देना
- भूख का न लगना
- तेज़ साँसे
- वजन बढ़ने में दिक़्क़त आना
- बार-बार फेफड़ों के संक्रमण
- व्यायाम के लिए सीमित क्षमता
हार्ट फेलियर
हार्ट फेलियर या कंजेस्टिव हार्ट फेलियर की स्थिति में उच्च रक्तचाप और संकीर्ण धमनियों जैसे मुद्दों के कारण आपका ह्रदय शरीर में रक्त को कुशलता से पंप करने में असमर्थ होता है।
हृदयघात के मुख्य लक्षण निम्न हो सकते हैं:
- छोटी-छोटी साँस आने के साथ सूखी खांसी
- वजन में अप्राकृतिक वृद्धि
- पैर या पेट में सूजन
- चक्कर आना
- सामान्य थकान
- त्वरित और अनियमित दिल की धड़कन
- जी मिचलाना
- धड़कन महसूस होना (पल्पिटेशन)
- अनियमित नींद पैटर्न
हार्ट अटैक
हार्ट अटैक या मायोकार्डियल इंफार्क्शन आपके हृदय की मांसपेशियों में रक्त के प्रवाह के अचानक बंद होने के कारण हृदय के ऊतकों की क्षति को कहते हैं।
दिल के दौरे के मुख्य लक्षण निम्न होते हैं:
- बाएं हाथ या छाती में दर्द, भारीपन या कसाव का एहसास
- सीने में जलन, अपच, गला दबने या भारी होने का अनुभव
- पीठ, बांह, गले और जबड़े तक फैलने वाला दर्द
- चक्कर आने के साथ ज्यादातर पसीना और उल्टी का अनुभव
- तेज़ कमजोरी, चिंता की भावना
- अनियमित और तेज़ हृदय गति का अनुभव
हृदय वाल्व रोग
हृदय वाल्व रोग, हृदय की एक या एक से अधिक वाल्व में कम रक्त प्रवाह के कारण होने वाली स्थिति के परिणामस्वरूप उत्पन्न होता है।
हृदय वाल्व रोग के निम्न लक्षण हो सकते हैं:
- सांस लेने में कठिनाई
- चक्कर आना
- बेहोशी आना
- शारीरिक गतिविधि के दौरान छाती में भारीपन महसूस होना
- पल्पिटेशन
- हार्ट मर्मर
- पैर या पेट में सूजन
- असामान्य वजन में बढ़ोतरी
हृदय मांसपेशी रोग (कार्डियोमायोपैथी)
कार्डियोमायोपैथी की स्थिति हृदय मांसपेशियों के कठोर होने के कारण होती है। यह स्थिति हृदय से रक्त को शरीर में पंप करने की क्षमता को प्रभावित करती है।
कार्डियोमायोपैथी के निम्न लक्षण हो सकते हैं:
- छाती में दबाव वाला दर्द, खासकर शारीरिक गतिविधि के बाद
- एक्यूट हार्ट फेलियर
- हाथों और पैरों में सूजन
- थकान
- बेहोशी
- पल्पिटेशन
अरिथमिया
आपके हृदय की धड़कनों के ताल और दर में असामान्य अनियमितताओं के कारण यह स्थिति पैदा होती है। इस स्थिति के कारण आपके हृदय की धड़कनें सामान्य दर से तेज़ या धीमी हो सकती हैं।
अरिथमिया के निम्न लक्षण हो सकते हैं:
- हृदय की धड़कन का स्किप होना
- छाती में ढोलक जैसे तेज धड़कन महसूस होना
- चक्कर और बेहोशी
- साँस में कंपन
- छाती में दर्द
- थकान
कोरोनरी आर्टरी डिजीस
कोरोनरी आर्टरी डिजीस हृदय की धमनियों में प्लाक के जमा होने के कारण होता है, जो हृदय के लिए रक्त प्रवाह में अवरोध पैदा करता है।
कोरोनरी धमनी रोग के निम्न लक्षण हो सकते हैं:
- एंजाइना: हृदय से कम रक्त प्रवाह के कारण छाती में तेज़ जलन जैसा दर्द। यह असहजता आमतौर पर हार्टबर्न का गलत निदान हो सकता है। इस जलन को पीठ, गर्दन और कंधों जैसे शरीर के अन्य ऊपरी हिस्सों में भी महसूस किया जा सकता है।
- साँस से कंपकंपी
- पल्पिटेशन
- तेज़ हृदय गति
- तीव्र थकान और चक्कर महसूस होना
- मतली
- बहुत अधिक पसीना आना
पेरिकार्डाइटिस
पेरिकार्डाइटिस में हृदय को घेरने वाली मेम्ब्रेन में उत्तेजना और सूजन आती है।
पेरिकार्डाइटिस के निम्न लक्षण हो सकते हैं:
- छाती में दर्द: पेरिकार्डाइटिस का दर्द तेज़ और मुख्यतः छाती के बीच में महसूस होता है। यह दर्द गर्दन, पीठ और ऊपरी अंगों तक फैल सकता है और अगर आप सीधे लेटने, खाँसने, निगलने या गहरी सांस लेने की कोशिश करें तो यह बढ़ जाता है।
- हल्का बुख़ार
- बढ़ी हुई हृदय दर
अगर आपको ऐसा लगता है कि आपको हार्ट अटैक हो रहा है, तो तुरंत इमरजेंसी सेवाओं को कॉल करके अपने नजदीकी अस्पताल में जायें ताकि हार्ट अटैक के कारण होने वाले ह्रदय के ऊतकों की क्षति कम हो सकें।