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रक्त परिसंचरण तंत्र (Circulatory System): यह कैसे काम करता है?

रक्त परिसंचरण तंत्र (Circulatory System): यह कैसे काम करता है?

हमारा शरीर विभिन्न कोशिकाओं से बना होता है, जिनमें पोषक तत्वों को संसाधित करने और विभिन्न कार्य करने के लिए अपनी आंतरिक प्रणालियाँ होती हैं। इन सभी कोशिकाओं को सही कार्य करने के लिए ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की पर्याप्त आपूर्ति और बनने वाले हानिकारक अपशिष्ट उत्पादों को हटाने के लिए उपयुक्त वातावरण की आवश्यकता होती है। हालाँकि, आपका शरीर आकर में बड़ा है। फेफड़ों में ऑक्सीजन और आंतों में पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में उपलब्ध होते हैं। किडनी आपके शरीर में से अपशिष्ट पदार्थों को बाहर निकालते है। लेकिन, ये अंग एक-दूसरे से काफी दूरी पर स्थित होते हैं। इसीलिए शरीर के इन सभी कार्यों के लिए रक्त परिसंचरण तंत्र की आवश्यकता होती है। यह परिसंचरण तंत्र आपके शरीर के सभी अंगों को आपस में जोड़ती है, और लसीका (lymphatic) और तंत्रिका तंत्र के सहयोग से आपके शरीर में एक स्थिर परिवहन तंत्र बनाये रखती है। 

 

रक्त परिसंचरण तंत्र किस कार्य में मदद करता है?

 

शरीर में रक्त परिसंचरण तंत्र एक आपूर्ति श्रृंखला की तरह काम करता है जो पोषक तत्वों, ऑक्सीजन, अपशिष्ट उत्पादों और अन्य आवश्यक कार्यों के लिए एक प्रणाली बनाता है। इस नेटवर्क का उपयोग करने वाले शरीर के कुछ कार्य निम्न हैं:

  • फेफड़ों से ऑक्सीजन को ऊतकों तक और कार्बन डाइऑक्साइड को ऊतकों से वापस फेफड़ों तक पहुँचाना
  • आंतों से विभिन्न पोषक तत्वों को यकृत तक और फिर विभिन्न ऊतकों तक पहुंचाना
  • आवश्यक इलेक्ट्रोलाइट्स और खनिजों का परिवहन करना 
  • कोशिकाओं से अपशिष्ट पदार्थों को किडनी, त्वचा और ग्रंथियों में उत्सर्जन के लिए ले कर जाना 
  • यह आपके शरीर में उपस्थित विभिन्न ग्रंथियों को आवश्यक मेटाबोलाइट्स (कच्चे माल) पहुँचाना और शरीर के कार्यों को नियंत्रित करने के लिए इन ग्रंथियों द्वारा बनाए गए हार्मोन को पूरे शरीर में प्रवाहित करता है।
  • कोशिकाओं के उत्कृष्ट कार्य करने के लिए पूरे शरीर में सही वातावरण बनाना और आवश्यक संसाधनों का लगातार पुनर्वितरण करना 
  • चोट लगने के बाद घावों को भरने और संक्रमण को रोकने के लिए थक्कों के माध्यम से छिद्रों को बंद करना
  • पूरे शरीर का तापमान नियंत्रित करना 
  • आपके प्रतिरक्षा प्रणाली के घटकों को शरीर में घुसे रोगजनक कारकों पर हमला करने के लिए उस स्थान तक ले कर जाना 

 

रक्त परिसंचरण तंत्र कैसे कार्य करता है?

 

ह्रदय और रक्त वाहिकाएँ मिलकर रक्त परिसंचरण तंत्र बनाते हैं। शिराएँ (veins) ऊतकों से कार्बन डाइऑक्साइड और अन्य अपशिष्ट उत्पाद वाला रक्त वापस लाने में मदद करते हैं। 

  • दिल का दाहिना भाग: शरीर की सभी नसें एक साथ मिलकर दो प्रमुख नसों में जुड़ती हैं जिन्हें सुपीरियर और इनफीरियर वेना केवा कहते है। ये वेना केवा आपके हृदय के ऊपरी दाएँ कक्ष में जुड़ते हैं। ह्रदय के ऊपरी दाएँ कक्ष से रक्त  निचले दाएं कक्ष में जाता है, जहां से यह बलपूर्वक आपके फेफड़ों में भेजा जाता है। फेफड़ों में रक्त कार्बन डाइऑक्साइड छोड़ता है और ऑक्सीजन प्राप्त करता है। 
  • ह्रदय का बायाँ भाग: आपके फेफड़ों से ऑक्सीजन-युक्त रक्त आपके ह्रदय के ऊपरी बाएँ कक्ष में भेजा जाता है। आपके दिल में, बाएँ और दाएँ कक्ष आपस में जुड़े नहीं हैं, लेकिन ऊपरी और निचले कक्ष वाल्वों के माध्यम से आपस में जुड़े होते हैं। इस प्रकार रक्त आपके हृदय के निचले बाएँ कक्ष (बाएँ वेंट्रिकल) में पहुंचता है, जो ह्रदय का सबसे शक्तिशाली पंपिंग तंत्र है।
  • रक्त वाहिकाएँ: बायां वेंट्रिकल रक्त प्रवाह और रक्तचाप को बनाए रखने के साथ-साथ सिस्टम को सामान्य रखने के लिए रक्त वाहिकाओं को चारों तरफ़ घेरने वाली मांसपेशियों के सहयोग से रक्त को पंप करता है। रक्त वाहिकाएँ दो प्रकार की होती है, जिसमें से धमनियाँ (arteries) हृदय से रक्त शरीर के विभिन्न अंगों में ले जाती हैं और शिराएँ (veins) रक्त को शरीर के अंगों से हृदय तक ले जाती हैं। धमनियाँ आगे विभाजित हो कर छोटी वाहिकाएँ बन जाती हैं जिन्हें आर्टिरियल्स (arterioles) कहा जाता है और जो आगे छोटी केशिकाओं (capillaries) में बँट जाती हैं। ये केशिकाएँ ऊतकों तक पहुंचती हैं और फिर मिलकर वेन्यूल्स बनाती हैं, जो नसों (veins) में फिर से जुड़ जाती हैं। आपके पैरों की मांसपेशियाँ भी रक्त के प्रवाह में मदद करती हैं क्योंकि यहाँ रक्त विभिन्न नसों के माध्यम से यात्रा करता है।
Dr. Jyoti Wadhwani
Internal Medicine
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