एंटीबायोटिक दवाओं के दुष्प्रभाव क्या हैं? जब आप एंटीबायोटिक लेते हैं तो आपको क्या करना चाहिए?
एंटीबायोटिक के सामान्य साइड इफ़ेक्ट क्या हैं?
एंटीबायोटिक के सामान्य दुष्प्रभाव निम्नलिखित हैं:
1. पाचन-संबंधी लक्षण: लगभग 10% लोगों को एंटीबायोटिक्स लेने से पाचन-संबंधी लक्षण महसूस हो सकते हैं। जिनमें से मुख्य लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं:
- उल्टी
- उल्टी होने की तरह की भावना
- पानी जैसा मल
- पेट में आफ़रा (bloating) महसूस होना
- अपच
- पेट में दर्द
- कम भूख लगना
2. एलर्जिक प्रतिक्रिया: एंटीबायोटिक्स लेने वाले 15 में से लगभग 1 व्यक्ति को एलर्जिक प्रतिक्रियाएँ हो सकती हैं। इन प्रतिक्रियाओं में त्वचा में मामूली छाले से लेकर गंभीर छाले, सूजन या सांस लेने में परेशानी आदि शामिल हो सकते हैं।
3. बहुत कम मामलों में, विशेष रूप से इंजेक्टेबल एंटीबायोटिक्स लेने के बाद, अनाफिलैक्टिक प्रतिक्रिया हो सकती है, जो कि एक गंभीर प्रकार की एलर्जिक प्रतिक्रिया होती है जो जानलेवा भी हो सकती है। यदि एंटीबॉयोटिक्स लेने के बाद निम्न में से कोई लक्षण विकसित हो तो तुरंत आपातकालीन सहायता से संपर्क करें:
- चक्कर आना या बेहोशी की भावना
- सांस लेने में कठिनाई
- सांस लेते समय सीटी जैसी आवाज़ (wheezing) सुनायी देना
- हृदय गति तेज होना
- भ्रम होना और चिंता
- गिर पड़ना या बेहोशी आना
4. डिफ़िज़ाइल दस्त: सी. डिफ़िसाइल एक बैक्टीरिया है जो आपके पाचन तंत्र को तब प्रभावित करता है जब एंटीबायोटिक्स आपके गट में मौजूद अच्छे बैक्टीरिया को नष्ट कर देते हैं। वातावरण में उपस्थित दूषित सतह आपको संक्रमित कर सकता है ।
5. गट में मौजूद अच्छे बैक्टीरिया को नष्ट होने के कारण फंगल संक्रमण
6. शराब के साथ अवांछित प्रतिक्रिया
एंटीबायोटिक्स के ध्यान देने वाले साइड इफेक्ट्स क्या हो सकते हैं?
- टेट्रासाइक्लिन: ये एंटीबायोटिक्स लेने वाले व्यक्ति में प्रकाश के प्रति त्वचा की संवेदनशीलता तेज रोशनी के प्रति अवांछित प्रतिक्रिया का कारण बन सकते हैं।
- फ्लोरोक्विनोलोंस जैसे सिप्रोफ्लोक्सेसिन और नोर्फ्लोक्सेसिन: इन एंटीबायोटिक्स को लेने से व्यक्ति में विभिन्न अंगों में दर्द, ख़ासकर जोड़ों, मांसपेशियों और नसों में महसूस होते हैं। यदि आपको टेंडन, मांसपेशी या जोड़ों में दर्द महसूस होता है या आपको सुइयाँ चुभने जैसी संवेदना होती है, तो दवा लेना बंद करें और तुरंत अपने डॉक्टर से परामर्श करें। फ्लोरोक्विनोलोंस से हृदय-संबंधी समस्याएँ हो सकती हैं, खासकर जिन लोगों में वाल्व समस्याएँ होती हैं।
- एमिनोग्लाइकोसाइड्स, जैसे जेंटामाइसिन, अमिकेसिन या स्ट्रेप्टोमाइसिन: इन एंटीबायोटिक्स को लेने से व्यक्ति में सुनने से संबंधित समस्याएँ, जैसे सुनने में कमी या बहरापन हो सकते हैं।
क्या मैं एंटीबायोटिक्स लेना बंद कर दूँ अगर मुझे साइड इफेक्ट्स हो रहे हैं?
