ब्रेन ट्यूमर: कारण, संकेत, और लक्षण
ब्रेन ट्यूमर आपके मस्तिष्क में अनियमित विभाजित होती हुई असामान्य कोशिकाओं का एक ढेर है। अधिकांश ब्रेन ट्यूमर आम तौर पर बिनाइन (benign) होते हैं और धीरे-धीरे वृद्धि करते हैं, लेकिन कुछ मैलिगनंट (malignant) कैंसर घातक सिद्ध हो सकते हैं और तेजी से बढ़ते हैं। मस्तिष्क के कैंसर के सबसे आम लक्षणों में कुछ ही दिनों से शुरू हुआ सिरदर्द, मतली, उल्टी, नींद में दिक़्क़त, और लगातार थकावट महसूस होना शामिल है। ब्रेन ट्यूमर की उपचार योजना और उनके परिणाम को कई कारक, जैसे ट्यूमर का प्रकार और आकार, कैंसर का स्थान और इसकी वृद्धि दर, प्रभावित करते हैं। हालांकि, शल्य चिकित्सा तकनीकों में आयी आधुनिक प्रगति ने उपचार के परिणामों और रोगी के जीवित रहने की दर में महत्वपूर्ण सुधार किया है।
ब्रेन ट्यूमर क्या होता है?
ब्रेन ट्यूमर आपके मस्तिष्क में असामान्य कोशिकाओं की एक गांठ (lump) है। इन ब्रेन ट्यूमर को प्राथमिक (primary) और द्वितीय (secondary) ब्रेन ट्यूमर में वर्गीकृत किया जाता हैं। प्राथमिक ब्रेन ट्यूमर मस्तिष्क की कोशिकाओं में असामान्य वृद्धि के कारण ही बनते हैं, जबकि द्वितीय ब्रेन ट्यूमर मस्तिष्क की कोशिकाओं को छोड़कर शरीर की अन्य कोशिकाओं से विकसित होते हैं। इसके साथ-साथ, ब्रेन ट्यूमर को बिनाइन और मैलिगनंट ट्यूमर में भी वर्गीकृत किया जाता हैं।
बिनाइन ब्रेन ट्यूमर : ये अपेक्षाकृत धीरे वृद्धि करते हैं और मस्तिष्क से शरीर के अन्य भागों में नहीं फैलते हैं। कुछ सामान्य बिनाइन ब्रेन ट्यूमर निम्न हैं:
• मेनिनजिओमास
• श्वान्नोमास
• क्रानियोफेरीन्जिओमास
• कॉर्डोमास
• गंग्लियोसाइटोमास
• ग्लोमस जुगुलारे
• पाइनोसाइटोमास
• पिट्यूटरी एडेनोमास
मैलिगनंट ब्रेन ट्यूमर : ये मस्तिष्क में अत्यधिक तेज़ी से वृद्धि करते हैं और मस्तिष्क से शरीर के अन्य भागों में फैल भी सकते हैं। कुछ सामान्य मैलिगनंट ब्रेन ट्यूमर निम्न हैं:
• एस्ट्रोसाइटोमा
• एपनडायमोमा
• ओलिगोडेंड्रोग्लिओमास
• ग्लियोब्लास्टोमा मल्टीफार्म
• मेडुलोब्लास्टोमा
ब्रेन ट्यूमर होने के क्या कारण हैं?
साधारणत: ब्रेन ट्यूमर तब बनता है जब मस्तिष्क कि कुछ कोशिकाएँ आकार या संख्या में असामान्य रूप से वृद्धि करने लगती है। आम तौर पर शरीर की प्रत्येक कोशिका में उपस्थित डीएनए में संग्रहीत निर्देशों द्वारा कोशिका विभाजन या वृद्धि की प्रक्रिया को नियंत्रित किया जाता है। कभी-कभी इस डीएनए में संग्रहीत जानकारी में परिवर्तन (mutation) हो जाता है,जिससे कोशिका गतिविधि असामान्य हो जाती है। इसके फलस्वरूप असामान्य गांठ या ट्यूमर बनने लग जाता है। कुछ जोखिम कारक ब्रेन ट्यूमर की संभावना को बढ़ाते हैं, जैसे कि:
1. उम्र: हालाँकि ब्रेन ट्यूमर किसी को किसी भी उम्र में हो सकता है, लेकिन ज़्यादातर यह छोटे बच्चों और वृद्ध लोगों में आम है।
2. लिंग: पुरुषों में ब्रेन कैंसर होने की संभावना महिलाओं की तुलना में अधिक होती है।
3. पारिवारिक इतिहास: आनुवंशिक कारक सभी ब्रेन ट्यूमर में से लगभग 5% ब्रेन ट्यूमर के लिए जिम्मेदार होते हैं।
