पांच आम मौखिक रोग और उनका इलाज कैसे किया जाता है
पांच आम मौखिक रोग और उनका इलाज कैसे किया जाता है
पंच तत्वों से बने इंसानी शरीर के किसी भी हिस्से में यदि किसी प्रकार का रोग लग जाए तो उस हिस्से के साथ ही पूरा शरीर प्रभावित हो जाता है और ऐसे ही एक अभिन्न हिंसा हमारे शरीर का मुँह भी है जहाँ मौखिक रोग के कारण इंसान का पूरा शरीर इस रोग के कारण प्रभावित हो जाता है। मुख्य रूप से मुह के भीतर लगने वाले इन रोगों में दंत क्षय, हर्पैंगिना, पेरिओडोन्टल, मौखिक थ्रश, कैंसर घाव और मौखिक हर्प जैसे रोग शामिल हैं. चलिए इनके बारे में अब आपको विस्तार से जानकारी देते हैं और सबसे पहले बात करते हैं पेरिओडोन्टल रोग के बारे में-
1- पीरियडोंटॉल रोग क्या है और इसका उपचार
पेरिओडोन्टल रोग- पेरिओडोन्टल रोग एक ऐसा रोग है जिसे मसूड़ों की बीमारी भी कहा जा सकता है। ऐसी स्थिति में मसूड़ों में खून आने के साथ ही सूजन होती है। पेरिओडोन्टल रोग का यदि समय से इलाज नहीं कराया जाता तो इस स्तिथि में इंसान अपने दांतों को हमेशा के लिए भी खो सकता है। दंत चिकित्सकों की मानें तो इस तरह की बीमारी रंगहीन व चिपचिपे पट्टिका की वजह से होती है।
बता दें कि पेरिओडोन्टल रोग में आपके मसूड़े आपके दांतों से जुदा हो जाते हैं और आप के मसूड़े सामान्य रेखा से नीचे हो जाते हैं। यही नहीं पेरिओडोन्टल रोग को फैलाने वाले बैक्टीरिया और मसूड़ों में भी संक्रमण फैलाने का काम करते हैं और इसके साथ ही आपके ऊतकों को तोड़ना शुरू कर देते हैं ये वही ऊतक होते हैं जो आपके दांतों को एक साथ होने में मदद करते हैं।
उपचार - पेरिओडोन्टल रोग से छुटकारा पाने के लिए दंत चिकित्सक सबसे पहले आपके दांतों में संक्रमण फैलाने वाले बैक्टीरिया को रोकने का काम करते हैं जिसके लिए गहरी सफाई, रूट प्लानिंग के साथ ही स्केलिंग की प्रक्रिया अमल में लाई जाती है जिससे मसूड़ों में मौजूद बैक्टीरिया से छुटकारा पाने में मदद मिलती है। यही नहीं कई बार मसूड़ों में मौजूद टाटरको हटाने के लिए चिकित्सक लेजर प्रक्रिया का भी उपयोग करते हैं जिससे मसूड़ों में मौजूद सूजन को कम करने में मदद मिलती है |
2- दंत क्षय रोग व उपाय
दंत क्षय रोग संक्रमण से फैलने वाली बीमारी है जिसका शाब्दिक अर्थ ही उसका मूल उद्देश्य होता है। यानी कि दंत क्षय एक ऐसी बीमारी है जिसमें धीरे-धीरे दांत नष्ट होने लगते हैं। यह बीमारी दो जीवाणुओं की वजह से होती है जिनका नाम स्ट्रेप्टोकॉकस म्युटांस और लैक्टोबैसिलस होता है। यदि समय रहते इस बीमारी का इलाज नहीं होता है तो इसके कारण आपको हमेशा के लिए अपने दांतों को खोना भी पड़ सकता है।
उपचार - दंत क्षय रोग को खत्म करने के लिए स्वच्छता का अधिक ध्यान रखने की आवश्यकता होती है। इसके साथ ही सामयिक फ्लोराइड का इस्तेमाल करने से भी दंत क्षय से क्षतिग्रस्त छिद्रों को दोबारा भरा जा सकता है। यही नहीं इसके साथ ही चिकित्सक विशेष मौखिक कुल्ला करने के भी उपाय सुझाते हैं जिससे बैक्टीरिया के प्रभाव को कम किया जाता है। इसके आलावा डॉक्टर कई बार मरीज को ऐसी खाने वाली चीज खाने की सलाह देते हैं जिससे मुंह में लार ज्यादा आती है, लार के कारण भी दंत क्षय के प्रभाव को कम किया जा सकता है।
3- हर्पैंगिना रोग व उपचार
आम भाषा में कहा जाए तो हर्पैंगिना रोग एक तरह से मुंह में छालों की तरह होता है जिसमें मुह के अंदर बड़े बड़े छाले हो जाते हैं जो बेहद ही कष्टदायक होते है। हर्पैंगिना मुंह में एक संक्रमण की तरह फैलता है जो कॉक्ससैकी वायरस के कारण होता है।
उपचार- हर्पैंगिना रोग से निजाद पाने के लिए डॉक्टर दवाई देते हैं जिसका सेवन करने से इस रोग पर काबू पाया जाता है।
4- मौखिक थ्रश रोग व उपचार
मौखिक थ्रश मुह के अंदर विकसित होने वाला रोग है। जिससे जीभ लाल हो जाती है और इससे मुह में इतना दर्द होता हैं कि खाना तक निगलने में दिक्कत आती है। मौखिक थ्रश को यीस्ट संकरण भी कहा जाता है जो काफी कष्टदायी होता है।
उपचार- मौखिक थ्रश से संक्रमित होने पर डॉक्टर डायग्नोसिस के लिए थ्रोट स्वैब और एंडोस्कोपी की सलाह देते हैं जो की पूरी तरीके से मरीज की उम्र और बीमारी की गंभीरता पर निर्भर करता है।
5- मौखिक हर्पिस-
हर्पिस रोग को दाद संक्रमण के रूप में भी जाना जाता है जो मुह या होंठ के पास घाव जैसा दिखता है। ये रोग मुख्य रूप से स्राव या फिर टूथब्रश जैसी सामान्य वस्तुओं से भी हो सकता है। देखने में ये रोग मुह पर फफोलों जैसा दिखता है जिसकी वजह से रोगी को त्वचा में जलन व खुजली होती है।
उपचार- मौखिक हर्पिस के उपचार के लिए विशेषकर डॉक्टर एन्टी वायरल दवाइयां देते हैं जिससे इस बीमारी का वायरस नष्ट हो जाता है यही नहीं हर्पिस के दानों पर लगाने के लिए मरहम आदि का उपयोग भी किया जाता है जिससे इसे ठीक किया जा सकता है.