कभी भी ख़ुद से साइड इफेक्ट्स महसूस होने पर एंटीबायोटिक्स लेना बंद न करें, जब तक लक्षण बहुत गंभीर न हों, और इन्हें बंद करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह अवश्य लें। इसका कारण यह है कि जब आप एंटीबायोटिक्स के कोर्स के बीच में ही रोक देते हैं, तो यह एंटीबायोटिक रेजिस्टेंट बैक्टीरिया के विकास को प्रोत्साहित कर एक ओर गंभीर समस्या का कारण बन सकता है, जिसका इलाज करना कठिन होता है।
ऐसी सलाह क्यूँ दी जाती है कि मैं खुद से कोर्स के बीच में एंटीबायोटिक्स को बंद न करूँ?
हम इंसानों की तरह ही बैक्टीरिया भी एक-दूसरे से जेनेटिक भिन्नता के माध्यम से अलग-अलग होते हैं। इसके साथ वे बहुत तेजी से बढ़ते भी हैं, जो एक बड़ी समस्या होती है। जब आप कुछ दिनों के लिए एंटीबायोटिक्स लेते हैं, तो सबसे पहले वे बैक्टीरिया नष्ट होते हैं जो एंटीबायोटिक के प्रति सबसे अधिक संवेदनशील होते हैं। लेकिन जब आप अपना एंटीबायोटिक कोर्स पूरा करते हैं, तो एंटीबायोटिक बैक्टीरिया लोड को इतना कम कर देता है कि आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली कोई भी बचे हुए एंटीबायोटिक रेजिस्टेंट बैक्टीरिया को विकसित होने का मौका नहीं देते, और उन्हें पहले ही संभाल लेती है।
जब आप एंटीबायोटिक कोर्स के बीच में ही छोड़ देते हैं, तो बैक्टीरियल लोड अभी भी आपके प्रतिरक्षा प्रणाली के संभलने की क्षमता के लिए बहुत ऊँचा होता है। इससे एंटीबायोटिक रेजिस्टेंट बैक्टीरिया काफ़ी मात्रा में वृद्धि करने लग जाते हैं जो आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को प्रभावित करते हैं। यह एक गंभीर स्थिति हो सकती है, क्योंकि या तो ओर अधिक गंभीर साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं, या तो आपको संक्रमण से पूरी तरह से ठीक होने के लिए अधिक तीव्र एंटीबायोटिक दवाओं का उपयोग करना होगा, या आप संक्रमण से पूरी तरह ठीक नहीं हो पाएंगे।
आप जिन व्यक्तियों की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होती है उनमें संक्रमण को फैला भी सकते हैं और यह उनके लिए जानलेवा हो सकता है।
क्या मैं एंटीबायोटिक ख़ुद से ले सकता हूँ?
यह आकर्षक हो सकता है, क्योंकि एंटीबायोटिक्स कई बीमारियों का एकल समाधान जैसा लगते हैं। लेकिन यह वास्तव में इतना सरल और सही नहीं है। एंटीबायोटिक को आवश्यकता और कारण के अनुसार सटीक डोज़ में दिया जाना चाहिए, जिसे शरीर सहन कर सके, इस मात्रा को उम्र और कभी-कभी शरीर के वजन के लिए अनुसार तय किया जाता है। यदि आप वाइरल संक्रमणों के उपचार के लिए एंटीबायोटिक लेते हैं, तो आपको कोई लाभ नहीं होता है, बल्कि केवल साइड इफेक्ट्स ही होते हैं। एंटीबायोटिक लेने से पहले हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें। इससे आप न केवल खुद की मदद करेंगे, बल्कि इससे आप अपने आस-पास के लोगों की भी मदद करेंगे।