4. घर और कार्यस्थल का वातावरण: घर और कार्यस्थल पर कीटनाशकों, सॉल्वैंट्स, विनाइल क्लोराइड, तेल उत्पादों और रबर के संपर्क में आने से ब्रेन कैंसर होने की संभावना बढ़ सकती है, हालांकि इसका कोई वैज्ञानिक पुष्टिकरण नहीं हुआ है।
5. संक्रमण: मस्तिष्क में संक्रमण से सीएनएस लिंफोमा होने की संभावना बढ़ जाती है।
6. सिर पर चोट: हालाँकि कुछ अध्ययनों में विशेषज्ञों ने गहरी सिर की चोट और ब्रेन ट्यूमर, विशेष रूप से मेनिन्जियोमा, के बीच संबंध पाया है, लेकिन ब्रेन ट्यूमर और सिर की चोट के सहसंबंधन के पुख़्ता सबूत अभी भी अपर्याप्त हैं।
7. आयनित रेडिएशन: शरीर या मस्तिष्क पर की गई पुरानी रेडिएशन थेरेपी की वजह से ब्रेन ट्यूमर होने का ख़तरा बढ़ जाता है।
8. विद्युत चुम्बकीय क्षेत्र के लगातार संपर्क में रहना: हालाँकि, मोबाइल फोन और बिजली लाइनों के उपयोग और वयस्कों में मस्तिष्क के कैंसर के विकास के बीच कोई सीधा संबंध नहीं है। फिर भी विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार ब्रेन ट्यूमर के ख़तरे को कम करने के लिए वयस्कों और बच्चों को अपने सेल फोन के उपयोग को सीमित करना चाहिए और हो सके तो हैंड्स-फ्री हेडफ़ोन का ही इस्तेमाल करना चाहिए।
ब्रेन ट्यूमर के संकेत और लक्षण
ब्रेन ट्यूमर के लक्षण उसके प्रकार, विकास की दर, स्थान और ट्यूमर की गंभीरता पर निर्भर कर सकते हैं। धीमी गति से बढ़ने वाले ट्यूमर का व्यक्ति को तब तक पता नहीं चल पाता जब तक कि वे पर्याप्त बड़े नहीं हो जाते और आस-पास की नसों पर दबाव डालते हैं, जिससे विभिन्न लक्षण महसूस होते हैं। बोलने, देखने, और सुनने की क्षमता और संचलन जैसी कुछ गतिविधियों के लिए मस्तिष्क के महत्वपूर्ण क्षेत्रों में बनने वाले ट्यूमर उन क्षमताओं में कमी का कारण बनते हैं। ब्रेन ट्यूमर के कुछ सामान्य लक्षण निम्नलिखित हैं:
• सिरदर्द, विशेष रूप से सुबह उठते ही
• उल्टी और जी मिचलाना
• आपकी बोलने, सुनने या देखने की क्षमता में परिवर्तन
• संतुलन और चलने में दिक़्क़त
• स्मृति या याद रखने में समस्या
• थकान दिन भर नींद आते रहना
• मूड या व्यवहार में परिवर्तन
• दौरे आना
ब्रेन ट्यूमर का इलाज़ क्या है?
मेडिकल विज्ञान में पिछले कुछ दशकों में काफी प्रगति हुई है। ब्रेन ट्यूमर के इलाज़ में भी कही तकनीकों का इज़ाद हुआ है जिससे इसे रोकना या ख़त्म करना संभव हो सकता है। शल्य चिकित्सा, विकिरण चिकित्सा (रेडिएशन थेरेपी) और कीमोथेरेपी से सिर के ट्यूमर का उपचार किया जा सकता है। आपका डॉक्टर सर्जरी की सलाह तब देता है जब ट्यूमर मस्तिष्क के भीतर हो और कहीं और फैला नहीं हो। जब सर्जन शल्य चिकित्सा करता है तो उसका उद्देश्य स्वस्थ मस्तिष्क ऊतकों को बिना नुकसान पहुंचाए जितना संभव हो सकता है उतना ट्यूमर कोशिकाओं को निकालने का होता है। विकिरण चिकित्सा ( रेडिएशन थेरेपी) का उपयोग ट्यूमर को और अधिक बढ़ने से रोकने के लिए किया जाता सकता है। ज्यादातर अवसरों पर आपका डॉक्टर इन उपचारों का एक संयोजन तैयार करके आपके लिए सर्वोत्तम ट्रीटमेंट प्लान बनाते हैं। एक न्यूरोसर्जन से आप अपनी बिमारी को समझ सकते हैं और आपके शारीरिक जरूरतों के अनुसार एक बेस्ट ट्रीटमेंट प्लान पा सकते हैं।
This blog is a Hindi version of an English-written blog - Brain tumor: Causes, Signs, and Symptoms